एक व्यक्ति ने प्रश्न पूछा था कि सोने के बाद आत्मा कहां जाती है ? असल मे इसके बारे मे हम यहां पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।भले ही मैं यह लेख लिख रहा हूं लेकिन कुछ भौतिकतावादी लोग इस चीज को स्वीकार नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनको लगता है कि यह सब पाखंड है। असल मे पाखंड जैसा कुछ होता नहीं हैं। आत्मा कोई पाखंड नहीं है। कुछ पत्रिकाएं आपको यह बता सकती हैं कि आत्मा नहीं होती है। लेकिन भाई अब तो विदेशी वैज्ञानिक भी आत्मा को सिद्व कर चुके हैं। खैर इसके बारे मे हम बाद मे बात करने वाले हैं।
दोस्तों कुछ लोग कहते हैं कि सोने के बाद आत्मा पता नहीं कहां कहां की यात्रा करती है।लेकिन असल मे आत्मा कोई गति नहीं करती है। गति सिर्फ मन करता है। गति मन की होती है।
नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्तापो न शोषयति मारुत: ।
इस श्लोक के अंदर भगवान क्रष्ण कहते हैं कि हे अर्जुन आत्मा को ना शास्त्र काट सकते हैं , ना आग जला सकती है ना उसे हवा उडा सकती है और ना ही उसे कोई दुख हो सकता है। वह तो सदा अचल है। आत्मा अचल होने का मतलब यह है कि वह हर जगह मौजूद है।तो उसे गति करने की आवश्यकता ही क्या होगी । आत्मा का अंश जीव और निर्जीव सबके अंदर अंदर मौजूद होता है।
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सोने के बाद आत्मा कहां जाती है sone ke baad aatma kahan jati hai
यदि आप सोच रहे हैं कि सोने के बाद आपकी आत्मा कहीं पर जाती है तो आप गलत सोच रहे हैं।असल मे आत्मा हर जगह पर सुलभ है । मतलब हर जगह पर उपलब्ध लेकिन आपकी आत्मा कुछ कर्म के ढांचे के अंदर बंद हो जाने की वजह से आपको यह लगता है कि आप एक अलग ईकाई हैं लेकिन ऐसा नहीं है।
यदि आप उस कर्म के ढांचे को हटा देते हैं तो आपकी आत्मा या मेरी आत्मा जैसी कोई चीज नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि सोने के बाद आपकी आत्मा कहीं नहीं जाती है। उसे कहीं पर जाने की जरूरत नहीं होती है।लेकिन आपका मन गति करता है। इसी गति को हम अपनी आत्मा की गति मानते हैं।
रात को सोने के बाद हमारी आत्मा कहां जाती है ?सोने का मतलब चेतन मन का सो जाना
दोस्तों सोने का मतलब होता है आपका चेतन मन सो जाना । चेतन मन जो कि आपके शरीर का एक हिस्सा कहा जाता है। वह सो जाता है। जब आप सो जाते हैं तो तो आपका सिर्फ चेतन मन ही सोता है। चेतन मन जो बाहर का मन होता है।
लेकिन अंदर का मन कभी सोता ही नहीं है। उसे इसकी कोई जरूरत नहीं होती है। चेतन मन जब सो जाता है तो हम बाहर की चीजों को देखना और सुनना बंद कर देते हैं । और देखते भी हैं तो यह चेतन मन की मदद से नहीं होता है। कुछ लोग जो मर चुके और बाद मे वापस जिंदा हुए तो उन्होंने वो सारी बाते बताई जो उसने नहीं देखी थी। इसका मतलब था कि वे अपने अचेतन मन से जुड़े थे ।
अचेतन मन और आत्मा सोने के बाद
दोस्तों आत्मा कुछ नहीं करती है।क्योंकि वह एक अभौतिक सता है उसके अंदर कोई राग होता ही नहीं है। जब हम निर्गुण की बात करते हैं तो वह आत्मा ही होती है। जब हम सो जाते हैं तो हमारा अचेतन मन आत्मा से जुड़ कर क्रियाशील हो जाता है। और उसके बाद हम सपनों के अंदर चलते हैं। इस तरह से देखकर हमे लगता है कि सोने के बाद हमारी आत्मा कहीं जा रही है। खैर आपको पता होना चाहिए कि अचेतन मन चेतन मन से बहुत अधिक शक्तिशाली है। वह चेतन मन से भी अधिक काम कर सकता है। वह भूत और भविष्य को देख सकता है।
मरने के बाद भी आत्मा अचेतन मन के साथ जुड़ जाती है
दोस्तों मरने के बाद हमारी आत्मा के साथ चेतन मन नहीं जाता है। वरन अचेतन मन जाता है। शरीर के साथ ही चेतन मन तो नष्ट हो जाता है। लेकिन अचेतन मन आत्मा के साथ जुड़ा होता है। जिसको कर्म का ढांचा कह सकते हैं। असल मे अचेतन मन एक सुचनाओं के ढेर जैसा ही होता है।और सोने के अंदर भी आत्मा अचेतन मन से जुड़ जाती है। इसलिए सोने को एक दूसरी मौत का नाम दिया गया है।
सोने के बाद आपकी आत्मा भविष्य के अंदर जा सकती है ?
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया सोने के बाद आपका अचेतन मन आत्मा के सहारे भविष्य के अंदर जा सकता है। वह भविष्य को देख सकता है। उसके अंदर वह क्षमता होती है । आपके सामने कई ऐसे उदाहरण होते हैं। जिनमे सोने के बाद हमारा अचेतन मन भविष्य के अंदर चला गया था। आपको भी कई ऐसे सपने आये थे कि वो बाद मे सच हो गए । इस तरह के सपने हमें तब आते हैं जब हमारा अचेतन मन भविष्य के अंदर जा चुका होता है।
हमारा अचेतन मन भविष्य को कैसे जान लेता है इसके बारे मे कहना मुश्किल है ? इसका क्या आधार है ? यह भी कहना मुश्किल है।लेकिन ऐसा माना जाता है कि जो भौतिक जगत के अंदर घटित होता है। वह उससे पहले ही सूक्ष्म जगत के अंदर घटित हो चुका होता है। इसका मतलब यह है कि हमारे साथ पहले सूक्ष्म जगत मे घटित होता है और उसके बाद ही उसका असर भौतिक जगत पर पड़ता है। कल मैं एक किताब पढ़ रहा था तो उसके अंदर लिखा था कि सूक्ष्म शरीर का असर भौतिक शरीर के उपर पड़ता है।
इसी तरह की एक घटना मैंने एक किताब के अंदर भी पढ़ी थी। एक डॉक्टर के अंदर एक ऐनी नाम की महिला आई और उसके घुटने के अंदर काफी दर्द रहता था। और यह सही हो ही नहीं रहा था। वह कोई आम डॉक्टर नहीं था । वरन एक बड़ा मनौवेज्ञानिक था।
उसने उस ऐनी महिला का पास्ट लाइव रिग्रेसन करा तो वह महिला अपने एक पीछले जन्म के अंदर गई और उसने देखा कि वह पीछले जन्म मे रूस की सेना के अंदर सैनिक थी और इसी घुटने पर उसको तीर लगा था। उसके बाद डॉक्टर उसे एक और के पीछले जन्म के अंदर लेकर गए तो पता चला कि अबकी बार वह महिला किसी जेल की
रक्षक थी और पुरूष रूप मे थी । इस बार वह एक हथोड़ा लेकर निर्दयता से जेल मे बंद कैदियों के घूटनों को तोड़ रही थी। इससे एक बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि कुछ हद तक भविष्य देखने की घटना सूक्ष्म जगत मे पहले ही निश्चित होती है। यही वजह है कि हम सोने के बाद अपने अचेतन मन की मदद से भविष्य देख सकते हैं।
जब हम सो जाते हैं तो हमारा अचेतन मन अनन्त ब्रहा्रड मे जुड़ जाता है और वह कहां पर क्या हो रहा है वह यह देख सकता है। ठीक उसी प्रकार जैसे देवता दूर रहकर भी कहीं भी देख सकते हैं। और जो सूक्ष्म जगत के अंदर घटित हो चुका है उसे आसानी से अचेतन मन पता लगा लेता है।
भविष्य बताने वाले सपनों के अंदर हमारा अचेतन मन उस स्थान पर जाकर देख सकता है या कहें कि वह उस स्थान पर यहीं से देख सकता है तो काई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए । इसी तरह के सपनों का उल्लेख करते हैं । जिसमे अचेतन मन ने पहले ही भविष्य बता दिया था।
- मेरी एक बहन थी जिसका नाम तुलसी था।वह मेरे से 6 साल बड़ी थी। खैर उसकी मौत के दो दिन पहले मेरे पिता ने नींद के अंदर सपना देखा कि उसकी बैटी मर चुकी है। और उसके दो दिन बाद यह सच मुच हो गया । कहने का मतलब है कि उनके अचेतन मन ने उस चीज को पकड़ लिया था जो सूक्ष्म जगत के अंदर पहले ही घटित हो चुका था।
- उसी तरीके का सपना मेरी मॉम को भी लगभग 6 दिन पहले आया कि हमारे पितर देव हैं और वे कहीं से भागे आ रहे हैं । घर के आगे चिता जल रही हैं और वो कुछ नहीं कर पा रहे हैं। यह सपना असल मे सूक्ष्म जगत का एक संकेत था जो उनके अचेतन मन ने पकड़ कर ईशारा किया था। खैर उसके बाद भी हम लोग इनको नहीं समझ सके थे ।
- इसी तरह का सपना एक बार मुझे भी आया था । हमारा बुआ का एक लड़का था और उसकी मौत गौर के दिन हुई थी। हमको नहीं पता था कि उसकी मौत हो चुकी है। लेकिन उसी दिन सपने मे मैंने देखा कि उसकी मौत हो चुकी है। हालांकि मैंने इसको फेक माना लेकिन सुबह जब पता चला कि सच मे बुआ के लड़के की मौत हो चुकी है तो हैरान रह गया ।
दोस्तों यह तो केवल हम लोगों के साथ ही घटित होता है ऐसा नहीं है आपके घर परिवार के अंदर भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने सपनों के अंदर भविष्य देखलिया है। आपको बतादें कि सारा भविष्य कोई फिक्स नहीं होता है लेकिन कुछ चीजें फिक्स होती हैं।
सोने के बाद हमारी आत्मा कहां जाती है ? आप भूतकाल देख सकते हैं
आपको बतादें कि आत्मा एक सहयोगी है । यह मात्र सहयोग कर सकता है। इसके कारण संभव है।सोने के बाद दूसरी संभावना यह है कि आपका अचेतन मन भूतकाल को देख सकता है। यहां पर हम भूतकाल के चर्चा कई उदाहरणों से देखेंगे । भूमकाल का मतलब होता है कि जो घटित हो चुका है और उसके अंश आपके अंदर मौजूद हैं लेकिन चेतन
मन उन तक पहुंच नहीं सकता है।लेकिन अचेतन मन के लिए इन चीजों तक पहुंचना आसान होता है। जब हम संचित सूचनाओं की बात करते हैं तो उन सूचनाओं की बात करते हैं जो आपने अपने अनेक जन्मों के अंदर संचित की हैं।
वे अभी भी मौजूद हैं लेकिन आप उन तक पहुंच नहीं पा रहे हैं।पास्ट लाइव रिग्रेसन उन तक पहुंचने का ही एक तरीका है।
जब आप सपने के अंदर होते हैं तो आप का अचेतन मन उन सूचनओं को आपको सपने के रूप मे दिखाता है जो पहले ही हो चुका है। दोस्तों इसी का तो परिणाम होता है कि हम कई बार ऐसी चीजों के सपने देखते हैं जिनके बारे मे हम इस जीवन के अंदर कुछ जानते भी नहीं हैं।कई लोगों के साथ ऐसा होता है।
एक महिला को सपने मे एक ऐसा मंदिर दिखाई देता था जो उसने कभी देखा ही नहीं था । उसके बाद जब उस महिला ने उस मंदिर को खेाजने का प्रयास किया तो वह मंदिर उसे सचमुच मिल ही गया था।उसके बाद महिला को पता चला कि यह उसके पूर्व जन्म का स्थान था इसी लिए उसे बार बार इस मंदिर के सपने आते थे। इसका यही मतलब था कि सपने के अंदर अचेतन मन उसे यह सूचना दिखाने की कोशिश कर रहा था। शायद यह जागरूक करने के लिए था।
इसी सिलसिले के अंदर आइए हम जानते हैं कि किस प्रकार से हमारा अचेतन मन पूर्व जन्म की घटनाओं के अंदर पहुंच जाता है।वैसे हम यहां पर पास्ट लाइव रिग्रेसन की बात नहीं करेंगे । बस सपनों की बात करेंगे ।
मैं बहुत दिनों से यह जानने की फिराक मे था कि मैं अपने पिछले जन्म के अंदर क्या था लेकिन मैं नहीं जान पा रहा था । क्योंकि मुझे इसका पता नहीं था । खैर उसके बाद मुझे अपने प्रश्न का हल निकालने का एक तरीका मिला और मैंने सोते समय इस प्रश्न को बार बार अपने अचेतन मन से करना शूरू कर दिया । और ऐसा रोज सोने से पहले करता था।लगभग 8 दिन तक लगातार करने के बाद । मुझे एक सपना आया जिसके अंदर मैंने देखा कि मैं एक औरत हूं और
मैं एक काफी बड़े घर के अंदर जन्मी हूं ।अब जो मेरी मां है वह उस जन्म मै मेरी सास थी।हम लोग बहुत अधिक अमीर हैं। हालांकि मैं यह नहीं देख पाया कि उस औरत का मुंह कैसा था ?
मेरी एक बुआ है जिसका नाम किसना है। वह अपनपढ़ है लेकिन आत्मा वैगरह पर बहुत अधिक विश्वास करती है। उसे इस तरीके का पता नहीं था कि ऐसा करने से पीछला जन्म जाना जा सकता है । या फिर किसी प्रश्न का उत्तर तलासा जा सकता है।
लेकिन पता नहीं उसके मन मे यह प्रश्न बार बार उठने लगा कि वह पीछले जन्म मे क्या थी । इस प्रकार से यह संदेश उसके अचेतन मन तक पहुंच गया । और एक रात उसने सपने के अंदर देखा कि वह एक रानी है और उसके चारो ओर दासियां ही हैं।
उसके बाद उसके साथ एक महिला ने बताया कि तुम्हारा दूसरा जन्म यह है । जिसमे उसने देखा कि वह एक नर्स है और वह बच्चों की ठीक से देखभाल नहीं कर पाई जिसकी वजह से एक बच्चा मर गया और उसके बाद उस महिला ने बताया कि इस जन्म मे तुम्हारी जो बैटी मर चुकी है। वह वही बैटी है ,जो इससे पूर्व जन्म मे तुम्हारी लापरवाही की वजह से मर गई थी।
इसी सिलसिले के अंदर मेरी एक बड़ी बहन की मौत हो जाने के बाद मैंने यह जानना चाहा कि उसकी मौत इतनी कम उम्र के अंदर कैसे हो गई ? उसके बाद एक रात मैंने सपना देखा कि मेरी बहन के ससुराल वालों ने उसके पीछले जन्म के अंदर उसके उपर बहुत अधिक अत्याचार किया था और मेरे पिता ने अपनी बेटी को मार दिया । हालांकि इस प्रकार का सपना कितना सही था । इस बारे मे मुझे नहीं पता । लेकिन मैं सिर्फ इतना बता सकता हूं कि शायद इन लोगों ने उसके साथ कोई गलत किया हो या कुछ ऐसा हो जो उसके लिए सही नहीं होगा ।
सपने मे हम वर्तमान को देख सकते हैं
दोस्तों सपने मे तिसरी स्थिति यह होती है कि हम वर्तमान को हूबहू देख सकते हैं। जो वर्तमान मे घटित होता है। और हम उसे सपने के रूप मे देख रहे होते हैं। इस तरह के सपने हमे यह बताते हैं कि कहां पर क्या हो रहा है ?
दोस्तों इस प्रकार के सपनों के मेरे पास तो कई प्रमाण नहीं है लेकिन एक घटना का उल्लेख करना चाहूंगा । डॉ अरूण कुमार लिखते हैं कि एक बार जब वे सो रहे थे तो उन्होंने देखा कि सज्जन जी उसके पास आएं हैं और बोल रहे हैं कि मैं तो जा रहा हूं ।तुम बच्चो का ध्यान रखना । उसके बाद अचानक से लेखक की आंख खुलती है तो समय देखते हैं यह रात का 3 बजा है। उन्हें समझ नहीं आता है कि यह सब कैसे हो गया । और सज्जन जी का यहां पर आने काक्या मतलब । लेकिन जब सुबह होती है तो पता चलता है कि सज्जन जी तो रात को 1 बजे ही मर चुके थे।
दोस्तों यह सज्जन जी की जीवात्मा थी।भले ही लेखक का चेतन मन नहीं जागा था लेकिन अचेतन मन जागा हुआ रहता है और यही वजह थी कि उन्होंने इसको एक सपने के रूप मे देखा । जीवात्मा अचेतन मन से आसानी से संपर्क कर सकती है। लेकिन चेतन मन से संपर्क करना उसके लिए इतना आसान नहीं होता है।इसीलिए तो देवता और दूसरी आत्माएं सपने के माध्यम से कुछ कहती हैं। चेतन मन की अपनी सीमा होती है और अचेतन मन की अपनी सीमा होती है। इसमे एक भौतिक होता है तो दूसरा सूक्ष्म होता है।
सोने के बाद हमारी आत्मा कहां जाती है ?
दोस्तों इस लेख के अंदर हमने यह जाना कि सोने के बाद हमारी आत्मा के साथ क्या होता है। असल मे हमारा चेतन मन ही सोता है। अचेतन मन जाग्रत अवस्था के अंदर ही रहता है। इस संबंध मे मैं आपको एक दिलचस्प घटना और सूनाता हूं ।असल मे हमारे घर के अंदर जब नगेटिव ताकतों का प्रभाव बढ़ जाता है तो हमे नींद नहीं आती है और हम काफी परेशान हो जाते हैं। रात को बार बार अचानक से आंख खुल जाना इसी बात का संकेत होता है।
हमारे घर के अंदर देवताओं की मूर्तियां रखी हुई हैं।एक दिन हमने उन सबको उठाकर घर के बाहर बने मंदिर मे रखदी थी। आपको बतादें कि हमारे घर के आस पास एक नगेटिव ताकत है जो काफी समय पहले यहीं से होकर मर गई थी। वह प्रेत रूप मे घूमती है। उसी दिन के बाद मेरे साथ गड़बड होना शूरू हो गया । मैं रात को सोता लेकिन बार बार मेरी आंख ना जाने कैसे खुल जाती आज तक ऐसा नहीं हुआ था। और आंख खुलने के बाद मुझे यह एहसास होता कि कोई यहां पर है। हालांकि मैं किसी को देख नहीं पाया था।
मैं भूल चुका था कि यह सब मूर्तियों के कारण हो रहा है।यह 8 दिन तक होता रहा और मुझे ऐसा होने के पीछे कारण समझ नहीं आ रहा था। उसके बाद 9 वे दिन मैंने बार बार रात को नींद खुलने की वजह के बारे मे सोचा और विश्लेषण किया तो पता चला कि यह मूर्ति के हटाने के बाद से ही हो रहा है।
उसके बाद मैंने उन मूर्तियों को वापस उसी स्थान पर रखदिया जहां पर वे पहले से ही थी। बस उसके बाद अपने आप मुझे नींद आने लगी । हालांकि इन सब घटनाओं से मुझे यह लगता है कि कोई भी नगेटिव उर्जा जब हमारे आभामंडल को रात के अंदर भेदने की कोशिश करती है । या उसकी तरफ आकर्षित होती है तो हमारा अचेतन मन चेतन मन तक यह संदेश पहुंचा देता है।यही वजह है कि हमारी आंख अचानक से खुल जाती है। हालांकि रूटीन के अंदर तो यह तय होता है। जैसे आप रोज 5 बजे उठते हैं तो आपका अचेतन मन आपको 5 बजे उठा देगा । लेकिन अचानक से बिना कारण आपको रात को बार बार
जाग आने लगे तो इसका मतलब है कि कोई उर्जा है जो आपतक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है? जानिए सच्ची बात
This post was last modified on March 10, 2020
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मेरे लडकेका हालही मे आठ दिन पहले अकाल मृत्यु हुवा है, बहोतसे लेख, कर्मकांड पढ कर भी मन को शांती नही मिल रही थी, आपका यह लेख पडकर थोडासा तो मन को सकुन मिला धन्यवाद आपका 🙏🙏🙏😢
हमे बहुत दुख हुआ कि आपके लड़के की अकाल मौत हो गई लेकिन उसके लिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं। हां हम इंसान हैं तो इंसानें की तरह जी सकते हैं। यही हमारे लिए सही होगा इस मानव शरीर का सबसे बेहतर उपयोग बस एक ही हो सकता है और वह है कि हम अपनी यादों मे बदलाव इस तरह से करें कि सब कुछ अपने अंदर देखें यह संसार जितना रंगीन दिखाई देता है सब कुछ छल है आप और हम सभी हमेशा पूर्ण हैं । इस बात को जान ही नहीं लेना है अपने अंदर उतार लेना है। बाकि इंसान और पशु मे कोई भेद नहीं है। सब कर्मों का खेल है।
Awesome bhaiya
Lgta h zindgi ka bhot bda Gyan aaj mila
Thank u so much bhaiya ❣️
Waise Mai apse contact krna chahta hu
"teraherog" ye mera telegram I'd hai
Please msg kijiyega bhaiya please ❤️