यदि आप छोटे से थिर्स्क संग्राहलय के अंदर जाते हैं तो आपको वहां पर कई सारी पूरानी चीजे देखने को मिलेगी । लेकिन आपको एक कुर्सी अजीब दसा के अंदर मिलेगी । यह कुर्सी जमीन से 30 फुट उंची लटकाई गयी है। ताकि उस कुर्सी पर कोई बैठ नहीं सके । इस संग्राहलय ने 30 वर्षों के दौरान इस नियम को कभी नहीं तोड़ा । आइए जानते हैं इस कुर्सी को उंचे स्थान पर क्यों लटकाकर रखा गया है ? इस भूताहा कुर्सी का रहस्य क्या है?
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थॉमस Busby कौन था ? Who was Thomas Busby?
स्थानीय किंवदंती यह है कि कुर्सी थॉमस बसबी, एक ठग, चोर और शराबी था। जो 1600 के उत्तरार्ध में उत्तर यॉर्कशायर में रहते थे। बसबी ने एलिजाबेथ से विवाह किया, छोटी बेटी, डैनियल अवीटी जो किर्बी विस्की के गांव के पास रहती थीं। लीड्स से क्षेत्र में जाने के बाद अवेटी ने एक खेत खरीदा था। उनका घर जिसे उन्होंने डैनॉटी हॉल कहा था, वे अवीटी के लिए आदर्श थे, जिससे उन्हें सापेक्ष अलगाव में अपनी अवैध सिक्का गतिविधियों के साथ जारी रखने में मदद मिली। यह भी बताया गया था कि अवेटी ने घर के भीतर एक गुप्त कक्ष बनाया था जो एक गुप्त मार्ग के माध्यम से तहखाने से जुड़ा था बसबी जो सैंडहटन के पास एक सराय का मूल मालिक था और डैनोटी हॉल से सिर्फ तीन मील दूर अपराध में अवीटी का साथी बन गया
सनकी था बसबी Busby was Crank
लास्ट दिन के बारे मे बताया जाता है कि एवेटी एक दिन बसबी की प्रिय कुर्सी पर बैठा था । उस कुर्सी पर बसबी किसी को बैठने नहीं देता था । बसबी ने अवेटी को उठाकर बाहर फेंक दिया । रात को बसबी ने एक हथौडे से एवेटी का कत्ल कर दिया । अवेटी के गायब होने पर पुलिस ने उसे तलासा और बॉडी को दफना दिया गया । बसबी को पुलिस ने सन 1702 के अंदर फांसी की सजा सुना दी गई। उसको एक लठ के सहारे फांसी पर लटका दिया गया था ।
बसबी की पसंदीदा कुर्सी Busby’s favorite chair
यह बात कितनी सच है इसका तो पता नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि अपने अंतिम समय के अंदर बसबी ने कुर्सी को शाप दिया था की जो भी उसकी प्रिय कुर्सी पर बैठेगा उसकी मौत हो जाएगी । इसके अलावा जहां पर बसबी को फांसी की सजा दी गई थी । उस स्थान को भी बसबी ने प्रेतबांधित किया था
शापित कुर्सी पर जो भी बैठा मारा गया ।Whoever was seated on the cursed chair was killed.
। कहा जाता है कि बसबी की आत्मा उस कुर्सी के अंदर अटक गई थी। और आज भी उसकी आत्मा उस कुर्सी पर बैठी रहती है। बसबी की आत्मा उस कुर्सी पर बैठने वाले इंसान को मार देती है।
उस प्रेत बांधित कुर्सी पर जो भी बैठा मारा गया । द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुछ सैनिकों ने उस कुर्सी पर बैठने का निश्चय किया । लेकिन उनमे से कोई भी वापस नहीं लौटा वे युद्व के दौरान मारे गए ।1968 के अंदर दो एयरमैन उस कुर्सी पर ऐसे ही बैठ गए । लेकिन सड़क के किनारे उनकी कार द्रुर्घटनाग्रस्त हो गई। और वे दोनों ही मारे गए । 1970 के अंदर एक सफाई कर्मचारी उस पर बैठा वह भी मारा गया । ऐसे ही उस साल कई लोग शापित कुर्सी पर बैठने की वजह से मारे गए ।उसके बाद एक बिल्डर ने उस कुर्सी पर बैठने का फैसला किया । लेकिन उसकी मौत बिल्डिंग से गिर कर हो गई।
उसके बाद एक डिलिवरी मैन ने उस कुर्सी को आजमाने का फैसला किया लेकिन उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई।1 9 78 में ईर्नशॉ ने इसे थिर्स्क संग्रहालय में दान दिया
ऐसे कई प्रश्न हैं जिन्हें अनुत्तरित और संभवतः अप्रत्याशित छोड़ दिया गया है। क्या बसबी वास्तव में कुर्सी पर हत्या कर रही थी? क्या लकड़ी के नक्काशीदार टुकड़े के लिए कोई भी व्यक्ति वास्तव में ऐसे गहरे स्नेह को पकड़ सकता है? क्या बसबी का बदला लेने वाला और ईर्ष्यापूर्ण आत्मा अभी भी किसी ऐसे व्यक्ति पर हमला कर रहा है जो उसकी सीट में बैठे हिम्मत रखता है? क्या कुर्सी वास्तव में प्रेतवाधित है या क्या यह एक पैसा बनाने वाली चीज थी? क्या कुर्सी वास्तव में फर्नीचर का एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण टुकड़ा है?