चाय बेचकर बहुत से चायवाले करोड़ों कमा रहे हैं। yewle tea house उसमे प्रमुख है। पीछले दिनों आयकर विभाग ने चायवालों के घर छापा मारा था । क्योंकि उनके पास आय से अधिक सम्पति थी ।
दोस्तों दुनिया के अंदर करने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन करने की लगन इंसान के अंदर होनी चाहिए । हम लोग फिर भी नौकरी करते हैं जबकि हमे पता है कि किस काम को करने से हमारी लाइफ बदल सकती है। इसकी वजह है हम चाहते हैं सब कुछ बिना टेंशन के आराम से हाशिल हो जाए । लेकिन सच है कि यदि आपको पैसा कमाना है तो नौकरी छोड़नी पड़ेगी । और बिजनेस करना पड़ेगा । इस लेख के अंदर हम आपको yewle tea house वाले की सक्सेस स्टोरी बताने वाले हैं कि वह कैसे एक करोड़पती इंसान बना ?
Table of Contents
yewle tea house की सक्सेस स्टोरी
कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी भी कभी सड़क के किनारे चाय बेचा करते थे । यह बाद मोदी भी कई बार दोहरा चुके हैं। और यह बात सच भी है कि सड़क के किनारे चाय बेचने वाला भी कम नहीं होता है। यदि उसके अंदर करने का जज्बा हो । इस लेख के अंदर हम आपको पुणे के अंदर स्थिति येवले टी हाउस की सक्सेस स्टोरी से रूबरू करवाते हैं।
नवनाथ येवले की महिने की इनकम की बात करें तो वह 12 लाख रूपये है। येवले बताते हैं। कि उन्हें चाय को ब्रांड बनाने का आइडिया सन 2011 के अंदर आया था । उसके बाद उन्हें चाय के उपर पूरी तरह से स्टड़ी की ।और यह सीखा की कैसे अच्छी चाय बनाई जा सकती है। आज yewle tea house पुणे के अंदर बहुत बड़ा नाम बन चुका है। अब yewle tea house हाउस को एक बहुत बड़ा ब्रांड बनाया जा रहा है। जाहिर है जितना बड़ा ब्रांड होगा उसका प्रोडेक्ट उतना ही अधिक बिकेगा ।
4 साल तक की मेहनत
येवले टी हाउस ऐसे ही फेमस नहीं हुआ । सबसे पहले इसके मालिक ने एक छोटी सी दुकान से चाय बेचने की शुरूआत की चाय की बढिया क्वालिटी की वजह से उनकी बनाई चाय की काफी मांग होने लगी । बस फिर क्या था । उनका बिजनेस बढ़ता चला गया ।
yewle tea house को इंटरनेशनल ब्रांड बनाने की कोशिश
यदि इंसान कोशिश करता है तो कामयाब भी होता है। यदि कोशिश ही नहीं करता है तो कामयाब होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। नवनाथ येवले के पास आज 3 कैंटीन हैं और उनमे 12 12 कमर्चारी काम करते हैं। प्रतिदिन 3 हजार के लगभग चाय बिक जाती है। नवनाथ येवले निरंतर अपनी चाय को एक ब्रांड बनाने की कोशिश के अंदर जुटे हुए हैं। और उनको इस दिशा मे सफलता भी मिल रही है।
yewle tea house का सबसे प्रसिद्व चायवालों मे से एक है। ऐसा नहीं है कि येवले टी हाउस ही चाय के अंदर इतने पैसे कमा रहा है। उसके अलावा हर शहर के अंदर चाय की एक दो मसहूर दुकाने आपको भी मिल ही जाएंगी । जो चाय के अंदर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं। रॉबिन झा ने 1913 के अंदर दिल्ली मे एक चाय की दुकान खोलकर बिजनेस शूरू किया था ।ऐसे अनेक चाय वाले हैं जो सिर्फ चाय बेचकर अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं।
कभी नरेंद्र मोदी ने भी बेची थी चाय
yewle tea house की तरह नरेंद्र मोदी ने भी कभी चाय बेची थी ।2014 के अंदर मोदी प्रधान मंत्री बनने के बाद उनके बारे मे यह कहा जाता रहा कि वे कभी चाय बेचने वाले थे । गुजरात के मेहसाणा ज़िले के वडनगर गांव के अंदर सन 1973 से पहले ही ट्रेन शूरू हो चुकी थी । वहां पर नरेंद्र मोदी कभी चाय बेचा करते थे । अपने पिता के साथ ।नरेंद्र मोदी का जन्म सन 1950 के अंदर हुआ था । 20 साल की उम्र मे उन्होने घर छोड़ दिया । सोसियल मिडिया पर यह दावा किेया गया था की नरेद्र मोदी ने चाय नहीं बेची थी । लेकिन वो दावा गलत साबित हुआ ।अब जहां पर कभी नरेंद्र मोदी चाय बेचते थे । वह दुकान वडनगर के अंदर है। उसको एक पर्यटक स्थल के रूप मे बदला जा रहा है।
चाय बेचकर 18 करोड़ की कमाई
केरल के रूपेश गरीबी के अंदर जन्मे थे । और उनके पास पढ़ाई करने तक के लिए पैसे नहीं थे । जैसे तैसे गरीबी के अंदर गुजारा कर के मद्रास यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की । सपना था विदेश जाना । उसके बाद 60 हजार रूपये लगाकर विदेश चले गए ।
सबसे पहले मैकडॉनल्ड्स मे नौकरी की
लंदन पहुंचने के बाद उन्हें मैकडॉनल्ड्स मे नोकरी मिली उनको हर घंटे के 5 $ मिलते थे । कुछ समय काम करने के बाद रूपेश ने वहां पर सैल्समैन की नई नौकरी ढूंढली ।
कैसे आया दिमाग मे चाय बेचने का आइडिया
रूपेश जब अपनी पत्नी एलेक्जेंडर के साथ जब भारत आए तो । उनकी पत्नी ने जब यहां की दूधवाली चाय पी तो उसे यह चाय बहुत अच्छी लगी । बस रूपेश को यहीं से चाय बेचने का आइडिया आया और लंदन पहुंचने के बाद । रूपेश ने
2 लाख डॉलर लगाकर इस बिजनेस को र्स्टाट किया । उसके बाद उनका बिजनेस चल निकला और आज वे करोड़पती हैं। रूपेश बताते हैं कि सक्सेस होने का कोई फोर्मूला नहीं है। बस प्रयास करते रहो सफलता अवश्य मिलेगी ।
इंसान के अंदर करने का जज्बा है तो कुछ भी असंभव नहीं है
हम मे से बहुत से लोगों को चाय का बिजनेस निम्न स्तरिय लगता है। बस सरकारी नौकरी ही अच्छी लगती है। लेकिन वास्तव मे जरा आप सोचो की एक चाय वाला महिने के 12 लाख कमाता है तो क्या कोई सरकारी नौकरी महिने के 12 लाख रूपये देती है? मतलब यही है कि दूसरों की देखा देखी मत करो जो आपका दिल कहता है। वहीं काम करो तभी सफलता मिलेगी ।