इस लेख मे हम बात करेंगे smart card kya hai स्मार्ट कार्ड के फायदे और नुकसान के बारे मे स्मार्ट कार्ड के बारे मे आप जानते ही होंगे । यदि आप कभी मेट्रो के अंदर गए होंगे तो आपको एक टोकन दिया जाता है और उस टोकन को आप जब गेट के टच करते हैं तो गेट अपने आप ही खुल जाता है। यह सब स्मार्ट कार्ड की वजह से ही संभव हो पाता है।
स्मार्ट कार्ड एक भोतिक कार्ड होता है। जिसके अंदर एक चिप लगी होती है जो आपके डेटा को सेव करती है। यह प्लास्टिक का बना होता है और आपके ड्राइविंग लाइसेंस के समान ही होता है। यह रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन के रूप मे काम करता है।स्मार्ट कार्ड पर चिप या तो माइक्रोकंट्रोलर या एम्बेडेड मेमोरी चिप हो सकती है।और इसके अंदर की जानकारी को बदला जा सकता है।
यदि आज के समय की बात करें तो पूरी दुनिया के अंदर स्मार्ट कार्ड का उपयोग बहुत अधिक बढ चुका है। इसका प्रयोग ईएमवी भुगतान कार्ड के रूप मे भी किया जाता है।कम दूरी की वायरलेस कनेक्टिविटी में सक्षम स्मार्ट कार्ड का उपयोग संपर्क रहित प्रणाली मे किया जा सकता है।
स्मार्ट कार्ड के अंदर भी कई विशिष्टताएं होती हैं और इसके अंदर कई मानकों को देखा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, स्मार्ट कार्ड मानकों आईएसओ / आईईसी 7816 और आईएसओ / आईईसी 14443 के अनुरूप होता है।
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स्मार्ट कार्ड का आविष्कार
- 1968 और 1969, हेल्मुट ग्रोटरुप और जुरगेन डेथलॉफ ने एक identification card के पेटेंट भरे।
- 1974 में रोलैंड मोरेनो ने एक मैमोरी कार्ड का पेटेंट करवाया था। जिसे बाद मे स्मार्ट कार्ड के नाम से जाना गया ।
- 1977 में, हनीवेल बुल के मिशेल उगन ने दो चिप्स के साथ पहला माइक्रोप्रोसेसर स्मार्ट कार्ड का आविष्कार किया था।बादमे उन्होंने एक स्व-प्रोग्रामेबल को भी पेटेंट करवाया था।
- इसके 3 साल बाद ही मटरोलाने CP8 मे इस पेटेंट का प्रयोग किया था।
- 2006 में, एक्साल्टो और जेमप्लस, आपस मे विलय हो गए जेमल्टो बन गए । यह दो बड़े स्मार्ट कार्ड निर्माता थे ।
- स्मार्ट कार्ड का प्रयोग सबसे पहले 1983 में लॉन्च किए गए फ्रेंच पे फोन में मे किया गया था।अब इस कार्ड को मैग स्ट्राइप तकनीक के नाम से भी जाना जाता है जिसकी क्षमता 300 bytes non-rewriteable है।
smart card कैसे काम करता है ?
इसके अंदर दो चीजें होती हैं एक तो आपका स्मार्ट कार्ड होता है जो कि पेसिव होता है और दूसरा स्मार्ट कार्ड डिटेक्टर होता है । जो कि एक्टीव होता है। जैसे कि आप मेट्रो के अंदर जाते हैं तो आपका टोकन जब आपकी जेब के अंदर पड़ा रहता है वह कोई काम नहीं करता लेकिन जैसे ही इसे गेट के पास हम लेकर जाते हैं। मेट्रो का गेट अपने आप ही खुल जाता है। दरसअल कार्ड डिटेक्टर अपने आस पास के ऐरिया के अंदर इलेक्ट्रो मेगनेटिक वेव को सेंड करता है और जब आपका कार्ड इसके क्षेत्र के अंदर आता है तो उसके अंदर लगी चिप के अंदर कुछ वोल्टेज आ जाता है और वह सूचनाओं को डिटेक्टर के पास भेज देता है।
जैसे कि आप किसी कम्पनी के अंदर काम किये होंगे तो वहां पर आपको एक स्मार्ट कार्ड मिलता है और उस कार्ड के अंदर आपका डेटा स्टोर होता है। जब आप अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं तो उस कार्ड को मशीन के पास ले जाना होता है तो मसीन सूचना को स्टोर कर लेती है कि आपने कब कंपनी मे इंटर किया है।
जब आप एक स्मार्ट कार्ड को डिटेक्टर के पास लेकर जाते हैं तो यह लगभग 212kbps से डेटा को ट्रांसफर करता है। जिसके अंदर कुछ मिली सैकिंड लगते हैं। और एक स्मार्ट कार्ड को आप 1 लाख बार रिप्रोग्राम कर सकते हैं। मतलब की आप इसे इतनी बार पंच कर सकते हैं।
स्मार्ट कार्ड को मोबाइल के अंदर यूज करना
दोस्तों स्मार्ट कार्ड के अंदर NFC चिप लगी होती है। जिसका मतलब होता है नियर फिल्ड क्म्यूनिकेसन ।अब मोबाइल के अंदर भी गूगल स्मार्ट कार्ड का सक्सेस फुल परीक्षण कर चुकी है। मोबाइल के अंदर NFC चिप लगाई जाती है और उसके बाद आप किसी एप की मदद से अपने एटीएम कार्ड की सूचनाएं यहां पर सेव कर सकते हैं। उसके बाद यदि आप इसकी मदद से कहीं पर भी शॉपिंग कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह बहुत अधिक सुविधा जनक है। हालांकि अभी तक इसका उपयोग पुरी तरह से नहीं हुआ है। लेकिन आने वाले समय मे इसी की मदद से आप पैसे भी निकाल पाएंगे ।
स्मार्ट कार्ड के प्रकार
स्मार्ट कार्ड कई प्रकार के होते हैं। उनके उनके उपयोग के प्रकार के आधार पर अलग अलग बनाया जाता है। कुछ स्मार्ट कार्ड के डेटा के अंदर बदलाव नहीं किया जा सकता है। जबकि कुछ स्मार्ट कार्ड के डेटा को बदला जा सकता है। आइए जानते हैं स्मार्ट कार्ड के अलग अलग प्रकार के बारे मे।
Magnetic stripe cards
इस कार्ड के अंदर सतह से जुड़ी चुंबकीय टेप सामग्री की एक पट्टी होती है। इसमे स्टोर होने वाली सूचनाओं को बदला नहीं जा सकता है। बैंक के अंदर इसी प्रकार के मानकों का प्रयोग किया जाता है। आपका एटीएम भी इसी सिद्वांत पर काम करता है। आप उसके अंदर स्टोर हर सूचना को बदल नहीं सकते हैं।
Optical cards
Optical cards को पढ़ा जा सकता है और इसके अंदर लिखा भी जा सकता है। लेकिन ऐसा करने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया जाता है।Optical cards की क्षमता कई मेगाबाइट होती है। मतलब आप इसके अंदर काफी कुछ स्टोर कर सकते हैं। यह एक डिस्क के विपरित आसानी से कहीं पर भी ले जाया जा सकता है।
Memory cards
मैमोरी कार्ड के बारे मे आप जानते ही होंगे । यह भी एक प्रकार का स्मार्ट कार्ड की तरह होता है। इसके अंदर आप डेटा को स्टोर कर सकते हैं आप भी इसका उपयोग कर सकते हैं। यह रीड और राईट दोनो होता है। मतलब आप इसके अंदर की सूचना को मिटा सकते हैं और उसके बाद दुबारा भी स्टोर कर सकते हैं। आज मार्केट के अंदर अलग अलग क्षमता के मैमोरी कार्ड उपलब्ध हैं।
Microprocessor cards
माइक्रोप्रोसेसरों वाले स्मार्ट कार्ड मानक प्लास्टिक कार्ड की तरह दिखते हैं, लेकिन एक एम्बेडेड इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) चिप और कार्ड ओएस से लैस होते हैं। यह डेटा को स्टोर कर सकते हैं और प्रोसेस कर सकते हैं इसके अलावा कैलकुलेशन भी कर सकते हैं। आपको बतादें कि मैमोरी कार्ड सिर्फ सूचनाओं को स्टोर कर सकते हैं लेकिन माइक्रोप्रोसेसर स्मार्ट कार्ड वास्तव मे स्मार्ट होते हैं। और वास्तव मे डेटा को स्टोर कर सकते हैं। स्मार्ट कार्ड छोटे और पोर्टेबल होते हैं और यह कम्प्यूटर और दूसरे उपकरणों के साथ कम्यूनिकेट कर सकते हैं।
स्मार्ट कार्ड के फायदे क्या है
दोस्तों अब दुनिया भर के अंदर स्मार्ट कार्ड का उपयोग बढ़ता जा रहा है। स्मार्ट कार्ड यूज करने के अनेक फायदे होते हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि यह सिक्योरीटी को बढ़ा देता है। इसके अलावा भी इसका यूज करना बहुत ही आसान होता है। आइए जानते हैं स्मार्ट कार्ड के कुछ खास फायदों के बारे मे ।
Processing power and security
स्मार्ट कार्ड के अंदर एक Cpu होता है।और यह सीपीयू सूचनाओं की सुरक्षा करता है।जैसे कि आप पिन को इंटर करते हैं तो यह उसकी सूरक्षा करता है। यदि आप सात बार गलत पिन इंटर कर देते हैं तो यह आपको एक घंटे के लिए ब्लॉक कर सकता है।इसके अलावा यदि आप लगातार गलत पिन को इंटर करते हैं तो यह आपको कस्टमर स्पार्ट नंबर पर कॉल करने को फोर्स करता है।
एक तरह से स्मार्ट कार्ड डेटा सुरक्षा के लिए काफी अच्छा है। आप जब किसी एटिम के अंदर जाकर पैसा निकालते हैं तो आपको पिन इंटर करना होता है।लेकिन इस बात का डर बना रहता है कि पिन कोई देख ना लें । लेकिन स्मार्ट कार्ड मे ऐसा नहीं होता है। आप अपने मोबाइल मे पिन इंटर करके पैसा निकाल सकते हैं।
बनाने का खर्च कम आता है
दोस्तों स्मार्ट कार्ड यूज करने का एक फायदा यह भी है कि इसको बनाने का खर्च आपके क्रेडिट कार्ड की तुलना मे कम आता है। यदि एक साथ बहुत सारे स्मार्ट कार्ड बनाए जाते हैं तो यह बनाने के खर्च को काफी कम कर देता है। जो कम्पनियों के लिए काफी फायदे मंद हो सकता है।
स्मार्ट कार्ड के फायदे लचीलापन
दोस्तों स्मार्ट कार्ड का सबसे बड़ा फायदा इसका लचीला पन होता है। आमतौर पर हमारे जब कई बैंकों के अंदर अकाउंट होते हैं तो हर बैंक का अपना अलग एटिएम कार्ड होता है। लेकिन स्मार्ट कार्ड के अंदर आप एक ही कार्ड से कई बैंक एटीएम और खातों को एक्सेस कर सकते हैं।
एक कार्ड में एक साथ एक आईडी, एक क्रेडिट कार्ड, एक संग्रहीत-मूल्य कैश कार्ड और व्यक्तिगत जानकारी जैसे टेलीफोन नंबर या मेडिकल इतिहास का भंडार हो सकता है। इसके खो जाने पर इसको दुबारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। और इसके अंदर एक पिन का प्रयोग होता है। उस पिन के बिना यह पुरी तरह से बेकार होता है।
यूज करने मे बहुत ही आसान
दोस्तों एक स्मार्ट कार्ड को यूज करना बहुत ही आसान होता है। इनको यूज करने के लिए किसी तरह के भौतिक डिवाइस को टच करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। जिस तरीके से आप मेट्रो के गेट के पास अपना कार्ड लाते हैं। गेट अपने आप ही खुल जाता है। इसको यूज करना बहुत ही आसान है।इसे यूज करने के लिए आपको डिटेक्टर के फ्रिक्वेंशी के क्षेत्र के अंदर जाना होता है।उसके बाद यह अपने आप ही काम करने लग जाता है।
डेटा की स्थिरता
दोस्तों स्मार्ट कार्ड के अंदर व्यवसाय की या अन्य किसी प्रकार की जानकारी एक बार सेव हो जाती है तो उसके बाद उसे मिटाया नहीं जा सकता है।यह हमेशा के लिए ही होता है।स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप और मैग्नेट के खिलाफ भी सुरक्षित है। यह मूल्यवान डेटा संग्रहीत करने के लिए कार्ड को एक अच्छा विकल्प बनाता है जिसे आसानी से पुन: प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।
आईडी कार्ड के रूप मे स्मार्ट कार्ड का प्रयोग
दोस्तों आपको बता चुके हैं कि स्मार्ट कार्ड के अंदर व्यक्ति पूरा बायो डेटा स्टोर रहता है। और इसको एक पहचान के रूप मे भी प्रयोग किया जा सकता है।
स्मार्ट कार्ड के नुकसान
स्मार्ट कार्ड के जहां अनेक फायदे हैं वहीं पर इसके नुकसान भी हैं। जैसेकि यदि आपका स्मार्ट कार्ड खो जाता है तो उसके बाद आपको असुविधा हो सकती है। इसके अलावा डेटा चोरी होने की समस्या बनी रहती है।
खो जाने पर असुविधा
दोस्तों यदि आपका स्मार्ट कार्ड खो जाता है तो उसके बाद आपको गम्भीर असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपकी सारी बैंक डिटेल उसके अंदर मौजूद हैं तो उसके बाद आपको और भी दिक्कत हो सकती है। जबकि यदि अलग अलग कार्ड होते हैं तो उन सब के खो जाने के चांस कम होते हैं।
सुरक्षा
दोस्तों स्मार्ट कार्ड स्वाइप कार्ड की तुलना मे अधिक सुरक्षित होता है। लेकिन कुछ लोग अपने कार्ड की सुरक्षा के बारे मे ज्यादा चिंतित नहीं होते हैं और वे कार्ड के उपर भी अपने पिन वैगरह लिख देते हैं । ऐसी स्थिति के अंदर यदि आपका स्मार्ट कार्ड खो जाता है तो उसके बाद आपके सारे बैंक अकाउंट खाली हो सकते हैं। यदि कोई अपने स्मार्ट कार्ड की सुरक्षा की परवाह करता है तो यह उसके लिए ही अच्छा है।
हार्डवेयर की समस्या
आमतौर पर भारत के अंदर स्मार्ट कार्ड को डिटेक्ट करने के हार्डवयर ना के बराबर हैं। यदि आप स्मार्ट कार्ड का यूज करते हैं तो फिर आपके सामने पहली समस्या तो यही आ जाएगी कि आप उसका प्रयोग कहां पर करेंगे ।भारत के अंदर अनेक शॉपिंग मॉल मे भी यह सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है। यह स्मार्ट कार्ड के उपयोग को सीमित करती है।
पहचान चोरी होने का खतरा
स्मार्ट कार्ड हार्डवेयर हैकिंग की चपेट मे आ सकते हैं। जिसका मतलब यह है कि आपके स्मार्ट कार्ड के अंदर मौजूद डेटा को बदला जा सकता है या जानकारी को खराब किया जा सकता है। आमतौर पर इसका उपयोग फर्जी कार्यों के अंदर भी किया जा सकता है।एक बार यदि स्मार्ट कार्ड हार्डवयर हैक हो जाते हैं तो बहुत अधिक नुकसान हो सकता है।
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This post was last modified on September 25, 2019