सैनिटाइजर के फायदे ,sanitizer kya hota hai ? और sanitizer meaning in hindi । और सैनिटाइजर बनाने के तरीका पर हम बात करने वाले हैं। sanitizer वर्ड वैसे तो भारत मे बहुत पहले से ही प्रचलित था लेकिन जब से कोरोना का कहर यहां पर आया है तब से सैनेटाइजर वर्ड बहुत अधिक पोपुलर हो चुका है। सैनेटाइजर अब लोग अपने घर के अंदर रखते हैं। और यह हाथ धोने के लिए काम आता है। आपको बतादें कि सैनेटाइजर कई प्रकार के आते हैं। और इनको अलग अल उदेश्य के लिए बनाया जाता है। सैनेटाइजर की मदद से हाथों को अच्छी तरह से साफ किया जा सकता है।
अभी कोरोना का कहर कम हुआ है। लेकिन हमारे यहां पर जब शादी हुई थी तो हमने भी बाजार से 5 लीटर सैनेटाइजर खरीदा था हालांकि वह किसी काम नहीं आया क्योंकि बहुत से लोगों ने इसका उपयोग किया ही नहीं था।अब तो वैसे भी लोग इसका उपयोग करना बहुत ही कम कर चुके हैं। क्योंकि कोरोना का कहर कम हो चुका है।
सैनिटाइजर के अपने नुकसान भी होते हैं। सबसे बड़ा नुकसान तो यह है कि यह हाथों के माध्यम से आपके शरीर के अंदर पहुंच सकता है। जिससे कि मतली, उल्टी, चक्कर आना, उनींदापन, भ्रम, धुंधली दृष्टि, स्थायी अंधापन, कोमा जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सैनिटाइजर के अंदर मैथिनॉल जैसे तत्व होते हैं।इसके अलावा आपकी त्वचा के लिए भी काफी नुकसानदायी होता है।
यदि आप 20 सैकिंड तक अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोते हैं तो फिर उनके अंदर कीटाणू बचने का कोई कारण ही नहीं रहता है। आप सैनिटाइजर का प्रयोग तभी करें जब आपके पास साबुन वैगरह हाथ धोने के लिए उपलब्ध नहीं हो ।
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sanitizer kya hota hai सैनिटाइजर के फायदे
हैंड सैनिटाइजर एक तरल, जेल , या फोम है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर हाथों पर संक्रामक एजेंटों को कम करने के लिए किया जाता है।सैनिटाइजर की मदद से कीटाणूओं को मारा जाता है। सैनिटाइजर की प्रभावशीलता अलग अलग होती है। कुछ कम प्रभावी होते हैं तो कुछ अधिक प्रभावी होते हैं।
आपको बतादें कि अधिकांश सैनिटाइजर के अंदर अल्कौहल का प्रयोग किया जाता है।क्योंकि इसको आसानी से सहन किया जा सकता है और बैक्टीरिया को मारने मे भी यह काफी उपयोगी होता है।शौचालय के बाद और कीटों को मारने के लिए अल्कोहल सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाता है।
अल्कोहल-आधारित संस्करणों में आमतौर पर आइसोप्रोपिल अल्कोहल , इथेनॉल (एथिल अल्कोहल), या एन -प्रोपानोल के कुछ संयोजन होते हैं , जिनमें 60% से 95% अल्कोहल वाले संस्करण सबसे प्रभावी होते हैं।
आपको बतादें कि यह सैनिटाइजर सूक्ष्मजीवों की एक लंबी विविधता के खिलाफ काम करते हैं।लेकिन यह ज्वलनशील होते हैं। इसलिए इनके पास आग वैगरह को लेकर नहीं जाना चाहिए । सैनिटाइजर लगाकर हाथों को आग के पास लेकर नहीं जाना चाहिए । सन 1980 के दशक से ही यूरोप के अंदर हेंडआधारित सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
हेंड सैनिटाइजर की खोज
हैंड सैनिटाइज़र पहली बार 1966 में अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसी चिकित्सा सेटिंग्स में पेश किए गए थे। उत्पाद 1990 के दशक में लोकप्रिय हुआ था।
हेल्थकेयर की अधिकांश स्थितियों के अंदर पानी और साबुन से हाथ धोना काफी कठिन होता है।लेकिन सैनिटाइजर का उपयोग करना काफी सरल होता है।और यह पानी की तुलना मे काफी सरल होता है।
हैंड सैनिटाइजर के अंदर 60 प्रतिशत से अधिक अल्कौहल कोना चाहिए ।अल्कोहल रब कई अलग-अलग प्रकार के जीवाणुओं को मारते हैं, जिनमें एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया और टीबी बैक्टीरिया शामिल हैं। वे कई प्रकार के वायरस भी मारते हैं, जिनमें फ्लू वायरस , सामान्य कोल्ड वायरस , कोरोनाविरस और एचआईवी शामिल हैं
यदि आप 90% अल्कोहल वाले सैनिटाइजर से हाथ धोते हैं तो यह अधिक प्रभावी होता है।99.99% कीटाणुओं को 30 सैकिंड से कम समय के अंदर ही मार गिराएगा ।
अस्पतालों और क्लीनिकों जैसे स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स के लिए, बैक्टीरिया को मारने के लिए 70 प्रतिशत से अधिक अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाता है।
वैसे तो आपको बतादें कि पानी और साबुन से हाथ दोना सबसे अच्छा होता है लेकिन जब पानी नहीं हो तो हैंड सैनिटाइजर सबसे अच्छे होते हैं।60-95% अल्कौहल वाले सैनिटाइजर गैर अल्कौहल वाले सैनिटाइजर की तुलना मे कीटाणुओं को मारने मे अधिक प्रभावी होते हैं।
गैर-अल्कोहल-आधारित हाथ सैनिटाइज़र कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस के सभी वर्गों के लिए समान रूप से अच्छी तरह से काम नहीं कर सकते हैं। अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर कीट और विषाणुओं को बहुत ही जल्दी से मार देते हैं।और यह हाथों के अंदर जलन भी पैदा नहीं करते हैं।
आपको बतादें कि गंदे हाथों पर सैनिटाइजर अच्छे से काम नहीं करता है। इसलिए सैनिटाइजर का प्रयोग करने से पहले अपने हाथों को अच्छे से साफ करें और उसके बाद ही सैनिटाइजर का प्रयोग करें । साबुन केवल गंदे हाथों को साफ करता है। कई कार्य करते समय हाथ गंदे हो सकते हैं। जैसे खेलते समय ,साइकिल चलाते समय आदि।
अल्कोहल मे विषाक्तता होती है। सो अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर को कभी भी निगलना नहीं चाहिए वरना यह नुकसान कर सकता है।अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर को बच्चो से भी दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि बच्चे इसको निगल सकते हैं।
हैंड सैनिटाइजर (Hand Sanitizer) के अंदर जहर होता है।अब तक हैंड सैनिटाइजर पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। रूस के अंदर कुछ लोगों ने पार्टी खत्म होने के बाद हैंड सैनिटाइजर पिया जिससे 7 लोगों की मौत वहीं पर हो गई थी और 2 कोमा मे चले गए ।
हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग आप हाथ दोनों के लिए कर सकते हैं।जैसे आप खाना बना रहे हैं या खाना खा रहे हैं तो इसका प्रयोग कर सकते हैं। ताकि सारे कीट नष्ट हो जाएं ।इसके अलावा यदि आप कोई बाहरी गतिविधि करते हैं और पानी उपलब्ध नहीं है तो भी आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
अस्पतालों में डॉक्टरों और नर्सों द्वारा भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं जैसे रेलवे, बसों आदि में ,स्कूलों और कॉलेजों में; शिविर और यात्रा मे आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटाणुओं, जीवाणुओं, विषाणुओं को मारने के लिए अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाना चाहिए ।इसकी मदद से आप संक्रमण आधारित बीमारियों को फैलने से रोका जा सकता है। आपको बतादें कि अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र 6 घंटे तक काम कर सकता है।
हैंड सैनिटाइजर के कुछ आश्चर्यजन तथ्यों के बारे मे भी जान लेते हैं।
- सैनिटाइजर से आप अपने फोन की स्क्रीन को चमकदार बना सकते हैं।
- धूप का चश्मा बनाने मे हैड सैनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है।
- फुंसी पर यदि आप यह सैनिटाइजर को लगाते हैं तो वह सुख जाती है।
- यदि मच्छर काटने पर खुजली होती है तो वहां पर एक बूंद लगाएं खुजली अपने आप ही मिट जाएगी ।
- यह अभी भी स्टेनलेस पर अपने फिंगरप्रिंट को हटाने के लिए उपयोगी है।
- आप मेक अपब्रश को इससे अच्छी तरह से साफ कर सकते हैं।
हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग कैसे करें ?
रोगागु हर जगह होते हैं।आप दैनिक जीवन की वस्तुओं को स्पर्श करते हैं तो रोगाणु आपके चिपक सकते हैं। और संक्रमण फैल सकता है तो समय समय हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए । या आप अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग आपको सही तरीके से करना चाहिए । यदि आप इसका प्रयोग सही तरीके से नहीं करते हैं तो फिर इसको यूज करने का कोई फायदा नहीं है।
- यदि आपके पास पानी और साबुन उपलब्ध है तो हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए । खास कर यदि आपके हाथ चिकने हैं तो ।
- उसके बाद सैनिटाइजर को अपने हाथों पर लगाएं और अच्छी तरह से पूरे हाथों पर मलें । खास कर दुर्गम स्थानों पर जैसे नाखुनों के आस पास रगड़ें ।
- अपने हाथों को लगभग 20 सैकिंड तक रगड़ें तब तक कि वे सूख नहीं जाते हैं।सूखने से पहले सैनिटाइजर को अपने हाथों से ना हटाएं तब तक यह अपना काम पूर्ण नहीं कर चुका होता है।
- साबुन और पानी से हाथ धोने का सही तरीका यह है कि सबसे पहले हाथों को पानी से गिला करें और उसके बाद साबुन लगाएं ।
- अब अपने हाथों पर अच्छी तरह से साबुन लगाएं ।और 20 सैकिंड तक हाथ मलते रहें ।
- कुल्ला साफ, चल रहा पानी के नीचे अपने हाथ।
- सूखी अपने हाथ एक साफ तौलिया या हवा का उपयोग कर उन्हें सूखी।
अल्कोहॉल आधारित हैंड सेनिटाइज़र व साबुन का प्रयोग कब करना चाहिए
- जैसे आप किसी अस्पताल मे जा रहे हैं किसी से मिलने तो आपको अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए । क्योंकि यह संक्रमण को रोकने का काम करता है।
- यदि साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो , और जितनी जल्दी हो सके साबुन और पानी से धो लें।
- यदि आपके हाथ चिकने हैं। जैसे आपने कुछ चिकना खाया हो मछली पकड़ी हो तो अपने हाथों को साबुन से पहले धोना चाहिए । बाद मे सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
- खाना खाने से पहले आप साबुन और पानी का प्रयोग कर सकते हैं।
- किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल करने के बाद जो उल्टी या दस्त की समस्या से झूझ रहा है।
- कटे हुए या घाव का इलाज करने के बाद
- शौचालय का उपयोग करने के बाद पानी साबुन का प्रयोग कर सकते हैं।
- डायपर बदलने के बाद , या बाथरूम का इस्तेमाल करने वाले बच्चे की सफाई करें
- एक जानवर और पशु के अवशष्टि को छूने के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए ।
- कचरा छूने के बाद साबुन का प्रयोग करना चाहिए ।
- नाक बहने, खांसने या छींकने के बाद, आपको कीटाणुओं को फैलने से बचाने के लिए अपने हाथों को तुरंत साबुन से धोना चाहिए या अल्कोहल–आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए
Types of Hand Sanitizer
सैनिटाइजर के बारे मे आप जानते ही हैं।लेकिन क्या आपको पता है कि सैनिटाइजर कितने प्रकार के होते हैं? आइए जानते हैं सैनिटाइजर के प्रकार के बारे मे ।
Non-Alcohol Sanitizer
यह एक प्रकार का जेल होता है।इसके अंदर अल्कौहल तो होता है लेकिन उसकी मात्रा कम होती है। यह भी हाथ धोने के लिए या साफ करने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है। और यह भी कीटाणुओं को मारता है। हालांकि यह कम प्रभावी होता है। और साबुन के समान होता है।
Alcohol-Based Sanitizer
Alcohol-Based Sanitizer सबसे अधिक पोपुलर है। मार्केट के अंदर 60 से 70 प्रतिशत अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर मिलते हैं। यह काफी कम समय मे ही सभी प्रकार के कीटाणुओं को मार देते हैं। यह काफी उपयोगी है। और आज कल इसका ही सबसे अधिक प्रयोग किया जा रहा है।
सबसे बढ़िया हैंड सैनिटाइज़र कौनसे हैं ?
सबसे बढ़िया हैंड सैनिटाइजर की यदि हम बात करते हैं तो मार्केट के अंदर कई सारे ब्रांड हैं जोकि सैनिटाइजर बनाते हैं। और इनके अंदर हिमालया, पतंजलि, डेटॉल, मेडिमिक्स, कोलगेट पामोलिव जैसे ब्रांडों को आप चुन सकते हैं।
हैंड सेनिटाइजर | कीमत |
डेटॉल स्प्रिंग फ्रेश लिक्विड हैंड सैनिटाइजर 50 ML | 82 RS |
मेडलाइफ एडवांस्ड लेमन हैंड सैनिटाइजर 50 ML | 69 RS |
हिमालया प्योर हैंड्स लेमन हैंड सैनिटाइजर 100ML | 90 RS |
पतंजलि हर्बल एंटी बैक्टीरियल हैंडवाश रिफिल 200 ML | 60 RS |
कोलगेट नेचुरल्स सी मिनरल हैंड वाश 185 ML | 49 RS |
वैसे आपको बतादें कि अधिक मात्रा के अंदर एक साथ सैनिटाइजर खरीदना काफी सस्ता पड़ता है। आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं। हमने खरीदा था 5 लीटर सैनिटाइजर का 560 रूपये पड़ा था। जबकि ऐसे यह काफी महंगा आता है।
disadvantages of hand sanitizer अल्कौहल हैंड सैनिटाइजर के नुकसान
हैंड सैनिटाइज़र का प्रयोग आजकल हर जगह पर हो रहा है। यदि आप किसी यात्रा पर जाते हैं तो सैनिटाइजर को लेकर जाते हैं। या फिर किसी दूसरे के सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं। हम जिस सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं वह अल्कोहल आधारित होता है। यह खास कर बच्चों को अधिक नुकसान पहुंचाता है।
अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र सूखी त्वचा, संक्रमण और यहां तक कि शराब विषाक्तता का कारण बन सकता है। साथ ही, उन्हें व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रशासन (OSHA) द्वारा आग लगने का खतरा भी माना गया है।
Alcohol की विषाक्तता
हैंड सैनिटाइजर के अंदर एथिल या आइसोप्रोपिल अल्कोहल होता है। जो निगलने पर एक तरह के जहर का कार्य करता है। वास्तव में, 2011 से 2015 तक हैंड सैनिटाइजर के यूएस के अंदर 85,000 समस्याएं आई थी।
रिसर्च से यह पता चलता है कि बच्चे इस सैनिटाइजर को आसानी से निगल जाते हैं क्योंकि यह सुगंधित और आकर्षक होता है।यदि आप घर पर सैनिटाइजर रखते हैं तो आप उसे कभी भी बच्चों को ना दें। इसके अलावा केवल अच्छी कम्पनी का सैनिटाइजर ही खरीदना चाहिए । यदि आप विषाक्तता से बचना चाहते हैं तो गैर-अल्कोहल हैंड सैनिटाइज़र खरीदें।
अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर काफी महंगा होता है
अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का एक नुकसान यह भी होता है कि यह काफी महंगा होता है। यदि आप 400 एमएल का सैनिटाइजर खरीदते हैं तो इसके आपको 250 रूपये चुकाने होते हैं। इसके विपरित बिना अल्कोहल बेसड सैनिटाइजर काफी सस्ता होता है। और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करता है।
सैनिटाइजर कैसे बनाएं
जब कोरोना वायरस का दौर था तो सैनिटाइजर की बहुत अधिक मांग थी। और उसके बाद कौरोना वायरस इतनी तेजी से फैला कि लोगों को कुछ भी समझने का मौका तक नहीं मिला । पहले लोग सैनिटाइजर के बारे मे इतना जानते ही नहीं थे लेकिन उसके बाद सैनिटाइजर की मांग इतनी तेजी से बढ़ी की मार्केट के अंदर सैनिटाइजर की कमी आ गई ।
क्योंकि लोगों ने काफी तेजी से सैनिटाइजर को खरीदना शूरू कर दिया था।कुछ लोग तो सैनिटाइजर को अपने घर के अंदर खरीद कर रख रहे थे। न्यूज के माध्यम से लोग यह जान चुके थे कि सैनिटाइजर की मदद से ही कोरोना को रोका जा सकता है। और इसके लिए मास्क पहनना जरूरी है।
वैसे तो यदि आप 20 सैकिंड तक अच्छी तरह से हाथों को धोते हैं तो वायरस को आसानी से रोका जा सकता है। लेकिन बहुत से लोग 20 सैकिंड तक साबुन से हाथ नहीं धो पाते हैं। इसके अलावा जिन जगहों पर पानी की उपलब्धता नहीं है। वहां पर सैनिटाइजर का प्रयोग किया जा सकता है। और इससे आसानी से कीटाणू मारे जा सकते हैं। आपको बतादें कि बिना अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर उतना अधिक प्रभावी नहीं होता है। यह अनेक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर साबित हो चुका है। इसलिए जब भी बाजार से सैनिटाइजर खरीदते अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का ही प्रयोग करें । हां सामान्य हाथ को धोने मे एक गैर अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।
आज हम आपको घर पर सैनिटाइजर बनाने के बारे मे बताने वाले हैं। वैसे तो मार्केट के अंदर कई प्रकार के सैनिटाइजर मिलते हैं। और उनमे से कुछ तो लोकल ही होते हैं। लेकिन कुछ काफी अच्छे होते हैं। प्रतिदिन के घरेलू काम जैसे खाना बनाने से पहले और खाना खाने से पहले टॉयलेट का यूज करने के बाद आप इन घरेलू सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं।चूकिं यह घर पर बना होता है। इसलिए इसके अंदर हम अपनी मन पसंद खुशबू का प्रयोग करते हैं और किसी भी प्रकार के हानिकारक कैमिकल को कम मात्रा मे मिलाते हैं। अल्कौहल जैसे पदार्थों की कम मात्रा ही उचित होती है क्योंकि यह विषाक्तता पैदा करता है।
यदि आप संक्रमण से बचने के लिए सैनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको एक बाजार से सैनिटाइजर को खरीदना होगा क्योंकि उसके अंदर सही मात्रा पर चीजों को मिलाया जाता है लेकिन घर के अंदर बार बार इसका प्रयोग काफी हानिकारक होता है।
आइए जानते हैं घरेलू सैनिटाइजर बनाने के तरीकों के बारे मे ।
एलोवेरा से सैनिटाइजर बनाएं
एलोवेरा को ग्वार पाठे के नाम से जाना जाता है। यह एक औषधिये पौधे के रूम मे जाना जाता है। एलोवेरा के तेल को आपको लेना है। यह आपको मार्केट के अंदर आसानी से मिल जाएगा । आप चाहें तो ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
- फिल्टर पानी
- एलोविरा जेल
- एसेंशियल ऑयल
- लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
- विटामिन ई ऑयल
सबसे पहले एक बर्तन को अच्छी तरह से धोएं और उसके बाद उसे सूखा लें । आप धूप मे सूखा सकते हैं। अब इसके अंदर बराबर मात्रा के अंदर एलोवेरा जेल और विटामिन ई को मिलाएं । एसेंशियल ऑयल की और लैंवेडर ऑयल की कुछ बूंदे डालें । अब इसको बर्तन के अंदर अच्छी तरह से मिक्स कर लेना है।मिक्स करने के बाद इसके अंदर मामूली सा फिल्टर पानी डाल सकते हैं। अब आपका ऐलोवेरा सैनिटाइजर तैयार हो चुका है। अब आप इसको घर के अंदर हाथ धोने मे प्रयोग ले सकते हैं। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है।
अल्कौहल आधारित सैनिटाइजर
आप अपने घर पर अल्कौहल आधारित हेंड सैनिटाइजर भी बना सकते हैं। यह आपके लिए मार्केट से सस्ता पड़ता है।और आप एक बेहतरीन सैनिटाइजर आसानी से बना सकते हैं।
इसके लिए आपको सबसे पहले रबिंग अल्कोहल की आवश्यकता होगी यह आपको मार्केट के अंदर आसानी से मिल जाएगा ।यह आपको किसी भी दवाई की दुकान पर मिल सकता है। क्योंकि इसका प्रयोग सबसे अधिक डॉक्टर ही करते हैं। ताकि संक्रमण ना फैले।
ऐलोवेरा जेल भी सैनिटाइजर के अंदर प्रयोग किया जाता है। क्योंकि अल्कोहल हाथ पर गिरने के तुरंत बाद ही उड जाता है लेकिन ऐलोवेरा जेल इसको उड़ने नहीं देता है। आप ऐलोवेरा जेल को मार्केट से प्राप्त कर सकते हैं। यह आसानी से किसी भी दुकान और मेडिकल स्टोर पर मिल जाएगा । बहुत से लोग तो इसको घरों मे भी प्रयोग करते हैं।
इसके अलावा हेंड सैनिटाइजर बनाने के लिए इसमे सुगंध के लिए नींबू के रस का आप प्रयोग कर सकते हैं। यह आसानी से आपको किसी भी दुकान पर मिल जाएगा । इसके अलावा यदि आपके पास लेवेंडर का तेल है तो आप उसका भी प्रयोग कर सकते हैं।
सैनिटाइजर को बनाने के लिए आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि आप जितना एल्कौहल लेते हैं उसके आधा ही ऐलोवेरा लेना है। क्योंकि सैनिटाइजर के अंदर अल्कोहल की मात्रा को 60 प्रतिशत रखना आवश्यक होता है ताकि समस्त प्रकार के जीवाणू आसानी से नष्ट हो जाएं ।
- अब आपको किसी बर्तन के अंदर अल्कोहल और ऐलोवेरा को अच्छी तरह से मिलाना है।
- उसके बाद इसके अंदर नींबू के रस की कुछ बूंदे डालकर अच्छी तरह से मिला लेना है।
- अब यह हेंड सैनिटाइजर बनकर तैयार हो चुका है आप इसका प्रयोग किसी स्प्रे बोतल मे डालकर कर सकते हैं।
- यह हेंड सैनिटाइजर काफी सस्ता है और इसको आप कहीं पर भी प्रयोग करने के लिए ले जा सकते हैं।जैसे आप बाहर अस्पताल या दुकान पर जाते हैं या कहीं ओर जाते हैं तो इसको अपनी जेब मे डालकर लेकर जा सकते हैं।
- लेकिन यह अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर है। इस वजह से इसको बच्चों से हमेशा दूर रखा जाना चाहिए ।
- बच्चों पर इस सैनिटाइर का यूज नहीं करना चाहिए । उनके लिए यह अधिक नुकसान दायी है।
टी ट्री ऑइल से हेंड सैनिटाइजर बनाना
जैसा कि हमने आपको बताया कि टी ट्री ऑइल की मदद से आप कई तरह के बैक्टिरिया को आसानी से मार सकते हैं। इसके अंदर एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के लिए इसका प्रयोग एक नैचुरल सैनिटाइजर के रूप मे किया जाता है।
- टी ट्री ऑयल
- विटामिन ई
- फिल्टर पानी
- देवदार का ऑयल
- लौंग का ऑयल
सबसे पहले एक सूखा और अच्छी तरह से साफ किया हुआ बर्तन लें और उसके अंदर टी ट्री ऑयल डालें ।आप कम से कम 10 चम्मच टी ट्री ऑयल डाल सकते हैं।
इसके बाद इसके अंदर देवदार और लौंग के ऑयल की कुछ बूंदे डालदें।
अब इसके अंदर थोड़ा फिल्टर पानी डालें ।
अब इसको अच्छी तरह से मिला लें । आपका हेंड सैनिटाइजर तैयार हो चुका है। आप इसको एक स्प्रे बोतल के अंदर भरकर प्रयोग मे ले सकते हैं। यह किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करता है।
सी साल्ट की मदद से सैनिटाइजर बनाएं घर
सी साल्ट आपकी त्वचा के लिए काफी अच्छा होता है। यह आपकी त्वचा की सुरक्षा करता है। इसकी मदद से आप एक हेंडसैनिटाइजर बना सकते हैं।यह आसानी से किसी भी किराने की दुकान पर मिल जाता है। कई लोग घरों के अंदर इसका प्रयोग करते हैं।
- सी साल्ट
- फिल्टर पानी
- दालचीनी ऑयल
- नीलगिरी ऑयल
- लौंग ऑयल
- नींबू ऑयल
एसेंशियल ऑयल में विरोधी एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपकी त्वचा के लिए काफी उपयोगी होता है।सबसे पहले एक सूखे बर्तन के अंदर सी साल्ट डालें । आप दो चम्मच प्रयोग मे ले सकते हैं। अब इसके अंदर सभी तरह के ऑयल को भी डाल दें । यह ऑयल आपको मार्केट के अंदर आसानी से मिल जाएंगे । यदि नहीं मिलते हैं तो ऑनलाइन भी आप इनको खरीद सकते हैं।
और अब अंत मे इनके अंदर पानी मिलादें । और सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं । और अब आप इसका प्रयोग हाथ धोने के लिए कर सकते हैं। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि अधिक मात्रा मे फिल्टर पानी नहीं मिलाएं । हिसाब का सा ही रखें ।
विच हेंजल से हेंड सैनिटाइजर बनाना
आप विच हेंजल से भी सैनिटाइजर बना सकते हैं।विच हेंजल का एक पौधा होता है। यह अल्कोहल सैनिटाइजर का एक विकल्प के रूप मे देखा जा सकता है।यह आपकी त्वचा को सूखने से बचाता है। और यह एक बेहतरीन कीट नाशक के रूप मे भी काम आता है।इसके अलावा इसके अंदर टी ट्री ऑयल का प्रयोग होता है जो एंटी-बैक्टीरियल होता है।
- विच हेजल
- टी-ट्री ऑयल
- सेज ऑयल
- थाइम ऑयल
- विटामिन ई ऑयल
- एलोवेरा जेल
सबसे पहले आपको एक सूखा हुआ बर्तन लेना है और उसके अंदर एक कप एलोवेरा जेल डाल सकते हैं।अब इसके अंदर 3 चम्मच विच हेजल डालना है। और बाकी बचे ऑयल की 3 से 4 बूंदे इसमे डालें और इसको अच्छी तरह से मिक्स करलें । अब आप इसको एक स्प्रे बोतल के अंदर भर सकते हैं। और आवश्यकता पड़ने पर आप इसका प्रयोग कर सकते हैं।
नीम का घरेलू सैनिटाइजर
यदि आप नीम का घरेलू सैनिटाइजर बनाना चाहते हैं तो यह भी बना सकते हैं।यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित हो सकता है।इस संबंध मे बाबा रामदेव ने एक तरीका बताया है जिसमे लगने वाली सामग्री इस प्रकार से है।
- 1 लीटर पानी
- 100 नीम के पत्ते
- 10-20 तुलसी के पत्ते
- 10 ग्राम फिटकरी
- 10 ग्राम कपूर
- एलोवेरा
सबसे पहले 100 नीम की पतियों को एक लीटर पानी मे डालें और उसके बाद इसके अंदर तुलसी के पत्तों को डालकर अच्छी तरीके से उबालें । उसके बाद जब यह अच्छी तरह से उबल जाएं तो ऐलोवेरा जेल ,कपूर और फिटकरी मिला दें । उपर मात्रा दी हुई है।ध्यान दें पत्तों को उबाल देने के बाद छानना भी है। और पानी के अंदर यह सारी मात्रा मिलानी है। अब आप इसको बोतलों के अंदर भरकर रख सकते हैं।और अलग अलग कार्यों पर जाते समय अपने साथ ले जा सकते हैं। यह बहुत ही अच्छा सैनिटाइजर है।
बनाएं हैंड सैनेटाइजर स्प्रे
वैसे तो हमने हेंड सैनिटाइजर बनाने के कई तरीके बतायें हैं।आइए एक और एल्कोहल आधारित हेंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका जान लेते हैं।इसके लिए आवश्यक सामग्री इस प्रकार से है।
- आइसोप्रोपिल एल्कोहल
- ग्लिसरोल
- हाइड्रोजन पेरोक्साइड
- डिस्टिल्ड वॉटर
सबसे पहले आपको 3 कप अल्कोहल के अंदर ग्लिसरोल की मात्रा 4 चम्मच मिलाएं । अब इनको अच्छे से मिक्स करें ।
अब इसके अंदर 2 चम्मच हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिलाएं और फिल्टर पानी 2 चौथाई मिलाएं ।
अब इन सारी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करलें ।और उसके बाद एक स्प्रे बोतल के अंदर इन सारी चीजों को भर लेना चाहिए । और जब चाहे तब इसका प्रयोग कर सकते हैं।
अल्कोहल आधारित हेंड सैनिटाइजर बनाने का तरीका स्पेट बाई स्टेप
वैसे तो हम आपको अल्कोहल आधारित हेंड सैनिटाइजर के बारे मे बता चुके हैं। लेकिन यहां पर एक अन्य तरीका भी आपको बता देते हैं। जो तरीका आपको अच्छा लगे आप उसका प्रयोग कर सकते हैं।
सैनिटाइजर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
वैसे आपको बता दें कि हेंडवास और सैनिटाइजर अलग अलग होते हैं।जहां पर हेंडवास की जरूरत हो वहां पर हेंडवास का और जहां पर सैनिटाइजर की जरूरत हो वहां पर सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- 2/3 कप 99% रबिंग अल्कोहल
- 1/3 कप प्योर एलोवेरा जैल
- 8 से 10 बूंद सुगंधित तेल
- मिलाने के लिए बाउल
- चम्मच
अल्कोहल और एलोवेरा जैल को अच्छे से मिलाएं
टॉयलेट क्लीनर बनाने की विधि toilet cleaner kaise banaye
कॉकरोच भगाने के उपाय और कॉकरोच को मारने की दवा
घर से मकड़ी भगाने के उपाय ghar mein makdi ko kaise bhagaye
रात मे डर को दूर करने के उपाय raat mein dar kyon lagta hai
अल्कोहल और एलोवेरा जेल को एक कटोरी के अंदर डालें और उसके बाद इनको अच्छी तरह से मिलाएं । इसकी मात्रा उपर दी गई है। यदि आपको घोल गाढ़ा चाहिए तो ऐलोवेरा को और अधिक मिला सकते हैं नहीं तो इतना ही रहने दें ।
अब essential oil भी डालें
सैनिटाइजर के अंदर सुगंध के लिए आप essential oil को डाल सकते हैं।इसके लिए 10 बूंदे आप तेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अंदर आप लैवेंडर, लौंग, दालचीनी और पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल्स के रूप मे प्रयोग कर सकते हैं।
सैनिटाइजर को कंटेनर के अंदर भरें
सारी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद सैनिटाइजर को कंटेनर के अंदर भरना चाहिए और उसके बाद आप इसको एक स्प्रे बोतल के अंदर डालकर भी प्रयोग मे ले सकते हैं। यह काफी बेहतरीन तरीके से काम करता है।
हेंड सैनिटाइजर बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
यदि आप घर पर सैनिटाइजर बना रहे हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा । ताकि सैनिटाइजर आप सही तरीके से बना सकें।
- जिस भी बर्तन का प्रयोग आप कर रहे हैं ।वह अच्छी तरह से साफ सुथरा होना चाहिए ।
- सैनिटाइजर के अंदर सभी पदार्थों की उचित मात्रा डालना आवश्यक होता है। वरना सेनिटाइज बेकार हो जाएगा ।
- सैनिटाइजर बनाने के बाद इसको 72 घंटे तक प्रयोग नहीं करना चाहिए ताकि सभी प्रकार की कीट नष्ट हो जाएं।
- सैनिटाइजर को बनाने के लिए आप केवल ऑरेजल चीजों का ही प्रयोग करें ।मार्केट के अंदर कई प्रकार की नकली चीजें भी मिलती हैं।
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