तंत्र मंत्र विद्या कैसे सीखी जाती है? तंत्र मंत्र विद्या कैसे सीखते हैं ,तंत्र मंत्र विद्या सीखने का सही तरीके के बारे मे आपको पता होना चाहिए । तंत्र तंत्र मंत्र विद्या सीखने की प्रोसेस के बारे मे जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें ।
आइए जानते हैं तंत्र मंत्र विद्या सीखने की विधि के बारे में ।दोस्तों तंत्र मंत्र शास्त्र एक बहुत बड़ी विद्या है।सबसे पहले तो हम आपको यह क्लियर करदें कि तंत्र शास्त्र को आप केवल किताबों के अंदर देखकर नहीं सीख सकते हैं। दोस्तों यह काफी रोमांच भरी है तो उतनी ही खतरनाख भी होती है। कई बार इसके सही प्रयोग नहीं होने पर इंसान पागल तक हो जाते हैं।
लेकिन आपको यह भी समझ लेना चाहिए कि मंत्र और तंत्र यह सब कुछ कोई भी अलौकिक चीज नहीं है। यह सारा विज्ञान है।भले ही विज्ञान इसको सिद्व करने मे अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हुआ हो लेकिन आज विज्ञान इस बात को मान चुका है कि सब कुछ एक कम्पन्न ही तो है। हम जिस ओम शब्द की बात करते हैं वह एक नांद ही है।
कोई इंसान मंत्र का जप करता है तो यह मंत्र किसी ना किसी दूसरी ताकत से जुड़ा होता है।यह मंत्र उस आत्मा से जुड़ा होता है जिसके लिए यह बनाया गया होता है। और सबसे बड़ी बात तो यह होती है कि तांत्रिक जब की शक्ति का मंत्र जप करते हैं तो अपने चारों ओर सुरक्षा चक्र बनाते हैं। इसका यह है कि यह शक्तियां काफी उग्र होती हैं और किसी का भी गुस्से के अंदर अहित कर सकती हैं। लेकिन जब रक्षा कवच होता है तो वे मंत्र जपने वाले का कुछ नहीं कर पाती हैं। आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप जो बोलते हैं वह नष्ट नहीं होता है। यदि आप किसी आत्मा को उसका नाम लेकर भी पुकारते हैं तो उस आत्मा तक ध्वनी पहुंच जाती है।
यदि आप तंत्र मंत्र विद्या सीखने की सोच रहे हैं तो आपको सोच समझ कर फैसला लेना चाहिए । इस लेख के अंदर हम आपको तंत्र विध्या को नहीं सीखने वाले हैं ,जैसा कि हम पहले ही बोल चुके हैं कि तंत्र को किताबों से नहीं सीखा जा सकता है। बस हम यहां पर आपको कुछ टिप्स बताने वाले हैं ताकि यह आपको इस काम के अंदर काम आएंगे ।
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तंत्र मंत्र विद्या सीखने का तरीका इसके लिए आवश्यक गुण
दोस्तों तंत्र मंत्र कोई बच्चों का खेल नहीं है। यदि आप एक छोटे मोटे तांत्रिक बने रहना चाहते हैं तो यह आप कर सकते हैं। यह बहुत आसान तरीका है। लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आप एक बड़े तांत्रिक बनें तो आपके अंदर कुछ खास गुण होने चाहिए । तभी आप ऐसा कर सकते हैं।वैसे भी आज कल चमत्कार का जमाना है और जब तक आप कोई चमत्कार नहीं करते हैं कोई आपको मानेगा भी नहीं ।
तंत्र मंत्र विद्या सीखने का उपाय निडर होना जरूरी है
दोस्तों यदि आप तंत्र मंत्र सीखने के लिए तैयार हैं तो आपको निडर होना जरूरी है।आपको मौत से डर नहीं लगाना चाहिए और जो लोग मौत से डरते हैं । उनको इस काम के अंदर कभी भी सफलता नहीं मिल सकती है। यदि आप प्रेत ,भूत से डर जाते हैं । अंधेरे से डर जाते हैं तो आप इस काम को नहीं कर सकते हैं।हालांकि जरूरी नहीं है कि आप तामसिक साधनाएं करें आप सात्विक साधनाएं करते हैं तो भी आपको निडर होना पड़ेगा ।
एक यूजर ने अपना अनुभव शेयर करते हुए लिखा था कि एक बार जब वह गणेश की साधना कर रहा था तो उस साधना के अंदर गणेश बहुत ही उग्र रूप मे दिखाई दिये थे । और साधना के अंदर गलती हो गई इसकी वजह से मुझे पागल भी होना पड़ा था। हालांकि मैं डरने वालो मे से नहीं था।
हालांकि कुछ देवता आपको बहुत अधिक डरा सकते हैं। वे आपको तरह तरह से परेशान कर सकते हैं। कुछ वाम मार्गी साधनाओं के अंदर यदि हम कर्णपिशाचनी की साधना ले या यक्षणी की साधना ले तो यह बहुत अधिक खतरनाख होती हैं और इन साधनाओं के अंदर साधक को पूरी तरह से निडर होना आवश्यक होता है। क्योंकि वे खुद साधक को बार बार अनेक रूपों के अंदर आकर डराने की कोशिश करती हैं। लेकिन सुरक्षा चक्र की वजह से वे साधक का कुछ नहीं बिगाड़ सकती हैं।
तंत्र मंत्र के अंदर निडर होना इस वजह से भी जरूरी होता है क्योंकि साधना के अंदर आपको ऐसी ऐसी चीजें दिख जाती हैं। जिनको देखकर बड़े बड़ों की घिघी बंद जाए । हालांकि जो लोग स्वाभाविक रूप से निडर होते हैं और मरने का उनको एक क्षण भी डर नहीं लगता है। वे आसानी से तंत्र मंत्र के अंदर सक्सेस हो सकते हैं।
तांत्रिक कैसे बनते हैं तंत्र मंत्र मे ईमानदार होना बहुत जरूरी है
एक अच्छा तांत्रिक वह होता है जो ईमानदार होता है।आज बहुत से तांत्रिक पैसा लूटने मे लगे हैं और अपने तंत्र के बल पर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बहुत जगह पर जब कोई इंसान जाता है तो उसे यही बताया जाता है कि उसके पड़ोसी ने उसके उपर तंत्र क्रिया करवादी । यदि आप एक तांत्रिक बनकर इस प्रकार की क्रियाएं करते हो तो इसमे दूसरो का ही अहित नहीं होगा ।वरन आपका भी अहित होगा । देर सवेरे आपको भी इसका परिणाम नजर आने लग जाएगा । मैं नाम तो नहीं बताना चाहूंगा ।
एक ऐसा ही तांत्रिक मेरी नजर मे भी था। वह पैसा लेता और किसी के उपर टोटका करने का काम करता था। लेकिन उसका अंत समय ऐसा आया कि वह पागल हो गया । तो यह ना सोचें कि आप दूसरों पर गलत करके खुद गलत से बच जाएंगे ।
चमत्कार करना है तो गुरू बनाने की आवश्यकता है
दोस्तों वैसे तो आपको बहुत सारे छोटे मोटे तांत्रिक मिल जाएंगे ।लेकिन यदि आप एक बड़े तांत्रिक बनना चाहते हो और काफी चीजें सीखना चाहते हो तो आपको गुरू बनाने की आवश्यकता है। यह काम गुरू के बिना हो ही नहीं सकता है। और गुरू भी ऐसा होना चाहिए । जिसके पास 8 से 10 तरह की पहले से ही सिद्वियां हो ।यदि आप किसी छोटे मोटे तांत्रिक को अपना गुरू बना लोगे तो फिर आप उससे कुछ नहीं सीख पाओगे । गुरू ही आपको उन सिद्वियों को प्रदान करेगा और आपको बताएगा कि यह कैसे करना है ?
बहुत से लोगों को यह लगता है कि सिद्वियां करने के लिए गुरू की कोई आवश्यकता नहीं है तो ऐसे लोगों की बहुत ही बुरी दशा होती है। बिना गुरू के कोई भी तंत्र सिद्वि नहीं करनी चाहिए जो काफी खतरनाख हो । हालांकि आप आम मंत्र पढ़ सकते हैं। वे हानिकारक नहीं होते हैं। बिना गुरू के क्या होता है। इस बारे मे भी हम यहां पर दो रियल घटना बताने जा रहे हैं।
…….. यह घटना है दिल्ली के एक लड़के की । आप जानते ही हैं कि आजकल आपको हर जगह पर अप्सरा साधना के बारे मे देखने को मिल जाएगा ।एक लड़के ने youtube पर विडियो देखा और अप्सरा साधना करने लगा । और उसने अप्सरा साधना को पूरा भी कर लिया । लेकिन उसके बाद वह परेशान रहने लगा ।उसे रात के अंदर किसी महिला के पैरों के घूंघरूओं की आवाज भी सुनाई देती और वह ढंग से सो भी नहीं पाता था।वह काफी दिनों से परेशान था तो । एक दिन मनुभइया के पास आया और उनके अपने बारे मे बताया । हालांकि बाद मे वह ठीक हो गया । उसके बाद उस लड़के ने कहा कि बना गुरू के कोई भी साधना ना करें । क्योंकि यह नुकसान पहुंचा सकती हैं। यदि कुछ गड़बड़ होता है तो गुरू आपको सम्भाल सकता है।
इसी प्रकार की एक घटना का जिक्र डॉ अरूण कुमार अपनी बुक के अंदर लिखते हैं। वे लिखते हैं कि एक रात जब वे किसी शहर के अंदर गए थे तो वहां पर उनको नदी से जाना था। और रात हो गई । नाव वाला तो उनको नदी के तट पर उतार कर रात के अंधेरे मे गायब हो गया । उनको यह भी पता नहीं था कि यहां से गांव कितना दूर है।रात के अंधेरे के अंदर डर भी लग रहा था। फिर उनके पास एक आदमी आया और बोला कि आप मेरी कूटिया के अंदर चले। यहां आपका रहना सुरक्षित नहीं है। अरूण कुमार चले गए । वहां पर एक झोंपड़ा था ,जो काफी पुराना था और ऐसा लग रहा था ,जैसे यहां पर वर्षों से कोई नहीं आया था।
एक तरफ तो उन्हें डर भी लग रहा था। लेकिन एक बात की खुशी भी थी कि चलो उनको रहने के लिए जगह मिल गई ।उसके बाद उस व्यक्ति ने उनको बताना शूरू किया ।
……….मैं काफी सालों से यहीं पर रहता हूं ।वैसे तो मुझे तंत्र साधना का बहुत अधिक शौक है लेकिन जब मैं छोटा था तो यह सब करने लगा था। पहले पहले तो गांव वाले भी मेरे पास अपने काम के लिए आ जाते थे । लेकिन बाद मे मैंने उनसे दूरी बनाली थी। सुना था कि शव साधना बहुत अच्छी होती है।
मैं बस यही साधना करना चाहता था। लेकिन इसके लिए गुरू की आवश्यकता थी तो गुरू को ढूंढने के लिए घूम रहा था। एक गांव के अंदर मेला लगा तो वहां पर कोई तांत्रिक आए हुए थे । मैं उनके पास गया पहले तो उन्होंने मुझे इस प्रकार की साधना के बारे मे बताने से ही मना कर दिया लेकिन फिर जब मैं उनके पीछे ही पड़ा रहा तो उन्होंने मुझे इसके बारे मे बता दिया और धमकाते हुए बोले कि यदि कोई गलती हो गई तो मारा जाएगा ।मैं उन गुरू की बात कहां मानने वाला था। सीधे श्मसान के अंदर गया और वहां से किसी मुर्दे को उठा लाया । यह एक लड़का मरा था और फिर शव को यहीं पर लाकर साधना करता गया ।
इस वक्त शराब के नशे के अंदर बेसुध था । मुझे कुछ पता ही नहीं था कि क्या और किस तरह से हो रहा है , ऐसी स्थिति के अंदर मैंने देखा कि बहुत सारे भूत और प्रेत मुझ पर चिल्ला रहे हैं और बोल रहे हैं कि मंत्र जप करना बंद करदे ।लेकिन मैं कहां मानने वाला था।इसका अंजाम भी मुझे भुगतना ही पड़ा । खैर मैं यह बात बहुत दिनों से किसी को बताना चाह रहा था लेकिन नहीं बता पाया ।
अरूणु कुमार लिखते हैं कि उस व्यक्ति की बातों मे मुझे पता नहीं कब नींद आ गई । जब आंख खुली तो देखा वहां पर कोई नहीं था । मैं बुरी तरह से डर गया । जब कुटिया से बाहर निकला तो बाहर खड़े लोग मुझे आश्चर्य से देख रहे थे ।
उसके बाद वहां के लोगों ने ही मुझे बताया कि काफी साल पहले यहां पर एक तांत्रिक रहा करता था एक दिन वह इसी झोपड़ी के अंदर किसी और मुर्दे के पास मरा हुआ पाय गया था। तब से लेकर अब तक वह यहीं पर भटक रहा है।यह कोई कहानी नहीं है। वरन सच्चाई है यदि आप किसी भी प्रकार की साधना कर रहे हैं तो बिना गुरू के आपको नहीं करनी चाहिए ।
तंत्र मंत्र विद्या सीखने के लिए गुरू को कहां पर ढूंढे ?
दोस्तों एक व्यक्ति ने यह सवाल किया की तंत्र विद्या सीखने के लिए हम गुरू को कहां पर ढूंढ सकते हैं ? तो दोस्तों गुरू को आप कई तरीकों से ढूंढ सकते हैं। आपके शहर के अंदर कुछ खास तांत्रिक भी हैं। और इनमे से कुछ छोटे तांत्रिक होते हैं। हम आपको सुझाव देंगे कि तंत्र सीखने के लिए सबसे पहले छोटे तांत्रिकों के पास जाएं और उनके सानिध्य के अंदर रहकर छोटी मोटी चीजों को सीखें ।उसके बाद जब आप वे सब चीजें सीख जाएं तो आप किसी बड़े तांत्रिक के पास जा सकते हैं। हो सकता है इसमे आपको कुछ समय लग जाए ।
लेकिन उसके बाद आप एक बड़े तांत्रिक आसानी से बन सकते हैं। और अपना अलग दरबार भी लगा सकते हैं। यदि आप केवल कुछ ही चीजों को जानते हैं तो फिर आपके तांत्रिक बनने का कोई लाभ नहीं है।
इन सबके अलावा काशी एक ऐसा शहर है जो तंत्र मंत्र का गढ माना जाता है। यदि आप तंत्र मंत्र सीखना चाहते हैं तो वहां पर जा सकते हैं।वहां पर आपको बहुत से तांत्रिक ऐसे मिल जाएंगे जो आपको तांत्रिक बना सकते हैं। हालांकि आपको लूटेरो से सावधान रहना होगा । लेकिन यहां पर बहुत से लोग तंत्र को सीखने के लिए दूर दूर से आते हैं।
तंत्र मंत्र मे सिद्वियां सीखना क्यों जरूरी है ?
दोस्तों यदि आप एक अच्छे तांत्रिक कहलाना चाहते हैं तो आपके पास सिद्वियां होना बहुत आवश्यक हैं। बिना इनके आप कुछ भी चमत्कार नहीं कर पाएंगे । यदि आप चमत्कार करना चाहते हैं तो आपको सिद्वियों को अपनाना ही पड़ेगा । सिद्वियों की मदद से आप किसी भी इंसान का भूत और भविष्य देख सकते हैं।
और यदि आप यहां पर बैठे बैठे सामने वाले इंसान को उसके घर के बारे मे बता देते हैं तो वह अपने आप ही यह मान जाएगा कि बाबा तो बहुत बड़े सिद्व पुरूष हैं।जैसे एक बाबा को कर्णपिशाचनी सिद्व थी ,जैसा कि आपको पता ही होगा कर्ण पिशाचनी प्रश्न का उत्तर कान के अंदर देती है।वह सिर्फ उसी को सुनाई देता है। वह व्यक्ति किसी का भी बिना पूछे नाम काम और सब कुछ बता देता था। आज भी बहुत सारे तांत्रिक ऐसे ही हैं जो किसी का भी भूत भविष्य बता सकते हैं।
तंत्र मंत्र के दो मार्ग
दोस्तों तंत्र मंत्र के दो प्रमुख साधनाएं मानी जाती हैं। एक मार्ग को वाम मार्ग कहा जाता है और दूसरा होता है दक्षिण मार्गी ।या हम कह सकते हैं कि साधना के दो तरीके हैं एक आप देवता की साधना कर सकते हैं और एक असूरी ताकतों की साधना कर सकते हैं।आप इनकी मदद से तांत्रिक सिद्वियों को पा सकते हैं। लेकिन हम आपको यही सजेशन देंगे कि वाम मार्गी साधना ना करें क्योंकि यह नुकसानदायी हो सकती है।
वाम मार्गी साधना की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि इसमे जल्दी ही सफलता मिल जाती है।बहुत से तांत्रिक जल्दी ही सफलता प्राप्त करने के चक्कर मे वाम मार्गी साधना को अपनाते हैं। लेकिन यदि इसमे कोई गलती होती है जो जान भी जा सकती है।
इसके अलावा दक्षिण मार्गी के अंदर सफलता जल्दी ही नहीं मिलती है । इसमे समय लगता है लेकिन नुकसान होने का खतरा नहीं होता है।यदि आप एक बार वाममार्गी साधना के अंदर जुड़ जाते हैं तो यह मुश्किल है कि आप कोई सात्विक साधना को कर सकें ।इन दोनों मार्गों की अपनी अपनी सीमाएं हैं।यदि आप साधना का प्रयोग बुरे कामों के अंदर करते हैं तो वाममार्गी साधना इनके अंदर सबसे अधिक उपयुक्त हैं लेकिन यदि आप शक्तियों का प्रयोग अच्छे कामों के अंदर करते हैं तो आप केवल दक्षिण मार्गी साधना प्रयोग कर सकते हैं।
तंत्र मंत्र साधना सीखने से पहले आपको आपको अपने गुरू से परामर्श लेना चाहिए ताकि वह आपको बता सके कि आपके लिए क्या बेहतर है।
अपने गुरू के अंडर मे रखकर ही सीखें तंत्र
दोस्तों वैसे तो आपको मार्केट के अंदर अनेक प्रकार की किताबें मिल जाएंगी । जिनके अंदर साधनाओं के बारे मे विस्तार से दिया होता है आप उनको देखकर सीख सकते हैं। लेकिन आपको उन किताबों के उपर भरोशा नहीं करना चाहिए ।
क्योंकि हर साधना का अपना मंत्र होता है।और उसको बोलने का एक विशेष प्रकार का लहजा भी होता है। यदि आप किताबों से पढ़कर तंत्र मंत्र करोगे तो आप मंत्र को सही बोल भी नहीं पाओगे । लेकिन चूंकि आपका गूरू उसको जानता है। और वह आपको सही तरीका सीखा सकता है।
इसके अलावा बहुत सी किताबों के अंदर विधियों को पूरी तरीके से बताया भी नहीं जाता है। ऐसी किताबों को पढ़कर तो साधना के मार्ग मे नहीं जाना चाहिए । यह आपको तांत्रिक तो नहीं बना पाएंगी लेकिन गर्त के अंदर अवश्य ही धकेल देंगी ।
तंत्र मंत्र विद्या सीखने के लिए धेर्य रखना
दोस्तों एक अच्छे तांत्रिक का यह भी गुण होता है। वह धेर्यवान होना चाहिए । साधना के मार्ग के अंदर धेर्य की बहुत अधिक आवश्यकता है।यदि आपको सब कुछ जल्दी जल्दी चाहिए तो आप यह काम नहीं कर सकते हैं। आपको इंतजार करना होगा । इस मार्ग के अंदर कुछ साधनाएं ऐसी भी होती हैं। जिसके अंदर धेर्य रखना होता है।बहुत बार आपके द्वारा की गई साधना असफल हो जाती है और आपको दुबारा से उस साधना को करना होता है।
अपने स्वार्थ और वासना को छोड़दें
तंत्र मंत्र मार्ग के अंदर आपको अपना स्वार्थ को भी भूल जाना चाहिए । यदि आप अपने स्वार्थ को लेकर या किसी प्रकार की वासना को लेकर साधना करते हैं तो इसमे उल्टे आपको नुकसान हो सकता है। जब मैं कुछ समय पहले एक भूत प्रेतों की साधनाओं की किताब पढ़ रहा था तो उसके अंदर एक तांत्रिक की कहानी का उल्लेख किया गया था।उसमे एक साधक वाम मार्गी तरीके से एक पिशाचनी की साधना करता है और उसकी साधना पूर्ण होने के बाद उससे यह वर मांग लेता है कि जब भी उसे जरूरत होगी ।
पिशाचनी को उसकी कामवासना शांत करने के लिए आना होगा । उसने उस पिशाचनी को अपनी प्रेमिका के रूप मे अपना लिया । उस वक्त उस व्यक्ति को नहीं पता था कि उसने क्या आफत मोल लेली है। उसके बाद जब उसे जरूरत पड़ती तो पिशाचनी को अपनी आग शांत करने के लिए बुला लेता ।
कुछ समय तक तो उसे यह सब ठीक लगता रहा लेकिन उसके बाद उसने देखा कि उसका शरीर बहुत अधिक कमजोर पड़ता जा रहा है। और वह अब इस नशे से छूटकारा पाना चाहता था लेकिन उसे इसकी इतनी बुरी लत लग गई कि अंत मे उसकी मौत हो गई ।
भले ही कोई बुरी ताकत हो यदि आपके विचार अच्छे हैं तो आप उससे अच्छा काम भी करवा सकते हैं। वह आपके काम करने के लिए मना नहीं करती है।जैसा कि डॉ अरूणु कुमार ने किया । उन्होंने एक शाकिनी को सिद्व किया और वचन मांग लिया कि जब भी उन्होंने कोई समस्या होगी । वह खुद आकर समस्या का समाधान बताएगी।
अपने लिए खास सिद्वियों का चुनाव करें
दोस्तों तंत्र के अंदर अनगिनत सिद्वियां हैं । और उनके अपने अलग अलग फायदे हैं। आप तंत्र मंत्र को सीख रहे हैं तो आप उन सभी सिद्वियों को नहीं कर सकते हैं। बस आपको केवल कुछ सिद्वियों का चुनाव करना होगा । और यह वही सिद्वियां होनी चाहिए । जिनको आपके गुरू जानते हों ।
जैसे कुछ लोग अप्सरा साधना करते हैं ताकि उनके यौवन के अंदर सुधार आ सके । इसके अलावा कुछ लोग हनुमान साधना करते हैं तो वे जातक के भविष्य और भूतकाल को देख सकते हैं।इसके अलावा आप साधना का चुनाव सरल और कठिन भी चुन सकते हैं। यदि आप किसी बड़े देवता की साधना कर रहे हैं तो आपको इसके लिए खुद को उन्हीं के समान बनाना होगा ।और इसमे जल्दी ही सफलता भी नहीं मिलेगी ।
एक सामान्य तांत्रिक बनना बहुत आसान
दोस्तों एक सामान्य तांत्रिक बनना आजकल बहुत ही आसान हो गया है। आज भी तंत्र का बहुत गलत उपयोग किया जाता है। खास कर एक पड़ोसी दूसरे ही पड़ोसी के उपर तंत्र क्रिया करवाने मे जुटा हुआ है। इसलिए हर घर के व्यक्ति को थोड़ा बहुत तंत्र क्रिया का ज्ञान होना ही चाहिए ,ताकि तंत्र की मदद से आसानी से वह अनेक प्रकार की समस्याओं का समधान कर सकता है। और छोटे मोटे रोगों का भी बहुत ही आसानी से उपचार कर सकता है।
ऐसे कामों के अंदर कई काम आते हैं। जैसे किसी को बुखार का झाड़ा देना , सिर दर्द का झाड़ा देना और धन रोकने के टोटके करना , बिच्छू का झाड़ा देना। किया कराए का प्रभाव दूर करना ।
इस तरह की समान्य क्रियाएं करना इस वजह से आसान होता है क्योंकि इनमे किसी भी प्रकार की सिद्वियों की आवश्यकता नहीं होती है।बस इनके अंदर या तो कुछ मंत्र होते हैं जिनको जप करना होता है या फिर कुछ टोटके होते हैं जिनको नियम के अनुसार करना होता है।
इन टोने टोटकों की बहुत अधिक संख्या होती है। यदि आप इनको गलत तरीके से भी करते हैं तो किसी भी प्रकार के नुकसान होने के चांस कम ही होते हैं। हां यह हो सकता है कि जिस काम के लिए आपने टोना टोटका किया है ,वह काम पूर्ण नहीं होगा ।
इंटरनेट से खरीद सकते हैं टोने टोटकों की किताबें
दोस्तों तांत्रिक क्रियाएं सीखने के लिए आप इंटरनेट से टोने टोटकों की किताबें खरीद सकते हैं।आपको यहां पर बहुत सारी टोने टोटकों कि किताबें मिल जाएंगी । और उनके अंदर अनेक प्रकार के टोने टोटके दिये होते हैं। जिनकी मदद से आप घरेलू समस्याओं को दूर कर सकते हो ।हालांकि यदि आप पैसा कमाने की सोच रहे हो तो आपके लिए इतना ही काफी नहीं होता है। आपको सिद्वियों की आवश्यकता होगी ।
फिर भी जो लोग तंत्र सीखना चाहते हैं उनको भी इनके बारे मे पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है।जो लोग तांत्रिक होते हैं उनके पास अनेक प्रकार की समस्याएं आती रहती हैं। जैसे कुछ लोग उनके पास वशीकरण के लिए आते हैं , तो कुछ अपनी पेट की समस्याओं के लिए भी आते हैं। उनको ताबीज बनाकर देना भी एक तांत्रिक का काम होता है।
शाबर मंत्रों का प्रयोग करना आसान
एक तंत्र मंत्र को जानने वाला हर साधक शाबर मंत्र का प्रयोग करता है।बहुत सारे शाबर मंत्र हैं और उनका प्रयेाग अलग अलग कामों के अंदर किया जाता है। शाबर मंत्र की सबसे बड़ी खास बात तो यह है कि इनको बोलना आसान होता है। वैदिक मंत्रों का तो उच्चारण करना ही काफी कठिन होता है।आपको बतादें की बीज मंत्रों का तो अर्थ होता है लेकिन शाबर मंत्रों का अर्थ होता भी है लेकिन कुछ अर्थहीन भी होते हैं।
शाबर मंत्र सिद्व किये हुए मंत्र होते हैं। इस वजह से इनका प्रभाव जल्दी ही होता है। और यही वजह है कि यह तांत्रिकों की पहली पसंद बने हुए हैं।
तंत्र मंत्र विध्या सीखने मे कितना समय लग सकता है ?
दोस्तों वैसे तो तंत्र मंत्र का कोई अंत नहीं है लेकिन यदि आप एक ऐसे तांत्रिक बनना चाहते हो जो आम जन की समस्याओं का समाधान कर सके तो इसके अंदर आपको कम से कम एक साल का समय लग जाता है। क्योंकि पहले तो आपको सिद्वियों को प्राप्त करना होगा ।उसके बाद जब हम नए होते हैं तो किसी भी काम को ठीक से नहीं कर पाते हैं।ऐसी स्थिति के अंदर गुरू की देख रेख के अंदर ही काम करना होता है। उसके बाद धीरे धीरे आत्म विश्वास आ जाता है तो फिर आप अलग भी काम कर सकते हैं।
यदि हम तंत्र मंत्र का गलत प्रयोग करते हैं तो क्या नुकसान हो सकता है ?
देखिए यदि आप मंत्र या किसी तंत्र का गलत प्रयोग करते हैं ,तों आपने जो भी सिद्वियां की हैं वे निष्प्रभावी हो सकती हैं और अंत मे आपकी दुर्गति भी होती है। एक वाममार्गी साधक ने अपने अनुभव के अंदर बताया कि उसने कर्ण पिशाचनी साधना के बारे मे सुना है कि यह सिद्वि प्राप्त कर लेने के बाद इंसान की आत्मा मोक्ष की ओर नहीं जा सकती है। जब ऐसा इंसान मरता है तो कर्ण पिशाचनी उसको अपने साथ कर लेती है और उसके बाद वह अनन्त काल तक वहीं अट क कर रह जाती है।
एक सफल तांत्रिक बनने के लिए कितना पैसा खर्च करना पड़ सकता है ?
वैसे तो आपको एक सफल तांत्रिक बनने के लिए कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा ।हम आपको यही सजेशन देना चाहेंगे कि आप किसी पैसे लेने वाले तांत्रिक के पास ना जाएं तंत्र क्रिया को सीखने के लिए क्योंकि वह आपको एक बार तो सीखादेगा । लेकिन फिर यदि भविष्य के अंदर आपको कोई समस्या आ गई तो आपकी कोई मदद नहीं कर पाएगा ।
क्या तंत्र मंत्र को एक रोजगार के रूप मे लिया जा सकता है ?
दोस्तों तंत्र मंत्र को आप रोजगार के रूप मे ले सकते हैं।सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसमे कमाई की संभावना बहुत अधिक है। आज हमारे आस पास कई मंदिरों के अंदर पंड़ित बैठते हैं। उनके पास कोई ज्यादा क्षमता नहीं है लेकिन उसके बाद भी वे काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं। वे लगभग दिन के 4000 रूपये कम से कम कमा लेते हैं। और यदि आपका दरबार बहुत अधिक बड़ा हो चुका है तो आपके पास कमाई का कोई अंत नहीं है ।
लेकिन हम इतना ही कहना चाहेंगे कि यदि आप तंत्र मंत्र को एक रोजगार के रूप मे देखते हैं तो गलत तरीके से लोगों को लूटने की कोशिश ना करें ।वरना आपको फायदे की बजाय नुकसान झेलना पड़ सकता है। अधिकतर तांत्रिक जो ढोंगी नहीं है वे बस सेवा भाव रखते हैं और लोगों की सेवा करना अपना मकसद मानते हैं।
मनू भइया दिल्ली वाले का नाम आपने सुना ही होगा । उनका एक सच्चा दरबार है। वहां पर यदि आप पैसा ना भी चढ़ाएं तो वे आपका काम करेंगे ।
और यदि आप अपनी इच्छा के अनुसार कुछ चढ़ाना चाहते हैं तो चढ़ा सकते हैं।इस प्रकार के दरबार भगवान की शक्तियों से ही चलते हैं।
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Mahiti khup chaan hoti