श्रमिक कार्ड के फायदे shramik card ke fayde ,shramik card ke fayde aur nuksan के बारे मे हम बात करने वाले हैं दोस्तों सरकार ने शहरों और ग्रामिण क्षेत्रों के अंदर काम करने वाले असंगठित मजूदरों के लिए श्रमिक कार्ड बनाने के लिए कहा है ताकि इन मजदूरों की सुरक्षा हो सके । इसके अलावा यदि आप भी एक मजूदरी का काम करते हैं तो आपको भी श्रमिक कार्ड बना लेना चाहिए ताकि आपको इसके अच्छे लाभ मिल सकें । लेकिन यदि आप किसी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आपको श्रमिक कार्ड के लिए आवेदन नहीं करना चाहिए । क्योंकि श्रमिक कार्ड भविष्य मे आपके लिए दिक्कत कर सकता है।
श्रमिक कार्ड बनाने के लिए आपको सबसे पहले इसके लिए आवेदन करना होता है और इसके लिए आवेदन की कुछ योग्यताएं होती हैं। जैसे 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकता है , जो श्रमिक के अंदर आता हो और उसके बाद 2 हेक्टर से ज्यादा भूमी नहीं होनी चाहिए और वह कर देने वाला भी नहीं होना चाहिए । दोस्तों इसके लिए आपको पासपोर्ट साइज फोटो और घोषणा पत्र भरकर देना होता है। एक बार कराया गया पंजिकरण 5 साल तक मान्य होता है।
श्रमिक कार्ड के लिए कई लोग पंजियन करवा सकते हैं। जैसे कचरा बिनने वाले , कूड़ा भारने वाले , सब्जी बेचने वाले , किसान लोग , रिक्सा चलाने वाले , फेरी वाले , जूते गांठने वाले , चप्पल बेचने और बनाने वाले , कपड़ा बेचने वाले , रंगाई और छपाई करने वाले , दाल , आटा और रूई की मिलों के अंदर काम करने वाले । इसके अलावा अगरबति बनाने वाले , सजावट करने वाले आदि ।
Table of Contents
1.श्रमिक कार्ड के फायदे सस्ती बिजली मिलती है Advantages of labor card get cheap electricity
वैसे तो श्रमिक कार्ड के फायदे अलग अलग राज्य के अनुसार अलग अलग हो सकते हैं। लेकिन कुछ फायदे सबसे कॉमन होते हैं। जैसे यदि आपने श्रमिक कार्ड बना लिया है तो आपकी सस्ती बिजली मिल सकती है। वैसे देखा जाए तो राजस्थान के अंदर बिजली काफी महंगी है। और एक मजूदर के लिए बिजली बिल चुकाना बहुत ही मुश्किल काम होता है।
बहुत से लोगों के साथ ऐसा हो रहा है। उसके बाद हम लोगों ने उसको सुझाव दिया कि वह अपना कनेक्सन कटवा दे और एक सौलर प्लेट रखवाले अच्छी रहेगी और श्रमिक कार्ड बना ले ताकि कई सरकारी लाभ उसको मिल सकें ।उसके बाद उसने ऐसा ही किया । कुछ दिनों बाद उसने बताया कि अब उसके लिए एकदम से सही है।
जब हम लोग कम्पनी के अंदर काम करते थे तो एक हमारा साथी था और वह शहर के अंदर रहता था। उस बेचारे की इनकम तो 10 हजार रूपये थी । लेकिन उसका बिजली बिल 5000 रूपये आ जाता था। वह बहुत परेशान था। क्योंकि वह एक बल्ब के अलावा किसी और प्रकार से बिजली का उपयोग नहीं करता था।
यदि आपके राज्य के अंदर सरकार ने सस्ती बिजली देने की स्कीम चला रखी है तो आप बिजली विभाग के अंदर जाकर अपने श्रमिक कार्ड का डेटा फीड करवा सकते हैं। कई राज्यों के अंदर प्रतिमाह 200 रूपये के अंदर बिजली दी जा रही हैं और दिल्ली के अंदर तो बहुत ही सस्ती बिजली देने की घोषणा भी की जा चुकी है।
2. श्रमिक कार्ड योजना के लाभ गर्भवति महिला को पोषण आहार के लिए पैसा दिया जाएगा
श्रमिक कार्ड का फायदा यह भी है कि यदि कोई महिला गर्भवति है तो उसको पोषण के लिए पैसा मिलेगा । उन पैसों से वह आहार खरीद सकती है। हालांकि यह रकम अलग अलग राज्यों के अंदर अलग हो सकती है। आमतौर पर यह 4000 रूपये हो सकती है। यह लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो ऑनलाइन पोर्टल पर खुद का श्रमिक कार्ड बनवा चुकी हैं। आपके राज्य के अंदर क्या नियम है आप आंगनबाड़ी केंद्र से बात कर सकते हैं। इसके अलावा यह रूपये आंगनबाड़ी केंद्र की मदद से मिलते हैं और सीधे आपके अकांउट के अंदर आते हैं।
बस इसके लिए आपको अपने पास के आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर जाकर कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करवाने होते हैं।
3.श्रमिक कार्ड योजना के फायदे प्रसव होने के बाद महिला के खाते मे पैसा
यदि आपके पास श्रमिक कार्ड नहीं है और यदि आपके बेटी पैदा होती है तो आपके खाते मे कुछ रूपये जमा किये जाते हैं। लेकिन यदि आपके पास श्रमिक कार्ड है तो आपको अच्छा फायदा मिलता है। जिस महिला को प्रसव होता है उसके नाम से पहले ही बैंक अकांउट खुला लेना चाहिए।
एक बार जब अकांट खुल जाता है तो प्रसव के बाद महिला के अकांउट मे आमतौर पर 12 हजार रूपये या अलग अलग राज्यों के अंदर यह अलग अलग हो सकता है । सरकार द्वारा जमा किये जाते हैं। यदि आप अपने राज्य के अंदर राशी के बारे मे जानना चाहते हैं तो पहले प्रसव हो चुकी महिलाओं या उनके परिजनों से बात कर जान सकते हैं।
4.shramik card ke fayde परिवार के मुख्यिा की म्रत्यू पर पैसे मिलते हैं
दोस्तों यदि कोई श्रमिक कार्ड बना रखा है और उसके परिवार के मुख्यिा की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति के अंदर उसके परिवार को 2 लाख रूपये या जो निर्धारित किया गया है। वह पैसा मिलता है। भारत के अंदर अभी भी परिवार के अंदर केवल पुरूष ही कमाने वाले होते हैं और यदि किसी परिवार के पुरूष की मौत हो जाती है और उस परिवार मे कोई दूसरा पुरूष नहीं है तो ऐसी स्थिति मे उस परिवार पर बड़ा आर्थिक संकट आ जाता है।
लेकिन श्रमिक कार्ड यदि बनवा रखा है तो ऐसी स्थिति मे अनुदान मिल सकता है। भले ही यह पूरी परेशानी को दूर करने मे सक्षम ना हो लेकिन यह कुछ मदद अवश्य ही कर सकता है। यदि आप एक श्रमिक हैं तो आपको श्रमिक कार्ड बनाने मे कोई बुराई नहीं है। हमने देखा है कि बहुत से लोग श्रमिक होते हैं लेकिन वे श्रमिक कार्ड नहीं बनाते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि उनको इसकी कोई भी सुविधा नहीं मिल पाती है।
5.श्रमिक कार्ड के फायदे भूमीहीन श्रमिक को मकान की व्यवस्था
यदि आप एक ऐसे कामगार हैं जिनके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है । तो ऐसी स्थिति के अंदर तो आपको अवश्य ही श्रमिक कार्ड बनाना चाहिए । क्योंकि जिन लोगों के पास रहने के लिए मकान की व्यवस्था नहीं होती है। सरकार उनको आवास के लिए जगह देती है। ऐसे बहुत से लोग हैं जो फुट पाथ पर सोते हैं। उनके पास रहने की कोई जगह भी नहीं है। ऐसे लोगों को श्रमिक कार्ड के फायदे के रूप मे मकान मिल सकता है। सरकार के नियमा नुसार मकान केवल उन्हीं लोगों को दिया जा सकता है जिनके पास पहले से भूमी नहीं है। या पहले से उनके पास मकान नहीं है। यदि जिन के पास पहले से मकान है या भूमी है उनको यह सुविधा नहीं मिलती है।
6.स्वरोजगार के लिए लोन मिलता है
दोस्तों यदि आप बेरोजगार हैं और आपने श्रमिक कार्ड बना रखा है तो इसका एक फायदा यह भी है कि आपको लोन मिलने मे आसानी रहती है। जैसे यदि आप कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको लोन दिलाने मे श्रमिक कार्ड आपकी मदद करता है। निर्माण श्रमिक शुल्क योजना के तहत आप लोन ले सकते हैं। इस योजना के तहत आप लोन ले सकते हैं। इसमे अधिकतम ढेड लाख तक का लोन दिया जाता है। इस लोन के लिए आप ऑनलाइन ऑफलाइन अप्लाइ कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई ऐसी योजनाएं है जो आपको लोन देने मे मदद करती हैं।
7.ई रिक्शा के लिए सब्सिडी
यदि आपके पास श्रमिक कार्ड है और आप एक ई रिक्शा खरीदना चाहते हैं तो आपको 30 प्रतिशत या जो भी लागू हो ,छूट मिल सकती है। यह छूट अलग अलग राज्य के अंदर अलग अलग हो सकती है। सब्सिडी देने की वजह से ईरिक्शा के क्षेत्र मे काफी प्रगति हुई है।इसके अलावा सरकार ने ई रिक्शा चालकों को राहत देने के लिए पुराने वहानों के नविनिकरण के लिए फीस को भी माफ कर दिया था।सरकार यह चाहती है कि लोग पेट्रोल का उपयोग कम करें । जिसकी वजह से तेल के अंदर खर्च होने वाली राशी बचेगी और देश मे रोजगार का विकास होगा ।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बेरोजगार नौजवानों में ई-रिक्शा वितरित किए थे।यदि हम ई रिक्शा के मामले मे बात करें तो चीन की सड़कों पर 15 लाख ई रिक्शा दौड़ रहे हैं लेकिन भारत मे इसकी संख्या बहुत ही कम है।
8.श्रमिक की मौत पर अंतिम संस्कार के लिए सहायता राशी
श्रमिक कार्ड बनाने का एक फायदा यह भी है कि जो लोग बहुत अधिक गरीब होते हैं।उनके अंतिम संस्कार के लिए पंचायत और नगरिए निकाय से 5000 रूपये की सहायता राशी दिलाई जाएगी । ऐसा नहीं है कि सभी लोग अमीर होते हैं।
कुछ लोग बेहद ही गरीब होते हैं और उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते । काफी साल पहले हमारे यहां पर एक व्यक्ति मर गया था। उसके परिवार के अंदर कमाने वाला कोई नहीं था । उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे तो अंतिम संस्कार के लिए पैसे कहां से आते ? लेकिन उसका श्रमिक कार्ड बना हुआ था। जिसके बाद संरपच ने पंचायत से उसके अंतिम संस्कार के लिए कुछ रूपये दिलाए थे ।
9.गम्भीर बीमारी की स्थिति मे फ्री ईलाज
यदि एक मजदूर है और उसके परिवार के सदस्यों को कोई गम्भीर बीमारी हो जाती है तो उसके ईलाज लिए उसके पास पैसा नहीं होता है। लेकिन यदि श्रमिक कार्ड उसका बना हुआ है तो फिर उसके पैसे खर्च नहीं होगे । इस संबंध मे हम एक रियल घटना को बताना चाहेंगे ।हमारे
घर के पास एक महिला रहती है ।उसके शरीर के अंदर गांठ थी। और पहले तो उस महिला ने जहां तहां से उपचार करवाया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ । उसके बाद डॉक्टर ने कहा कि उसका ऑपरेशन करना होगा और इसके अंदर 40 हजार खर्च होंगे । अब बेचारे उन लोगों के पास इतना पैसा था नहीं । लेकिन श्रमिक कार्ड होने की वजह से उनका ऑपरेशन फ्री के अंदर हो गया । यदि आप भी एक मजूदर हैं और आपने अपना श्रमिक कार्ड नहीं बनाया तो आपको जल्दी ही अपना श्रमिक कार्ड बना लेना चाहिए ताकि आपको इसका पूरा लाभ मिल सके ।
10.श्रमिक कार्ड के लाभ नि: शुल्क शिक्षा की व्यवस्था
आज कल शिक्षा भी बहुत महंगी हो चुकी है और गरीब लोग शिक्षा का खर्च उठाने मे असमर्थ होते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर वे अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजते हैं और वे अपनढ़ ही रह जाते हैं और आप जानते हैं कि आज के समय मे यदि कोई अनपढ़ है तो यह सबसे बड़ा अभिशाप है।
यदि आप श्रमिक कार्ड बनवा चुके हैं तो आपके बच्चों को 1 कक्षा से लेकर पीएचड़ी तक फ्री के अंदर शिक्षा मिलेगी यही सरकार की योजना भी है। तो दोस्तों यदि आप लेबर का काम कर रहे हैं तो आपको अवश्य ही श्रमिक कार्ड बनवा लेना चाहिए । आप ई मित्र पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
11.श्रमिक कार्ड के फायदे अतिरिक्त छात्रवति
वैसे तो सरकार ने कई प्रकार की छात्रवति स्कीम को पहले से ही चला रखा है और आप इन स्कीम के बारे मे अच्छे से जानते भी होगे । लेकिन यदि आपके पास श्रमिक कार्ड नहीं है तो आपको छात्रवति कम मिलती है । इसके अलावा आप उन छात्रवति योजनाओं के अंदर भाग नहीं ले सकते हैं जो केवल श्रमिक के बच्चों के लिए हैं।
श्रमिक कार्ड बनाने के बाद यदि आप किसी छात्रवति फोर्म के अंदर उसे लगाते हैं तो आपको अतिरिक्त छात्रवति मिलती है।आपको कक्षा 6 से लेकर स्नातक तक छात्रवति मिलती रहती है जो 8 हजार से लेकर 25 तक हो सकती है। इसके अलावा श्रमिकों के बच्चों के लिए विशेष छात्रवति योजनाओं के अंदर 50 हजार रूपये तक भी छात्रवति मिल सकती है।
12.मजदूर को साइकिल और औजार खरीदने के लिए अनुदान
जैसे कोई मजूदर कहीं पर काम पर जाता है और उसे काम पर पैदल ही जाना पड़ता है। और उसे कोई काम करने के लिए औजारों की आवश्यकता है तो उसे 5 हजार तक का अनुदान मिलता है। इन पैसों की मदद से वह अपने आवश्यक औजार और साइकिल खरीद सकता है।
13.तेंदू पत्ता तोड़ने वालों के लिए फायदे मंद
तेंदू पत्ता के बारे मे आपको पता होगा । तेंदू पत्ता से बीड़ी बनाई जाती है। तेंदू पत्ता तोड़ने वाले मजदूर सुबह जल्दी उठकर जंगल मे चले जाते हैं और पूरे दिन तेंदू पत्ता तोड़ते रहते हैं और उसके बाद जब शाम हो जाती है तो फिर वे इनको एकत्रित करके बाजार मे ले जाते हैं और वहां पर इन पत्तों को खरीदने के लिए व्यापारी आते हैं ।यह काम करने मे पूरा दिन लग जाता है उसके बाद भी इस काम के लिए उनको 400 रूपये ही मिल पाते हैं। श्रमिक कार्ड बनाने के बाद तेंदू पत्ता तोड़ने वालों को जूत्ते जप्पल और पानी की कूंपी दिलाई जाएगी।
14.लड़कियों की शादी पर पैसा
यदि आपके घर के अंदर दो लड़कियां हैं और उनकी उम्र 18 साल हो चुकी है और आप उनकी शादी करना चाहते हैं तो श्रमिक कार्ड होने की स्थिति मे आपको 55 55 हजार की सहायता राशी मिलेगी। इसके लिए आपको फोर्म भरकर अप्लाई करना होगा । हालांकि यह सहायता राशी सिर्फ दो लड़कियों के विवाह पर ही मिलेगा । इसके अलावा इसकी एक शर्त यह भी है कि श्रमिक कार्ड को बने हुए 1 साल का समय हो जाना चाहिए।
15.समय समय पर सरकार के द्वारा दिये जाने वाले अन्य लाभ
इन सब लाभों के अलावा श्रमिक कार्ड बनाने से मिलने वाले लाभों को राज्य सरकारे निंरतर कुछ ना कुछ जोड़ती रहती हैं। नई घोषणाओं के अंदर भी कई लाभ मिल सकते हैं। अपने क्षेत्र की नई घोषणाओं के बारे मे आप जानेंगे तो आपको इस बारे मे अधिक जानकारी हो जाएगी ।
श्रमिक कार्ड के फायदे लेने के लिए क्या करें ?
दोस्तों श्रमिक कार्ड तो बहुत से लोग बनवा रखे हैं। लेकिन इसके फायदों के बारे मे भी बहुत से लोगों को पता होने के बाद भी उनको यह पता नहीं होता है कि वे श्रमिक कार्ड के फायदे उठाने के लिए किस से संपर्क करें ? दोस्तों इसकी बड़ी वजह है कि सरकार के अधिकारी । यह लोग बहुत कामों को अटका कर छोड़ देते हैं और कई लोगों को तो इनके चारों और चक्कर लगाने पड़ जाते हैं।
खैर इस बारे मे हम बात नहीं करेंगे । लेकिन यदि आपका कोई जानकारी पंचायत या फिर नगरपालिका मे है तो आपका काम हो सकता है। नहीं तो कोई फायदा नहीं है।
अपने सरपंच से संपर्क करें
यदि आप एक गांव के अंदर रहते हैं और आप मजदूर कार्ड की योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं तो आप अपने गांव के सरपंच से संपर्क कर सकते हैं। वह आपको पूरी प्रोसेस बतादेगा कि आप किस योजना का किस तरह से लाभ ले सकते हैं ?
अपने नजदिगी ई मित्र से संपर्क करें
यदि आप छात्रवति आदि के लाभ को लेना चाहते हैं तो आप अपने पास के किसी ई मित्र मे जाएं और वहां पर इस बारे मे पूछ सकते हैं। वे आपको बहुत ही अच्छी तरीके से बताएंगे कि आप किस तरह से आवेदन कर सकते हैं ? और इसके लिए आपको क्या क्या प्रूफ देने होंगे ? और कितना पैसा आपको मिल सकता है? इस बारे में भी वे आपको बतादेंगे ।
श्रम विभाग से जानकारी
अपने जिले के अंदर एक श्रम विभाग होता है और उसकी एक ऑफिस होती है। वहां पर आपको जाना है और आप श्रमिक कार्ड से मिलने वाली योजनाओं के बारे मे जान सकते हैं। हालांकि यह निर्भर करता है कि अधिकारी आपको जानकारी देना चाहते हैं या नहीं ? क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है कि वे मजदूरों को डांट कर भगा देते हैं। या फिर किस तरह का कोई बहाना बना लेते हैं।
श्रमिक कार्ड के लिए पात्रता
क्र. | काम करने वाले मजदूर |
1 | पत्थर काटने, पत्थर तोड़ने एवं पत्थर पीसने वाले |
2 | राजमिस्त्री |
3 | बढ़ई (कारपेंटर), |
4 | पुताई करने वाले (पेंटर) |
5 | फिटर या बार बेंडर |
6 | सड़क के पाइप मरम्मत कार्य में लगे प्लम्बर, नाली निर्माण एवं नल संबंधी कार्य करने वाले मजदूर इसको बनवा सकते हैं। |
7 | इलेक्ट्रीशियन, विधुत वायरिंग, वितरण एवं पैनल फिटिंग के कार्य जो करते हैं उनके लिए भी यह उपयोगी है। |
8 | मैकेनिक |
9 | कुऎं खोदने वाले |
10 | वेल्डिंग करने वाले |
11 | मुख्य मजदूर |
12 | मजदूर |
13 | स्प्रेमेन या मिक्सरमेन |
14 | लकड़ी या पत्थर पैक करने वाले |
15 | कुएं में गाद (तलछट) हटाने वाले गोताखोर |
16 | हथौड़ा चलाने वाले |
17 | छप्पर डालने वाले |
18 | लोहार |
19 | लकड़ी चीरने वाले |
20 | कॉलकर |
21 | कांक्रीट मिक्सर मशीन चलाने वाले |
22 | पंप आपरेटर |
23 | मिक्सर चलाने वाले |
24 | रोलर चालक |
25 | बड़े यांत्रिक कार्य जैसे – भारी मशीनरी, पुल का कार्य आदि में लगे खलासी |
26 | चौकीदार एवं सिक्योरिटी गार्ड |
27 | मोजाइक पॉलिश करने वाले |
28 | सुरंग मजदूर |
29 | कड़प्पा पत्थर, मारबल, स्लैब कटिंग, पॉलिश एवं टाईल्स संबंधी कार्य करने वाले मजदूर |
30 | सड़क मजदूर |
31 | चट्टान तोड़ने वाले या खनि मजदूर |
32 | सन्निर्माण कार्य से जुडे मिट्टी का कार्य करने वाले |
33 | चूना बनाने की क्रिया में लगे मजदूर |
34 | बाढ़ कटाव रोधी कार्य में लगे मजदूर |
35 | बांध, पुल, सड़क या किसी भवन सन्निर्माण प्रक्रिया में नियोजन में लगे कोइ अन्य प्रवर्ग के मजदूर |
36 | ईट भट्ठा, खपरा, फ्लाई ऎश , टाईल्स मजदूर |
37 | पंडाल सन्निर्माण में लगे मजदूर |
38 | बंसोड |
39 | कुम्हार |
40 | सीमेंट पोल,सीमेंट की जाली, गमले,पाईप,टंकी आदि बनाने वाले मजदूर |
41 | रेंत या गिट्टी मजदूर |
42 | निर्माण में अग्निशमन संयंत्र लगाने वाले श्रमिक |
43 | एयर कण्डीशनर, शीतलीकरण, वाष्पीकरण यंत्र तथा गीजर मरम्मत करने वाले मजदूर |
44 | लोहे के ग्रिल, खिडकियां, दरवाजे बनाने व लगाने वाले मजदूर |
45 | भवनों में कारपेंट का काम करने वाले मजदूर |
46 | लिफ्ट एवं एस्केलेटर लगाने तथा रखरखाव करने वाले मजदूर |
47 | सोलर पैनल निर्माण करने वाले, लगाने/मरम्मत करने वाले मजदूर |
48 | माड्यूलर किचन निर्माण करने वाले / लगाने वाले मजदूर |
49 | पी.ओ.पी. का कार्य करने वाले, फॉल्स सीलिंग, लाईटिंग कार्य करने वाले मजदूर |
50 | सेंट्रिंग मजदूर |
51 | सुरक्षा दरवाजे, सुरक्षा यंत्र लगाने वाले एवं बनाने वाले मजदूर |
52 | जल संरक्षण कार्य करने वाले मजदूर |
53 | कॉच एवं ग्लास पैनल्स की कटिंग करने और लगाने संबंधी कार्य करने वाले मजदूर |
54 | खेल मैंदान, स्वीमिंग पुल, गोल्फ कोर्स जैसे मनोरंजन स्थल का निर्माण करने वाले मजदूर |
55 | बस स्टॉप, डिपो,स्टैण्ड, रोड सिगनल, संकेतक (साईन बोर्ड) एवं इनसे संबंधित निर्माण करने तथा लगाने वाले मजदूर |
56 | फौव्वारा निर्माण करने एवं लगाने वाले मजदूर |
57 | सार्वजनिक उघान, फुटपाथ निर्माण, लैण्ड स्कैपिंग संबंधी कार्य करने वाले मजदूर |
58 | निर्माण कार्य में लगने वाले सामग्री रेत, ईट, गिट्टी , मुरुम, आदि की आपूर्ति करने वाले वाहन के वाहन चालक |
59 | कचरा हटाने वाले मजदूर |
60 | रेट, मुरुम, गिट्टी, सीमेंट तथा ईट को स्थल से निकालने वाले एवं लोडिंग एवं अनलोडिंग करने वाले मजदूर |
- पंजीयन हेतु कलर पासपोर्ट फोटो, 90 दिवस निर्माण कार्य करने संबंधित नियोजक ,ठेकेदार अथवा पंजीकृत निर्माण मजदूर संघ व्दारा जारी प्रमाण की आवश्यकता होगी ।
- मजदूर कार्ड बनाने की आयु सीमा 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए । इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी ।
- और अपना राशन कार्ड संलग्न करना होगा ।
- आपके पास एक मोबाइल नंबर और एक बैंक खाता होना चाहिए ।
- मनरेगा के अंदर कार्य करने वाला जॉब कार्ड होना चाहिए ।
- पंजीयन के 45 दिन के भीतर निराकण किया जायेगा ।
श्रमिक कार्ड के नुकसान
दोस्तों अनेक प्रकार के लाभ लेने के चक्कर मे श्रमिक कार्ड बनाने वालों की होड़ भी लग चुकी है। लेकिन आपको इसे बनाना चाहिए या नहीं बनाना चाहिए । इसके बारे मे निर्णय लेने से पहले यह देखना होगा कि भविष्य के अंदर यह आपके लिए समस्या ना बन जाए ।क्योंकि श्रमिका कार्ड बनने के बाद आपको एक श्रमिक के तो पूरे फायदे मिलते हैं लेकिन आप कई फायदों से बाद मे वंचित हो सकते हैं तो आपको इसके बारे मे भी पूरी जानकारी होनी चाहिए । आधी अधुरी जानकारी को लेकर आपको श्रमिक कार्ड को बनाने के लिए नहीं जाना चाहिए ।तो आइए जान लेते हैं श्रमिक कार्ड के नुकसान के बारे मे ।
- e shram ke nuksan in hindi के तहत यदि आपने 10 वीं और 12 वीं किया है। और उसके बाद आप आगे की पढ़ाई करने के बारे मे सोच रहे हैं तो आपको श्रमिक कार्ड नहीं बनाना चाहिए । इसको बनाने पर यह समस्या हो सकती है कि आपको बाद मे नौकरी मिलने पर समस्या हो सकती है।
- यदि आप किसी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आपको श्रमिक कार्ड नहीं बनाना चाहिए । इससे आपकी नौकरी लगने के चांस पर बट्टा लग सकता है।
- दोस्तों श्रमिक कार्ड सिर्फ उन लोगों के लिए होता है जोकि अपना छोटा मोटा काम करते हैं और भविष्य के अंदर नौकरी वैगरह लगने के चांस नहीं हैं। तो यदि आप इस वर्ग के अंदर नहीं आते हैं तो आपको श्रमिक कार्ड नहीं बनाना चाहिए ।
- यदि आपकी उम्र 60 साल हो चुकी है तो अब आप वृद्धापेंशन का आवेदन नहीं कर पाएंगे । यदि आपने पहले ही श्रमिक कार्ड बना लिया है। इसी तरीके से यदि आप महिला हैं तो आप भी श्रमिक कार्ड बनाने के बाद पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे ।
- यदि आप पहले से कोई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यह श्रमिक कार्ड आपके लिए नहीं है। आपको इसे नहीं बनाना चाहिए ।
देश के कितने कामगारों ने ई-श्रम कार्ड के लिए कराया रजिस्ट्रेशन
दोस्तों ई श्रमिक कार्ड के लिए अब तक 18 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह आंकडे बता रहे हैं। और आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके अंदर 52.93 फीसदी महिलाएं और और सिर्फ 46 फिसदी ही पुरूष हैं।31 दिसंबर, 2021 तक का यह आंकड़ा है।
E Shram Portal के अंतर्गत विभिन्न योजनाएं
दोस्तों ई श्रम पोर्टल के अंदर कई योजनाएं चल रही हैं। जिसके बारे मे भी आपको जानकारी होनी चाहिए।वैसे आप यदि इन योजनाओं के बारे मे अधिक जानना चाहते हैं तो E Shram Portal के उपर इनके बारे मे पढ़ सकते हैं। बाकि इन योजनाओं की डिटेल के बारे मे हम भी आपको यहां पर बताने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना
लाभार्थी की प्रवेश आयु के आधार पर मासिक योगदान रु.55 से रु.200 तक है।इस योजना से जुड़े वाले को सिर्फ 50 फिसदी तक योगदान देना होता है और बाकी केंद्रसरकार देती है।
- इस योजना के अंदर शामिल होने के लिए आप भारतिय नागरिक होने चाहिए
- आप असंगठित क्षेत्र के अंदर काम करने वाले श्रमिक होने चाहिए । इसके अंदर स्ट्रीट वेंडर, कृषि मजदूर, निर्माण स्थल के श्रमिक, चमड़े के उद्योगों में काम करने वाले, हथकरघा, मिड-डे मील वर्कर, रिक्शा चलाने वाले या ऑटो व्हीलर, कूड़ा बीनने वाले, बढ़ई, मछुआरे आदि के रूप में काम करने वाले आते हैं।
- आपकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच मे होनी चाहिए ।
- ईपीएफओ/ईएसआईसी/एनपीएस का सदस्य नहीं होना चाहिए ।
- आपकी मासिक आय 15000 रूपये से कम होनी चाहिए ।
यदि हम इस योजना के लाभ की बात करें तो
- यदि इस योजना के अंदर शामिल इंसान 60 वर्ष बीता लेता है तो उसके बाद उसे 3000 रूपये मासिक पेंशन मिलती है।
- यदि उसकी मौत हो जाती है तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी पेंशन मिलती है।
- और यदि पति पत्नी दोनों इस योजना के अंदर भाग ले रहे हैं तो उनको 6000 रूपये पेंसन मिलती है।
दुकानदारों, व्यापारियों और स्व-नियोजित व्यक्तियों (एनपीएस-व्यापारी) के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना
लाभार्थी की प्रवेश आयु के आधार पर मासिक योगदान रु.55 से रु.200 तक है।इस योजना से जुड़े वाले को सिर्फ 50 फिसदी तक योगदान देना होता है और बाकी केंद्रसरकार देती है।
इस योजना का लाभ यह है कि यदि लाभार्थी 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है तो उसे 3000 रूपये मासिक पैंशन मिलेगा ।
यदि हम इस योजना के अंदर शामिल होने की शर्तों के बारे मे बात करेंगे तो शर्तें पहले जैसी ही हैं।
- व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- दुकानदार या मालिक जिनके पास छोटी या छोटी दुकानें, रेस्तरां, होटल, रियल एस्टेट दलाल आदि हैं।
- और उसकी उम्र 18 से 40 वर्ष तक होनी चाहिए ।
- ईपीएफओ/ईएसआईसी/एनपीएस का सदस्य नहीं होना चाहिए ।
Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana (PMJJBY)
Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana (PMJJBY) से जुड़कर भी आप काफी लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपके अंदर कुछ योग्यताएं होनी चाहिए
- लाभार्थी भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- उसकी उम्र 18 से 50 वर्ष तक की होनी चाहिए ।
- जनधन खाता या बचत खाता होना जरूरी
- खाते मे ऑटो डेबिट सिस्टम होना चाहिए।
इसके अलावा यदि हम इसके अंदर लाभ की बात करें तो आपको यहां पर कई तरह का लाभ देखने को मिलता है।किसी भी कारण से योजना के अंदर शामिल होने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो 2 लाख रूपये मिलते हैं।
Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana (PMSBY)
Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana (PMSBY) के अंदर शामिल होने के लिए कुछ योग्यताओं की आवश्यकता होती है जिसके अंदर
- एक भारतिय नागरिक होना चाहिए
- खाते मे ओटो डेबिट सिस्टम होगा ।
- आयु 18 से 70 साल की होनी चाहिए ।
- और एक बचत खाता होना चाहिए ।
- यदि इस योजना के अंदर शामिल इंसान की किसी कारण से मौत हो जाती है तो 2 लाख रूपये मिलते हैं इसके अलावा आंशिक विकलांगता पर एक लाख रूपये की सहायता राशी दी जाती है।
Atal Pension Yojana
Atal Pension Yojana का लाभ लेने के लिए भी आपको कुछ चीजों की जरूरत होगी
- व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- व्यक्ति का खाता आधार से लिंक होना चाहिए ।
- उम्र 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए ।
- और इसके अंदर लाभर्थी अपनी मर्जी से 1000 से 5000 रूपये की पेंशन प्राप्त करता है।यदि लाभार्थी की मौत जो जाती है तो राशी उसकी पत्नी को दी जाती है और यदि पत्नी की भी मौत हो जाती है तो राशी नामांकित व्यक्ति को मिलती है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजना से लाभ प्राप्त करने के लिए भी आपको कुछ शर्तों का पालन करना जरूरी होता है।
- एक भारतिय नागरिक होना चाहिए
- गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए ।
- कोई भी परिवार जिसमें 15 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई सदस्य नहीं है।
- जिसके पास कोई भी सरकारी नौकरी नहीं है। वह जो श्रमिक है।
- हर महीने 35 किलो चावल या गेहूं उनको मिलेगा ।
- इसके अलावा वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम लागू किया जा रहा है ताकि प्रवासी श्रमिक भी इस योजना का लाभ उठा सकें।
Pradhan Mantri Awaas Yojana – Gramin (PMAY-G)
- श्रमिक जिनके परिवार मे 15 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई सदस्य नहीं है।
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- यदि परिवार के अंदर कोई विकलांग व्यक्ति है तो वह भी प्रधान मंत्री आवास योजना से फायदा उठा सकता है।
- जिसके पास कोई स्थाई नौकरी नहीं श्रमिक इसके अंदर आते हैं।
- इस योजना के अंदर शामिल होने वाले लोगों को उनके पक्के मकान बनाने के लिए 1.2 लाख रुपये की सहायता राशी दी जाती है। यह क्षेत्र के अनुसार अलग अलग हो सकती है। आपके क्षेत्र के अंदर भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाए गए होंगे ।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) – वृद्धावस्था संरक्षण
- इस योजना के अंदर कोई भी शामिल हो सकता है। जिसके पास कि स्वयं के आय के स्त्रोत से या फिर किसी दूसरे के आय के स्त्रोत से वितिय साधन नहीं है। उसे जीवन निर्वाह करने मे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए
- इस योजना के अंदर शामिल लोगों को 1000 से लेकर 5000 रूपये तक मासिक दिया जा सकता है।
- इसके अलावा 500 रूपये तक अंशदान दिया जा सकता है।
Ayushman Bharat-Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (AB-PMJAY)
- 16-59 वर्ष के आयु वर्ग के भीतर कोई वयस्क / पुरुष / कमाई करने वाला सदस्य नहीं है
- जिसके पास भूमी नहीं है। और वह पैसा अपनी मेहनत से कमाता है।
- एक ऐसा परिवार जिसके अंदर 16 से 60 साल का कोई भी सदस्य नहीं है।
- एक स्वस्थ व्यक्ति के बिना रहने वाला परिवार मतलब जिसके अंदर कमाने वाला इंसान नहीं है।
- रुपये का स्वास्थ्य कवरेज और अस्पताल के अंदर ईलाज करवाने के लिए हर साल परिवार को 5 लाख का फ्री ईलाज दिया जाएगा ।
बुनकरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना (एचआईएस) Health Insurance Scheme for Weavers (HIS)
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए ।
- जिसने अपनी 50 फिसदी आय को बनुकर के माध्यम से अर्जित किया हो ।
- सभी प्रकार के बुनकर इसके अंदर शामिल होते हैं। भले ही वह महिला को या फिर पुरूष हो ।
- लाभार्थी 15,000 रुपये का लाभ इस योजना के अंदर दिया जाएगा । जिसके अंदर कई चीजों को शामिल किया गया है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC) National Safai Karamcharis Finance and Development Corporation (NSKFDC)
- यह भारत के नागरिक होने चाहिए
- यह हाथ के अंदर मेला ढोने वाले लोग आते हैं जिनके अंदर कि सफाई कर्मचारी भी आते हैं।
- इसके अंदर मैला ढोने वाले और सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को विदेश के अंदर पढाई के लिए उचित पैसा प्रदान किया जाएगा ।
हाथ से मैला उठाने वालों के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार योजना (संशोधित)
- इस योजना का लाभ लेने के लिए भारतिय नागरिक होना जरूरी है।
- हाथ से मेला ढोने वाले और सफाई करने वाले लोगों को 40,000/- की नगद सहायता प्रदान की जाएगी ।
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम की तरफ से समय समय पर सफाई कर्मचारी और मेला ढोने वाले लोगों को निशुल्क प्रशीक्षण प्रदान किया जाएगा ।और उनको 3000 रूपये की सहायता राशी प्रदान की जाएगी ।
ई श्रम पोर्टल पर दिये गए कुछ एक्ट एंड रूल्स
ई श्रम पोर्टल पर आपको कुछ एक्ट और रूल्स मिलते हैं जिसके बारे मे भी आपको जानकारी होना जरूरी है तो आइए जानते हैं। ई श्रम पोर्टल पर दिये गए कुछ एक्ट के बारे मे ।
असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008
देश के अंदर लगभग 88 फीसदी लोग हैं जोकि असंगठित कार्यबल के अंदर लगे हुए हैं।इन लोगों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिल रहा है। असंगठित श्रमिकों के अंदर जैसे भवन निर्माण श्रमिकों ,बीड़ी उधोग के अंदर काम करने वाले श्रमिकों ,दुकानों पर काम करने वाले श्रमिकों आदि के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रही है। असंगठित श्रमिक सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 इसलिए पारित किया गया है ताकि असंगठित श्रमिकों के लिए कुछ कल्याणकारी योजनाओं को बनाया जा सके ।
ठेका श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम 1970
ठेका श्रम के अंदर एक ऐसे श्रमिक आते हैं जोकि किसी ठेकेदार के नीचे काम कर रहे हैं जोकि किसी कंपनी के अंदर या फिर खुले काम पर काम कर रहे हैं।और यह ठेकेदार ही श्रमिकों की भर्ति करने का कार्य करता है।साइट के उपर श्रमिकों से होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए और उनके के लिए स्वस्थ वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है।इस अधिनियम का उद्देश्य ठेका श्रम का उन्मूलन और उनकी सेवा शर्तों का नियमन करना है।
अंतर्राज्यीय प्रवासी कामगार (रोजगार का विनियमन और सेवा की शर्तें) अधिनियम 1979
यह अधिनियम पिछले 12 महीनों में किसी भी दिन के दौरान 5 या अधिक अंतर्राज्यीय कामगारों को नियुक्त करने वाले प्रतिष्ठानों और ठेकेदारों पर लागू होता है। और इस तरह के प्रतिष्ठानों के लिए पंजिकरण और लाइसेंस का प्रावधान रखा गया है।
न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948
यह अधिनियम इसलिए पारित किया गया है ताकि श्रमिकों को कम मजदुरी से बचाया जा सके ।गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए न्यूनतम मजदूरी सहायक हो सकता है। जिन क्षेत्रों के अंदर मजदूरी कम है उनके लिए यह अधिनियम काफी फायदेमंद हो सकता है।क्योंकि यह उनकी मजदूरी को तय करने मे सहायक होता है। इस अधिनियम के आने के बाद ठेकेदार मजदूरों को अपनी मर्जी से कुछ भी मजदूरी नहीं दे सकते हैं।उनको न्यूनतम मजदूरी तो देना ही होगा ।
बंधुआ मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976
देश के कुछ हिस्सों के अंदर बंधुआ मजदूरी प्रणाली चलती है। जिसके अंदर होता यह है कि ऋण को उतारने के लिए कुछ लोग मजदूरों को अपने यहां पर काम करने के लिए विवश करते हैं। और मजदूर जीवन भर उनके यहां पर काम करने के लिए विवश हो जाते हैं।
1975 में माननीय राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किया गया था। जबरन किसी से मजदूरी करवाना दंडनिय अपराध के अंदर आता है।अब बंधुआ मजदूर प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020
सामाजिक सुरक्षा संहिता का मुख्य उदेश्य यह है कि यह असंगठित क्षेत्र के अंदर काम करने वाले मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में संशोधन करना और उन्हें समेकित करना है।
मजदूरी पर संहिता, 2019
यह मजदूरों के बोनस और भुगकतान को विनियमित करने का प्रयास करता है।यह सभी कर्मचारियों पर लागू होता है। केंद्र के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को केंद्र से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी मिलेगी और राज्य के अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को राज्य की और से निर्धारित न्यून्तम मजदूरी मिलेगी ।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति कोड, 2020
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता, 2020 एक स्थापना में कार्यरत व्यक्तियों की व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति को विनियमित करने वाले कानूनों को समेकित और संशोधित करने के लिए एक कोड है
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों या उपक्रमों में रोजगार की शर्तों, औद्योगिक विवादों की जांच करता है और संशोधित करने का कार्य भी करता है।
Employment Schemes
सरकार समय समय पर ऐसी योजनाएं भी चलाती है जिसकी मदद से लोगों को रोजगार दिया जाता है। और यदि आपके पास श्रमिक कार्ड है तो इसकी मदद से आप काफी फायदा उठा सकते हैं।
MGNREGA
मनरेगा के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे। और इस योजना मे आपने काम भी किया होगा । इसके अंदर सरकार परिवार के लोगों को रोजगार देने का काम करती है।
- इस योजना के अंदर आप शामिल होने के लिए भारत के नागरिक होने चाहिए
- आपकी उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए ।
- इसके अंदर जॉब कार्ड बनता है जिसकी मदद से 100 दिन का रोजगार दिया जाता है।
Deen Dayal Upadhyaya-Grameen Kaushalya Yojana (DDU-GKY)
- इस योजना के अंदर शामिल होने के लिए आप भारत के नागरिक होने चाहिए ।
- 15 से 35 वर्ष की आयु के बीच उम्र होनी चाहिए।
- महिला और दूसरे कमजोर वर्गों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष करदी गई है।
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान करती है और उनको न्यूनतम वेतन पर काम दिलवाने का काम करती है।
Deen Dayal Updhyaya Antyodaya Yojana (DDUAY)
इस योजना के अंदर कोई भी शामिल हो सकता है जिसे कि काम सीखना हो। इस योजना का प्रमुख उदेश्य कौशल के अंदर सुधार करना होता है। और युवाओं के अंदर कौशल का विकास करके उनको नौकरी दिलाना होता है।हालांकि इस योजना के अंदर शामिल होने के लिए आप भारत के नागरिक होना जरूरी है।
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी)
प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंदर शामिल होने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना जरूरी होगा ।
- व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए ।
- और व्यक्ति कम से कम आठवीं कक्षा पास होना चाहिए ।
- और व्यक्ति भारत का नागरिक होना भी जरूरी है।
- यदि आप कोई नया उधोग स्थापित करते हैं तो इसके बदले मे आपको वितिय सहायता प्रदान की जाती है।
Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY)
- Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY) छात्रों के अंदर कोशल विकास करने के लिए बनाई गई योजना है।
- 12 वीं कक्षा छोड़ने वाले या 10 वीं पास छात्र के अंदर कौशल का विकास करती है जिससे कि वे अपना रोजगार कर सकें।
- इसके अंदर 18 से 45 वर्ष के लोग शामिल हो सकते हैं।
- कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए युवाओं को सहायता प्रदान करना।
- और नीजी क्षेत्र के अंदर कौशल के विकास को बढ़ावा देना ।
ई-श्रम पोर्टल का शुभारंभ
सरकार असंगठित कामगारों का डेटाबेस तैयार कर रही है।इसके लिए ई श्रम पोर्टल को लांच किया है।इस पोटर्ल को श्रम मंत्रालय ने लांच किया था। और इसकी मदद से उन श्रमिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा जोकि असंगठित क्षेत्रों के अंदर काम कर रहे हैं।इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया फ्री रहेगी आप खुद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। और यदि आपको इसके बारे मे जानकारी नहीं है तो फिर आप किसी भी ईमित्र की मदद से इसके अंदर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
एक बार इसके उपर पंजीकृत होने के बाद बार पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती जोकि एक अच्छी बात है। इसके अलावा पंजीकरण सक्सेसफुल होने के बाद ई श्रम कार्ड प्रदान किया जाएगा । जिसके अंदर की विशिष्ट नंबर लिखा होगा । इसके अलावा यह पूरे देश के अंदर वैलिड होगा ।
- श्रमिक जन्मतिथि, होमटाउन, मोबाइल नंबर की मदद से इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
- इस पर पंजिकरण होने के बाद यदि सरकार आपको कुछ लाभ देती है तो वह भी आप तक आसानी से पहुंच जाएगा ।
- यदि आप भी एक मजदूर हैं तो आपके लिए यह पोर्टल काफी फायदेमंद हो सकता है।
कई लोग इसके उपर पहले ही पंजिकरण करवा चुके हैं तो यदि आप भी पंजिकरण करवाना चाहते हैं तो यहां पर करवा सकते हैं। यह काफी आसान है।
ई श्रम पोर्टल पर उपलब्ध Stakeholders
श्रम और रोजगार मंत्रालय
श्रम और रोजगार मंत्रालय श्रम और रोजगार मंत्रालय (एमओएलई) नोडल एजेंसी है। जिसका कार्य होता है राष्ट्र स्तर पर योजनाओं का निर्माण करना और उनको लागू करने का प्रयास करना । ई श्रम पोर्टल को भी इसी ने लांच किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY)
प्रोजेक्ट संचालन समिति और केंद्रसरकार केविभिन्न विभागों / मंत्रालयों के सदस्यों के साथ सचिव, एमईआईटीवाई की सह-अध्यक्षता सभी के बीच परियोजना समन्वय के लिए जिम्मेदारी यह लेती है।पीएससी आगे चलकर एनडीयूडब्ल्यू के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा और अंतर विभागीय/मंत्रिस्तरीय मुद्दों को हल करने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी)
एनआईसी एनडीयूडब्ल्यू परियोजना के लिए परियोजना निष्पादन एजेंसी है और एनआईसी क्लाउड पर आईटी बुनियादी ढांचे की स्थापना, टर्नकी आधार पर एनडीयूडब्ल्यू के परियोजना कार्यान्वयन के डिजाइन और विकास के लिए एमओएलई की मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में कार्य कर रही
राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारें
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें NDUW प्लेटफॉर्म की प्राथमिक फीडर और उपयोगकर्ता होंगी। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारें अपने-अपने राज्य में एनडीयूडब्ल्यू के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगी।
लाइन मंत्रालय/केंद्र सरकार के विभाग
इसके अंदर असंगठित कामगारों की पहचान करना और उनका पंजिकरण करना आता है।
श्रमिक सुविधा केंद्र एवं फील्ड संचालक
श्रमिक सुविधा केन्द्र भी असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए एनडीयूडब्ल्यू पोर्टल के फीडर होंगे।
निजी क्षेत्र के भागीदार
यह अपने साथ काम करने वाले असंगठित कामगारों तक पहुंच को बनाने के लिए गिग और प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स, दुग्ध संघों, सहकारी समितियों को इसके अंदर शामिल करने की संभावनाओं की तलास करेंगा ।
डाकघरों के माध्यम से डाक विभाग
पूरे भारत के अंदर 1.55 लाख डाकघर काम कर रहे हैं और वे आधार आधारित सेवाएं दे रहे हैं। वे सीएससी-एसपीवी के तर्ज पर पंजिकरण ऐजेंसी के रूप मे काम करेंगे ।
सीएससी-एसपीवी
सीएससी-एसपीवी एमईआईटीवाई की एक ईकाई है जोकि पूरे देश के अंदर 3 लाख से अधिक सेवा केंद्रों के माध्यम से डिजिटल इंडिया मिशन के तहत काम कर रही है।यह एक नामांकन ऐंजेंसी के रूप मे काम करेंगे ।
ईएसआईसी और ईपीएफओ
यह एक तरह से हितधारक होंगे और यूएएन के माध्यम से यह जुड़े होंगे जोकि संगठित या असंगठित रूप मे कार्यकर्ता की स्थिति को निर्धारित करने मे सहायक होंगे ।
उद्देश्य ई श्रम पोर्टल
- दोस्तों सभी असंगठित कामगारों का डेटाबेस तैयार करना जिसके अंदर की फेरी वाले कामगार ,निर्माण कामगार फेरी वाले कामगार कृषि मे लगे कामगार इन सभी का एक डेटाबेस तैयार करना है जिनको की आधार से जोड़ा जाना है।
- असंगठित मजदूरों के लिए सामाजिक योजनाएं चलाई जा रही हैं जोकि श्रम मंत्रालय के द्धारा चलाई जा रही हैं और अन्य संगठन भी इसका क्रियान्वयन कर रहे हैं।
- प्रवासी और निर्माण के अंदर काम गार जो लगे हुए हैं उनको सामाजिक और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना ।
- भारत के अंदर कोविड 19 जैसी किसी भी संकट की स्थिति के अंदर डेटाबेस उपलब्ध करवाना ।
- प्रवासी कामगारों की वर्तमान स्थिति का पता लगाना और उनकी आवाजाही के बारे मे जानकारी रखना ।
ई श्रम पोर्टल पर कौन पंजिकरण करवा सकता है ?
- जिसकी आयु 16-59 वर्ष के बीच हो।
- EPFO/ESIC या NPS का सदस्य न हो।
- इसके अलावा जोकि असंगठित क्षेत्र के अंदर काम कर रहा हो वह इसके अंदर पंजिकरण करवा सकता है।
- इसके लिए आपको आधार संख्या की आवश्यकता होगी
- आधार से जुड़े मोबाइल नंबर
- IFSCकोड के साथ बचत बैंक खाता संख्या
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दोस्तों इसके अंदर कुछ ऐसे प्रश्न दिये गए हैं जोकि अक्सर पूछे जाते हैं तो आइए जानते हैं इन प्रश्नों के बारे मे
असंगठित काम गार कौन होते हैं ?
ऐसे लोग असंगठित काम गार होते हैं जोकि अपने घर के अंदर से काम करते हैं। जोकि ईएसआईसी या ईपीएफओ के सदस्य नहीं हैं।असंगठित कामगार के अंदर यह आते हैं।
असंगठित क्षेत्र क्या है?
असंगठित क्षेत्र का मतलब होता है ऐसी इंकाइयां जोकि उत्पादन के अंदर लगी हैं और उनके अंदर 10 से अधिक लोग आते हैं जोकि ईएसआईसी और ईपीएफओ के अंदर नहीं आते हैं।
यूएएन क्या है?
दोस्तों UAN नंबर एक 12 अंकों की संख्या होती है जोकि ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण करवाने के बाद मिलता है। एक बार वह नंबर मिल जाने के बाद जीवन भर बस वही नंबर बना रहता है। वह बदलता नहीं है।
ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण के लिए क्या मानदंड हैं ?
दोस्तों इसके लिए वैसे तो कोई मानदंड नहीं है। लेकिन पंजिकरण करवाने वाला आयकर दाता नहीं होना चाहिए ।यदि आप भविष्य के अंदर आप आयकर दाता होंगे तो आपको पंजिकरण नहीं करवाना चाहिए ।
eSHRAM पर पंजीकरण करने के लिए किन आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है?
- इसके लिए आपको चाहिए एक बैंक खाता
- आपके पास आधार नंबर होना चाहिए ।
- और मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए ।
ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण के लिए क्या फायदा होगा ?
दोस्तों यदि आप ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण करवाते हैं तो इससे आपको फायदा मिलेगा ।इसके अंदर श्रमिकों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा । आपको 2 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा ।और इसके माध्यम से ही श्रमिकों को उचित लाभ वितरित किये जाएंगे ।इसके अलावा महामारी जैसी स्थिति के अंदर श्रमिकों का डेटाबेस होगा तो उनकी मदद करने मे सरकार को काफी आसानी होगी ।
क्या ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण के लिए क्या शुल्क देना होगा
दोस्तों ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा । हालांकि ई मित्र वाले आपसे शुल्क वसूल सकते हैं।
क्या पंजिकरण के बाद बैंक खाते से किसी तरह की कटौती होगी
नहीं ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण करने के बाद बैंक खाते से किसी भी तरह की कटौती नहीं होगी और सरकार यदि किसी तरह का लाभ देना चाहेगी तो वह आपके बैंक खाते के अंदर पैसा आसानी से डाल देगी ।
क्या कर्मचारी को अपना यूएएन नंबर को निविनिकृत करवाना होगा
नहीं आपको ऐसा करने की कोई भी आवश्यकता नहीं होगी ।श्रमिकों को अपने विवरण, मोबाइल नंबर, वर्तमान पता आदि को अपडेट करना पड़ सकता है। लेकिन साल के अंदर कम से कम एक बार अपने खातें को अपडेट करना होगा ।
ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण करने के बाद क्या फायदा मिलेगा
यदि आप एक बार ई श्रम पोर्टल पर पंजिकरण करवा लेते हैं तो उसके बाद आपको 2 लाख तक का दुर्घटना बीमा कवर किया जाएगा इसके अलावा COVID19 जैसी स्थिति के अंदर श्रमिकों को लाभ प्रदान किया जाएगा ।
SHRAM पंजीकरण की अंतिम तिथि क्या है?
SHRAM पंजीकरण की कोई भी अंतिम तिथि नहीं है। और आप जब चाहें दिन और रात के अंदर कभी भी पंजिकरण करवा सकते हैं। आपको इसके अंदर पूरी तरह से छूट प्रदान की जाती है।
क्या 16 वर्ष आयु के लोग पंजिकरण के पात्र हैं ?
नहीं दोस्तों 16 वर्ष की आयु के लोग पंजिकरण के पात्र नहीं हैं। आपको इसके लिए 2 साल और इंतजार करना होगा । इसके लिए आपको कम से कम 18 वर्ष की आयु चाहिए होगी ।
क्या असंगठित कामगार के रूप में पंजीकरण के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता निर्धारित है?
नहीं इसके अंदर पंजिकरण करने के लिए किसी भी तरह की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है। आप पंजिकरण करवा सकते हैं यदि आप कोई मजदूरी करते हैं तो ।
श्रमिक कार्ड के फायदे लेख कैसा लगा कमेंट करके बताएं ।
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