तकिया लगाने के नुकसान के बारे मे हम बात करने वाले हैं।दोस्तों जब हमारी सोने की बारी आती है। तो हम तकिया लगाते हैं। और आरामदायक मुद्रा के अंदर सोने का प्रयास करते हैं। हालांकि कुछ लोग तो इस प्रकार के होते हैं। कि उनकी नींद तकिया लगाये बिना पूरी भी नहीं होती है। यदि आप भी सोते समय तकिया लगा रहे हैं , तो आपको सावधान हो जाना चाहिए । हालांकि आप यदि एक छोटा सा तकिया लगा रहे हैं। तो इसके कोई नुकसान नहीं होते हैं। मगर यदि आप दो तकिया लगा लेते हैं। या फिर बड़ा तकिया लगा लेते हैं , तो इसके कई सारे नुकसान होते हैं। कुछ लोग तो इस प्रकार के भी होते हैं , कि उनको तकिया लगाए बगैर नींद भी नहीं आता है। हालांकि हम बहुत ही कम तकिया लगाते हैं। क्योंकि तकिया उंचा होने की वजह से गर्दन के अंदर दर्द पैदा हो जाता है। यदि आप तकिया लगा रहे हैं , तो अधिक उंचा तकिया आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। बस आपको एक छोटा तकिया का चुनाव करना चाहिए ।और उस छोटा तकिया की वजह से आपको अच्छी नींद आएगी । और आपकी गर्दन मे दर्द भी पैदा नहीं होगा । आज हम जानने का प्रयास करेंगे , कि आप जो तकिया लगाते हैं , वह वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार कितना नुकसानदायी होता है।
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तकिया लगाने के नुकसान गर्दन मे दर्द takiya lagane ke nuksan
यदि आप सोते समय एक मोटा तकिया का प्रयोग करते हैं , तो यह आपकी गर्दन के अंदर दर्द पैदा कर सकती है। क्योंकि इसकी वजह से गर्दन का बैलेंस बिगड़ सकता है। आप देखेंकि उठने के बाद यदि आपकी गर्दन दर्द करती है। तो आपको तकिया बदलने की जरूरत हो सकती है। और आमतौर पर यह उंचा तकिया लगाने की वजह से ही होता है।बस आप अच्छे कोमल तकिया का प्रयोग करना शूरू कर दें । सब कुछ सही हो जाएगा ।
रीढ़ की हड्डी मे दर्द का होना
यदि आप एक बड़ा तकिया का प्रयोग करते हैं , तो इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी सीधी नहीं होती है। और धीरे धीरे उसके अंदर दर्द होना शूरू हो जाता है। इसलिए आपको यदि पहले से ही रीढ़ की हड्डी के अंदर दर्द रहता है। तो तकिया लगाना बंद करें । और तकते पर सोना शूरू करें । कोमल बेड़ के उपर सोना आपकी रीढ़ की हड्डी मे दर्द को और अधिक बढ़ा सकता है।
सांस लेने मे समस्या पैदा करता है
यदि आप उंचे तकिया का प्रयोग करते हैं , तो यह आपको सांस लेने मे काफी समस्या पैदा करता है। और जब सांस अच्छी तरह से नहीं आएगी , तो नींद के अंदर परेशानी आना तय होता है। इसलिए सही तकिया का चुनाव करना काफी अधिक जरूरी होता है।
तकिया गंदा होने पर बीमारी पैदा करता है
जिन लोगों को धूल मिट्टी आदि से एलर्जी है , अस्थमा की समस्या है , उनके लिए तकिया लगाना एक समस्या हो सकती है। क्योंकि तकिया के अंदर एक तरह से धूल और मिट्टी होती है , जोकि सांस के रोगों को बढ़ा सकती है। इसलिए यदि आप तकिया लगा भी रहे हैं , तो सबसे पहले तकिया को अच्छी तरह से साफ करें । और उसके कवर को समय समय पर धोते रहें । ताकि उसके अंदर किसी भी तरह की धूल और मिट्टी ना फंसे ।
गर्दन मे रक्त प्रवाह को बाधित करता है
यदि आप एक सही तकिया का चुनाव नहीं करते हैं , तो यह गर्दन के अंदर रक्त प्रवाह को बाधित कर सकता है। और इसका असर यह होगा , कि आपको सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है। आपने देखा भी होगा , कि जब भी सिरदर्द होता है , हम तकिया से हटकर सोना अधिक फायदे मे समझते हैं। क्योंकि इससे सिरदर्द पर असर काफी कम होता है।
एक गर्भवती महिला के लिए तकिया लगाने के नुकसान
वैसे देखा जाए , तो एक गर्भवती महिला के लिए तकिया लगाना काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसकी वजह यह है , कि उसे सांस लेने मे यह काफी आसान बनाता है। जैसे जैसे बच्चे का विकास होता है पेट बढ़ेगा और नीचे की तरफ दबाव भी बढ़ेगा । यदि वे एक सही साइज के तकिये का चुनाव करती हैं , तो यह उनकी अच्छे से सांस लेने मे मदद करता है। मगर यदि गलत साइज के तकिये का चुनाव करती हैं , तो यह नींद को बिगाड़ देगा ।सिर तकिये के साथ सोने वाली गर्भवती महिलाओं को अपने सिर और पीठ को अधिक ऊपर उठाने के लिए जिस तकिये का उपयोग करना होता है उसके नीचे एक अतिरिक्त मुलायम तकिया लगाना चाहिए।
हाथों और कंधों मे दर्द
यदि आप अधिक उंचा तकिया को लगाते हैं , तो इसकी वजह से आपके हाथों और कंधों के अंदर दर्द हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा , कि आप अधिक उंचा तकिया का प्रयोग ना करें । यदि पहले से ही आपके हाथों और कंधों मे दर्द है , तो बेहतर यही होगा कि कुछ समय के लिए आप बिना तकिया के ही सोयें ।
तनाव का खतरा अधिक होता है
सोते समय गलत तकिया लगाने की वजह से यह नींद को भी प्रभावित करता है। और जब बार बार नींद प्रभावित होती है। तो इसकी वजह से मूड भी खराब हो जाता है। और बाद मे तनाव रहने लग जाता है। इसलिए बेहतर तरीके से आप नींद ले सकते हैं। उसी तरह से आपको करने का प्रयास करना चाहिए । एक इंसान को कम से कम रोजाना 8 घंटे नींद को पूरा करना जरूरी होता है।
झूर्रियां होने का खतरा होना
दोस्तों यदि झूर्रियों की बात हम करें , तो आपको बतादें कि तकिया का प्रयोग यदि आप करते हैं , तो उसकी वजह से झूर्रियां भी आपको हो सकती है। क्योंकि बार बार त्वचा रगड़ी जाती है , और इसकी वजह से झूर्रियां पैदा होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए सोते समय सबसे अच्छा होगा , कि आप एक अच्छा तकिया जोकि कोमल हो वह इस्तेमाल करें ।
तकिया लगाकर सोने के फायदे
दोस्तों अब तक हमने तकिया लगाकर सोने के नुकसान के बारे मे हमने जाना । अब हम बात करने वाले हैं , कि तकिया लगाकर सोने के फायदे के बारे मे । ऐसा नहीं है , कि तकिया लगाकर सोने के सिर्फ नुकसान ही नुकसान होते हैं , इसके बहुत सारे फायदे भी होते हैं। जिसके बारे मे आपको जानना चाहिए ।
तकिया लगाकर सोने के फायदे यह आपको खिसकने से बचाता है
दोस्तों कुछ लोगों को बहुत ही बुरी आदत होती है।वे यदि बिना तकिया के सोते हैं , तो बेड़ के नीचे गिर जाते हैं। और जमीन पर सोते हैं , तो रात को पता नहीं कहां कहां पर खिसक जाते हैं। लेकिन तकिया उनको खिसकने से बचाने का काम करता है। यदि आपको भी रात को खिसकने की आदत है , तो तकिया को लगाकर सोना चाहिए । यह बहुत फायदेमंद होगा ।
बेहतर नींद आने मे मदद करता है
दोस्तों तकिया के संबंध मे कुछ लोगों का यह कहना है , कि यदि वे तकिया लगाकर नहीं सोते हैं , तो उनको अच्छी नींद नहीं आती है। इसलिए यह भी माना जाता है , कि यदि आप तकिया नहीं लगाएंगे , तो आपको अच्छी नींद नहीं आएगी । तो यदि आप भी अच्छी नींद लेना चाहते हैं , तो तकिया को लगाकर जरूर सोयें ।
मोटे लोगों मे सांस लेने को बेहतर करता है तकिया
जो लोग काफी मोटे होते हैं। उनके शरीर का बीच का हिस्सा उपर उठा होता है , और गर्दन नीचे होती है। इसकी वजह से उनको अच्छे से सांस लेने मे समस्या होती है। और यदि वे तकिया लगा लेते हैं , तो उसके बाद उनको सांस लेने मे किसी तरह की समस्या नहीं होती है। काफी अच्छे तरीके से सोने मे सक्षम होते हैं।
खर्राटों को कम करना
दोस्तों तकिया लगाने से खर्राटे काफी कम होते हैं। यदि किसी को रात के अंदर जोर जोर से खर्राटे करने की आदत है , तो बस तकिया को लगाना चाहिए । और सो जाना चाहिए । जिससे कि आप खर्राटे काफी कम करेंगे , और आपके पास जो लोग सो रहे हैं। उनको भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा ।
रात के अकेलेपन को दूर करता है तकिया
कुछ लोगों को यह लगता है , कि वे रात को अकेला सो रहे हैं। इसलिए वे तकिया का अपने पार्टनर के रूप मे इस्तेमाल करते हैं। वे तकिया को बांहों मे भरते हैं , और उसके बाद सो जाते हैं। ऐसा करने से उनको अकेलापन का एहसास नहीं होता है। और काफी बेहतर तरीके से नींद भी आ जाती है।
एक अच्छे तकिया का चुनाव किस तरह से करें
एक अच्छे तकिया को चुनाव करने के कई सारे तरीके हो सकते हैं। यह निर्भर करता है , कि आप किस स्थिति के अंदर सोना काफी अधिक पसंद करते हैं।
यदि आपको पेट के बल सोने की आदत है , तो एक पतला तकिया गर्दन के नीचे रखें । यह सही होगा ।
पीठ के बल सोना मध्यम मोटाई वाला तकिया जो गर्दन को सहारा दे और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखे।
करवट लेकर सोना मोटा तकिया जो गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सहारा दे इस तरह से आप उसको रख सकते हैं।
कपास से बना तकिया आप प्रयोग कर सकते हैं। यह नमी को अवशोषित करने का काम करता है। इसके अलावा आपको बतादें कि मुलायम और ठंडा एलर्जी से बचने के लिए रेशम का तकिया आप प्रयोग मे ले सकते हैं। बाकि आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं।
सबसे पहले तकिया का प्रचलन कहां पर हुआ ?
यदि हम सबसे पहले तकिया के प्रचलन के बारे मे बात करें , तो यह बताना काफी कठिन है , कि तकिया का प्रचलन सबसे पहले कहां पर हुआ था , क्योंकि इसका इतिहास काफी अधिक पुराना है।
पुरातत्वविदों ने मिस्र के पिरामिडों में 3000 ईसा पूर्व के तकियों के अवशेष पाए हैं। ये तकिया पत्थर लकड़ी या मिट्टी के बने होते थे। और यह सिर और गर्दन को सहारा देने के लिए प्रयोग किये जाते थे ।
इसके अलावा मोसोपोटामिया के अंदर 2000 ईसा पूर्व तकिया का प्रयोग किया जाता था । यह चमड़े और बाल व उन के बने होते थे । इससे यह स्पष्ट होता है , कि तकिया का प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से होता आ रहा है।
चीन में तकिया का उपयोग 700 ईसा पूर्व से शुरू हुआ था। चीनी तकिया अक्सर रेशम या कपड़े आदि की मदद से बनाया जाता था । इस तरह से आपने इस लेख के अंदर तकिया के फायदे और नुकसान के बारे मे जाना उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपके मन मे किसी तरह का कोई सवाल है , तो आप हमें बताएं । हम आपकी जरूर ही मदद करेंगे।