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दोस्तों इस लेख के अंदर हम आपको वक्त पर कुछ उपयोगी शायरी के बारे मे बताने वाले हैं। यहां पर हम आपको काफी अच्छी और यूनिक शायरी के बारे मे बता रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा । वक्त शायरी के अंदर आमतौर पर सभी प्रकार की शायरी हैं। जैसे कि वक्त की सेड शायरी या फिर वक्त की मोटिवेशनल शायरी आदि के बारे मे हम आपको बता रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा ।
अगर वक्त आपका है ,
तो राजा का तख्त भी आपका है।
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अगर वक्त अपना है ,
तो पूरा होगा हर सपना है।
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अपने खिलाफ मैं सब खामोशी से सुनता हूं ,
जवाब देन के लिए मैं ,
एक सही वक्त को चुनता हूं ।
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आज वक्त तेरा है ,
तो कल वक्त मेरा होगा ,
एक दिन तेरे दिल मे
हमारा बसेरा होगा ।
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सही वक्त का इंतजार किया करो ,
फिर दुश्मन पर वार किया करो ।
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वक्त आने दे तेरे हर एहसान का बदला चुका देंगे ,
तेरे कदमों मे एक दिन फूल बिखरा देंगे ।
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तालाब भी खुद को समंदर समझ बैठे ,
हम तो वक्त का इंतजार कर रहे थे ,
मगर कुछ लोग हमें बंजर समझ बैठे ।
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बहुत देखे हैं वक्त के साथ बदलने वाले ,
मुश्किल से मिलते हैं कदम से कदम मिलाकर
साथ चलने वाले ।
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दोस्ती वक्त से किया करो ,
जो तुम्हें भूल गया ,
उसकी याद मे इतना ना पिया करो ।
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बुरा वक्त तो सबका आता है ,
मगर जो बुरे वक्त मे सबको संभाल लेता है ,
वही दुनिया मे छाता है।
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फूलों को आता है वक्त के साथ बिखर जाना ,
हमें अच्छा बहुत लगता है वक्त के साथ निखर जाना ।
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वक्त का कोई इलाज नहीं है जनाब ,
वक्त के साथ निखरती आपकी खूबसूरती
का कोई जवाब नहीं है जनाब ।
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वक्त सताले तू जितना सताना है ,
लेकिन एक दिन तेरी औकात तुझे बताना है।
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एक दिन हम वक्त तुझे भी झुकने को
मजबूर कर देंगे ,
हम खुद को वक्त से ज्यादा मशहूर कर देंगे ।
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वक्त के साथ अपने भी बदल जाते हैं ,
जो कभी जवान हुआ करते थे ,
वो भी ढल जाते हैं।
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संघर्ष ही इस जीवन का दूसरा नाम है ,
और बेवक्त मौत इस जीवन का अंजाम है।
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वक्त मिटा देता है दिल की उदासी को ,
और यही छीन लेना है जुबां की खामोशी को ।
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वक्त बीत जाता है मगर यादें रह जाती हैं ,
इंसान चला जाता है मगर उसकी बातें रह जाती हैं।
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वक्त के साथ दर्द भी गुजर जाएगा ,
आएगा जब वक्त बुरा तो
जिगरी यार भी मुकर जाएगा ।
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मंजिल चाहे कितनी भी दूर हो ,
मगर वक्त से दोस्ती करने वाले कभी हारे नहीं ।
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धीरे-धीरे सब कुछ संवर जाता है,
अगर साथ हो वक्त का ,
तो जीवन मे खुशी का सागर उमर जाता है।
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बहुत देखें हैं अपने अच्छे वक्त पर मचलने वाले ,
मिलते नहीं है आसानी से बुरे वक्त मे साथ चलने वाले ।
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अपने अच्छे वक्त पर ,
घमंड मत किया करो ,
क्योंकि वक्त किसी
के बाप का नहीं होता ।
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वक्त और प्यार दोनों एक जैसे होते हैं
पता नहीं कब बदल जाएं ।
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वक्त पर सुबह और वक्त पर शाम होती है ,
रात को हमारी दुनिया उनके नाम होती है ,
यह जिदंगी भी जनाब बड़ी जुकाम होती है।
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वक्त खुद नहीं बदलता
इसको बदलने वाले चाहिए ।
रस्ता चाहे कितन भी कठिन हो
मगर इस पर चलने वाले चाहिए ।
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दुनिया जिसे बेकार समझती थी ,
वक्त ने उसे हीरो बना दिया ,
मगर जो सचमुच हीरो था ,
आज वक्त ने उसे जीरो बना दिया ।
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समझदार लोग वक्त को बरबाद नहीं करते ,
याद रखना बादल भी बिन वक्त बरसात नहीं करते ।
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तू वक्त पर वार करता जा ,
अपने नाम यह संसार करता जा ,
एक दिन मिलेगा तुझे सब कुछ ,
बस इंतजार करते जा ।
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अगर कोशिश करनी है तो सौ बार कर ,
अगर चाहता है अपने लिए अच्छा वक्त
तो बस इंतजार कर ।
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अगर वक्त बुरा है तो तेरा निशाना चूक जाएगा ,
दर्द देगा इतना , कि पूरी सिगरेट फूक जाएगा ।
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जो वक्त से लड़कर अपना ,
नसीब बदल देते हैं उसे इंसान कहते हैं ,
मगर जो वक्त के सामने झुक जाए ,
उसे जिंदा श्मसान कहते हैं।
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कल क्या होगा किसी ने नहीं देखा ,
मगर वक्त के पास होता है सबका लेखा ।
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ऐ वक्त बेवफाओं से ना दिल लगाया कर ,
बैठें हैं निराश सदियों से ,
कभी हमारे लिए भी हीरो बनकर आया कर ।
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उसकी तस्वीर सीने से लगाकर रोते हैं ,
मगर जो वक्त के संग रहते हैं ,
वो आज चैन की नींद सोते हैं।
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हार जाते हैं वक्त के आगे घुटने
टेकने वाले ,
मगर अच्छे वक्त मे हमने ,
जीतते देखें हैं बड़ी बड़ी फेंकने वाले ।
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जरूरत नहीं है आंख बंद करने की सपनों के लिए ,
थोड़ा वक्त भी निकाल लिया करो अपनों के लिए ।
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दो वक्त खुशी का बिता लिया करो ,
अगर अपने ही ना रहे ,
तो वक्त का क्या करोगे ,
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बहुत देखे हैं वक्त के साथ उड़ने वाले ,
मगर बहुत कम मिलते हैं बेवक्त मे साथ जुड़ने वाले ।
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सांसों का क्या भरोशा ,
रूक जाए चलते चलते ।
वक्त के साथ वो चले गए
और हम रह गए हाथ मलते मलते ।
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जो बुरा वक्त बीत गया ,
उसे तू याद न कर ,
पुरानी यादों को लेकर
इस वक्त को बरबाद न कर ।
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वक्त के गुलाम हैं हम ,
टूटी हुई एक शाम हैं हम ,
फिर भी उसके होठों पर
एक नाम हैं हम ।
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ये वक्त आसानी से गुजर रहा है ,
मगर हमारी जिगरी यार ,
हमे संकट मे देखकर मुकर रहा है।
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जिन्होंने बुराई मे अपना पुरा जीवन गुजार दिया ,
बड़े बड़े बाहुबलियों को वक्त ने सुधार दिया ।
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इस वक्त ने हमें संभाल रखा है ,
वरना कबके टूट कर हम बिखर गए होते ।
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इस वक्त मे बस तेरी कमी है ,
तेरी यादों से हमारी यादों मे ,
यह नमी है।
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जिदंगी बस नाम की है ,
जिसके लिए आपके पास वक्त ही नहीं ,
ऐसी मुहब्बत किस काम की है।
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वक्त का तकाजा है ,
जख्म दिल मे ताजा है ,
आपसे मुहब्बत कर फंस गए ऐसी जगह ,
जिसका ना कोई दरवाजा है।
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कितना भी वक्त बुरा आए रोउंगा नहीं ,
तू कितना भी दूर हमसे चला जाए ,
मगर तुझे दिल से खोउंगा नहीं ।
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मजा आता है अभी तो तेरे साथ वक्त बिताने मे ,
बहुत पसीना बहाया है जनाब ,
हमारे इस रिश्ते को निभाने मे ।
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वक्त अगर अच्छा है ,
तो तुझे दिल से लगाएंगे ,
अगर वक्त बुरा होगा ,
फिर भी तुझे चाहेंगे ।
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जब बादलत आते हैं तो बरसातें बनती हैं ,
वक्त के साथ तेरे मेरे प्यार की यादें बनती हैं।
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ऐ वक्त थोड़ा सा प्यार हम पर भी लुटा दे ,
अगर नहीं दे सकता है अपना प्यार ,
तो हमे इस दुनिया से उठादे ।
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हंसते हुए हर वक्त तू याद आती है ,
मगर हमसे मिलने के लिए तू
क्यों इतने वक्त बाद आती है।
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पैसा नहीं लगता है मुस्कुराने का ,
मजा ही अलग होता है शनम ,
गुजरते वक्त के साथ चाहने का ।
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तू सुबह सुबह मुस्कुराया ना कर ,
कि हमारे पेट मे दर्द हो जाए ,
हमें इतना भी हसाया ना कर ।
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वक्त अगर बुरा है तो सब बुरा हो जाता है ,
वक्त अगर अच्छा है तो हर सपना पूरा हो जाता है।
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अमीरों की अमीरी भी वक्त का कमाल है ,
हमने किसी का क्या बुरा किया था ,
कि हमे कुछ नहीं मिला ,
वक्त से यह बड़ा सवाल है।
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ऐ बुरे वक्त हद से ज्यादा परेशान मत कर ,
जो एहसान का महत्व नहीं समझते ,
ऐसे लोगों पर एहसान मत कर ।
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बहुत हैं हमें आंख दिखाने वाले ,
मगर कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता ,
जब वक्त मे हैं हमें चाहने वाले ।
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हर चीज की कीमत होती है ,
अगर वक्त अच्छा हो ,
तो कुछ करने की मन मे हिम्मत होती है।
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जलते नहीं है दीपक आंधियों मे ,
समय को खोज रहे हैं जनाब ,
हम तो इन अंधेरी वादियों मे ।
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बुरा वक्त आता है ,
तो अपने भी आजमाने लगते हैं ।
अगर अच्छा वक्त आता है ,
तो दुश्मन भी चाहने लगते हैं।
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कभी कभी वक्त भी खेल खेलता है ,
इंसान ही है वो ,
जो सबसे ज्यादा दुख दर्द झेलता है।
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ध्यान से देखोगे तो हर मोड़ पर जिदंगी है ,
वक्त से ही तो शनम तेरी मेरी बदंगी है।
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चांद को शौक नहीं है जमीं पर आने का ,
प्यार नाम है बुरे वक्त मे निभाने का ।
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अच्छा और बुरा वक्त आपको हर मोड़ पर मिलेगा ,
मगर याद रखना कमल का फूल सदैव किचड़ मे खिलेगा ।
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वक्त जब बेवफा होता है ,
तो फूल सा रिश्ता भी जिदंगी से दफा होता है।
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यहां चाहतों का कोई मोल नहीं ,
बंद हैं पिंजरे मे निकल जाएं
ऐसा कोई होल नहीं ,
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वक्त बुरा चल रहा है जनाब
वरना हम भी कोई गोल नहीं ।
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बीते पल को खरीदने वाला कोई अमीर नहीं ,
जो वक्त को काबू करले , ऐसा कोई वीर नहीं ।
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मरना और जीना तो जीवन का खेल है ,
हंसना और रोना तो बस वक्त का मेल है।
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वक्त ही सबका फैसला करता है ,
जीवन मे कमाल तभी होता है ,
जब इंसान एकला करता है।
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कोई राजा सदा नहीं रहता है ,
हमेशा कोई रिश्ता बंधा नहीं रहता ,
यह खेल है वक्त का जनाब ,
यहां कोई बंदा नहीं रहता ।
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दो वक्त की जिदंगी है ,
तो वक्त का फसाना ,
याद रख बंदे एक दिन है सबको जाना ।
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मेहनत करोगे तो मंजिल मिलेगी ,
वक्त के संग चलोगे तो
जिदंगी खिलेगी ।
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यह प्यार ही है जो पीना सीखा देता है ।
मगर यह वक्त ही है जो ,
सबको जीना सीखा देता है ,
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मरता नहीं कोई किसी के लिए ,
लोग तो राते हैं बुरे वक्त मे अपनी खुशी के लिए ।
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कोई जिंदा नहीं रह सकता वक्त से जुदा होकर ,
ऐ दिन रात दूसरों को कोसने वालों ,
कभी देख लिया करो खुदा हो कर ।
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जीवन के लिए रक्त जरूरी है ,
मगर रिश्ते को बनाए रखने के
लिए थोड़ा वक्त जरूरी है।
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अगर किसी को देना है ,
तो अपने अच्छे वक्त को दो ,
अगर जीवन दान देना है ऐ खुदा
तो अपने भगत को दो ।
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जो मजा है तेरे साथ वक्त बिताने मे ,
वो चला जाए ना कहीं रूठने और मनाने मे ।
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आपके नाम से यह दिल मुस्कुराया है ,
ऐ शनम हमने तुझे वक्त से ज्यादा चाहया है।
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अच्छा वक्त है तो परछाई भी अपनी होगी ,
अगर बुरा वक्त है तो रूसवाई भी अपनी होगी ।
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बुरे वक्त मे बस तुम याद आते हो ,
टूटे दिल को बस तुम्ही हंसाते हो ।
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रिश्ता दिल से बनाया जाता है ,
कोशिश करके देख यार ,
बुरे वक्त को भी अपना बनाया जाता है।
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जिस दिन तू समझ गया वक्त की चाल हो ,
दुश्मन भी नहीं बिगाड़ पायेगा तेरे हाल को ।
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सर्दी मे सकून देती है सूरज की धूप ,
मगर वक्त के साथ ढल जाता है सुंदर
से सुंदर रूप ।
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बरसात आने से मिलती है राहत ,
वक्त आने पर पूरी हो जाती है हर चाहत ।
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बुरे वक्त से हमे कोई शिकायत नहीं ,
वक्त के लिए किसी को कोई रियायत नहीं ।
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हम कुछ फैसले वक्त पर छोड़ देते हैं ,
और अपने जीवन को सही वक्त के लिए मोड़ देते हैं।
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वक्त पर मेहनत करोगे ,
तो सब कुछ मिलेगा ,
तेरी बगिया का फूल भी
वक्त आने पर खिलेगा ।
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किसी के पास वक्त नहीं होता बरबाद करने के लिए ,
मगर हम जैसों के पास वक्त होता दंगा फसाद करने के लिए ।
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जिसको वक्त बरबाद कर देता है ,
उसको खुदा भी उठा नहीं सकता ।
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जो वक्त की अहमियत को जान जाते हैं ,
वो जिदंगी के महत्व को मान जाते हैं।
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वक्त मौका देता है ,
रोने वालों को भी मुस्कुराने का ,
आज अंजाम वो भुगत रहे हैं ,
हमारे प्यार को ठुकराने का ।
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तेरे संग वक्त भी रंगीन हो जाता है ,
जब तू जाती है तो हर मौसम गमगीन हो जाता है।
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वक्त मेरा था बस कुछ पलों के लिए ,
दूसरों की औरतों पर आंख उठाने वालों
संभल जाओं यही कहना है दिल जलों के लिए ।
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मजबूरियां तुम्हारी भी हैं ,
मजबूरियां हमारी भी हैं ,
मगर क्या करें हमारे उपर
वक्त की जिम्मेदारी भी हैं।
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पैदा नहीं होते इस धरती पर वक्त को झुकाने वाले ,
मगर बहुत मिल जाएंगे राहों मे कांटे बिखराने वाले ।
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वक्त के खूबसूरत लम्हे ,
गुजर जाते हैं हवाओं की तरह ,
काश यह खूबसूरत फूल हमसे
लिपटे होते तेरी बांहों की तरह ,।
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वक्त राजा को रंक बना देता है ,
वक्त सच्ची मुहब्बत को भी कलंक बना देता है।
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कोई समझे हमारे वक्त की मजबूरियों को ,
वरना कौनस पसंद करता है इश्क मे दूरियों को ।
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वक्त ने हमें नूर से बेनूर कर दिया ,
कभी सच्चे आशिक थे ,
मगर बेवफा नाम से मशहूर कर दिया ।
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वक्त अगर गम देगा ,
तो पी लेंगे ,
वक्त अगर नहीं है अपना
तो तेरे बिना भी जी लेंगे ।
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मरते दम तक नाम तेरा लेंगे ,
वक्त भले ही लाख बुरा हो ,
मगर इल्जाम तेरा लेंगे ।
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जो कहते हैं तुम बिन नहीं जी पाउंगा ,
जो वक्त बदल जाने पर शान से जीते हैं।
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जिन्दगी में अगर बुरे वक्त नही आता ,
तो अच्छे वक्त का महत्व नहीं पता चलेगा ।
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अपनों मे भी कुछ गैर छुपे हुए हैं ,
इंतजार कर रहे हैं सही वक्त का ,
इसलिए रूके हुए हैं।
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लाखों वर्षों से दिल कभी मुस्कुराया न था ,
मुस्कुराते कैसे ,
अपना वक्त कभी आया न था।
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दिल रोता है ,
जब आप का नाम जुबान पर आता हैं,
याद रखना बुरा वक्त हर मुकाम पर आता है।
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रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
वक्त के सामने यूं ही सर झुकाया नहीं जाता ,
पसीना बहाना पड़ता है जनाब ,
यूं ही अच्छे वक्त को लाया नहीं जाता है।
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वक्त मिलता है सबको बदलने के लिए ,
मगर कोई तैयार ही नहीं होता साथ चलने के लिए ।
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अगर मुहब्बत वक्त के दायरे मे करोगे
तो मजा पाओगे ,
अगर दायरे से बाहर हो जाओगे
तो सजा पाओगे ।
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बहुत होते हैं वक्त से लड़ने वाले ,
मगर अधिकतर हार जाते हैं ,
कुछ ही हैं जो वक्त से पार जाते हैं।
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वक्त कभी अपना नहीं होता ,
इसे अपना बनाना पड़ता है ,
कोई यूं ही अपना नहीं बन जाता ,
जान से ज्यादा चाहना पड़ता ।
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यह जीवन भी तुम्हारा होगा ,
हाथ मे किनारा होगा ,
जिस दिन वक्त तुम्हारा होगा
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संघर्ष करोगे तो सब कुछ पा जाओगे ,
आज बुरा वक्त चल रहा है तो क्या हुआ ,
कोशिश करते रहो एक दिन छा जाओगे ।
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न आंधियों का डर है ,
ना तूफान का खतरा ,
बे रोक टोक चल रहा है
यह वक्त का कतरा ।
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न वक्त से दोस्ती अच्छी ,
न वक्त से दुश्मनी अच्छी ,
यही बात है जनाब सच्ची ।
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अगर वक्त से दोस्ती करोगे
तो आबाद करदेगा ,
अगर दुश्मनी करोगे तो बरबाद करदेगा ।
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अगर वक्त से दोस्ती करोगे
तो पीछे छूट जाओगे ,
अगर वक्त से दूश्मनी करोगे
तो टूट जाओगे ।
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कभी वक्त ना मिला तुम संग
खुशियों को जाहिर करने का ,
मौका ही नहीं दिया हमें जिदंगी ने
तेरे प्यार मे कुछ माहिर करने का ।
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रिश्ते तो बहुत हैं मगर कोई अपना नहीं ,
हमारे पास वक्त तो बहुत है मगर ,
आांखों मे कोई सपना नहीं ।
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जो वक्त ने लिख दिया ,
उसे कोई मिटा नहीं पाया ,
जो खुदा ने उम्र लिखदी ,
उसे कोई बढ़ा नहीं पाया ।
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प्यार तो सबकी जिदंगी मे होता है ,
वो मजा और कहीं नहीं होता ,
जो अच्छे वक्त की बदंगी मे होता है।
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नदी नहीं देखी तो किनारा कहां से देखोगे ,
अगर वक्त ही नहीं है अपना ,
तो किसी का सहारा कहां से देखोगे ।
——————–
मौत कभी वक्त का इंतजार नहीं करती ,
और बेवफा औरत कभी किसी से प्यार नहीं करती ।
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कुछ लोग बातों से लुटते हैं ,
तो कुछ जज्बातों से लुटते हैं ,
मगर वक्त तो खौफनाक इरादों से लुटते हैं।
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हर दिन के बाद रात आती है ,
याद रखना खुशी भी हर बुरे वक्त के साथ आती है।
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बहुत होते हैं शान की जिदंगी जीने वाले ,
मगर पूरे वक्त मे वही बन जाते हैं खूब पीने वाले ।
——————–
अगर दिखाना है तो बंदे बुरे वक्त के आगे दम दिखा ,
वक्त से तुझे लड़ना पड़ेगा यूं ,
रो रो कर हमें आंखें ना नम दिखा ।
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इस दिल ने हमको तेरा आशिक बना दिया ,
मगर इस वक्त ने हमको ठुकरा दिया ।
——————–
वक्त बदल देता है हर रिश्ते की परिभाषा ,
आज कुछ कमीनों ने बहन मे भी
पत्नी प्यार तलासा ।
——————–
रोना तो खूब चाहता हूं ,
मगर वक्त नहीं है ,
बहा देता तेरे लिए खून का दरिया ,
मगर क्या करूं मेरे पास इतना रक्त नहीं है।
——————–
दर्द बयां करने के लिए भी वक्त चाहिए ,
मगर वक्त आजकल कहां मिलता है ।
——————–
लोगों के पास वक्त नहीं है ,
तुम्हारी बातों को सुनने के लिए ,
वक्त तो आजाद है हम मे से
किसी एक को चुनने के लिए ।
——————–
उनको बहुत कपड़े बदलने का शौक था ,
वक्त ऐसा बुरा आया कि जिदंगी मे ,
खत्म हो गया जो सारा आलोक था।
——————–
न जाने यह वक्त कितनों को रूलाता है ,
और कितनों को भूखे पेट सुलाता है।
——————–
सुन ऐ बंदे वक्त का एहसान मत ले ,
दिन चाहे कितने भी बुरे क्यों ना हो ,
मगर किसी की जान मत ले ।
——————–
वक्त ही है जो तेरी बिगड़ी को बना देता है ,
वक्त ही है जो तेरी तिकड़ी को बना देता है ,
वक्त ही है जो तुझे रोते हुए हंसा देता है।
——————–
बुरे वक्त का यह सितम है ,
इसलिए मौत जैसा गम है।
——————–
वक्त जब शिकार करता है ,
तो न यह इंतजार करता है ,
बस वार पर वार करता है।
——————–
कुछ लोगों के लिए वक्त भी अजनबी हो जाता है ,
यह दोस्त और दुश्मन सभी हो जाता है ।
——————–
चल नहीं पाए थे हम वक़्त की रफ़्तार के साथ ,
इसलिए बहुत बुरा हो गया हमारे प्यार के साथ ।
——————–
वक्त तो दो धारी तलवार है ,
जिसकी एक तरफ धार है ,
और दूसरी तरफ प्यार है।
——————–
नये-नये रिश्तों में नई-नई सी महक हैं,
इस वक्त से ही रिश्तों मे यह चहक है।
——————–
वक्त का हाल भी मौसम जैसा है ,
कभी यह खूब दर्द देता है तो ,
कभी यह दीपक के रोशन जैसा है।
——————–
वक्त के बादल आए मगर बरसात नहीं हुई ,
वह आई मगर मुलाकात नहीं हुई ।
——————–
वक्त तेरे एहसान किश्तों मे चुकाएंगे ,
वक्त तू कोशिश करले कितनी भी ,
मगर तेरे आगे कभी सर न झुकाएंगे ।
——————–
इस वक्त के लिए कोई कीमत नहीं हमारें आंसूकी ,
काश वक्त भी हमारे लिए बन जाता वासुकी ।
——————–
जो मौत के लिए जीते हैं ,
वो वक्त को शराब की तरह पीते हैं।
——————–
बख्शे हम भी न गए, बख्शे तुम भी न जाओगे,
जनाब कब तक इस बेरहम वक्त से टकराओगे ।
——————–
वक्त होता है यहां पर चीज का ,
यह शरीर भी है जनाब लीज का ।
——————–
कुछ वक्त खुदा से उधार लेकर आए हैं ,
बहुत कर लिया जुल्म सितम ,
अब दिल मे प्यार लेकर आएं हैं।
——————–
वक्त हुआ है रात ढलने का ,
फिर भी हमारा मन है ,
इस चांद की चांदनी मे चलने का ।
——————–
वक्त भी आजकल मतलबी हो गया है ,
हम जैसे गरीबों के लिए बेवफा कभी हो गया है।
——————–
ज़िन्दगी की भी अजीब सी कहानी है,
यह दुनिया बस चढ़ते वक्त की दीवानी है ,
उनको कोई नहीं पूछता है ,
जिनके आंखों मे पानी है।
——————–
पत्थर सख्त होता है मगर ,
वक्त के साथ वह भी भुर जाता है ,
अमर वही होता है जो खुदा से
जुर जाता है।
v——————–
वक्त वो चीज है जिसके पास दिल नहीं होता ,
यही कारण है कि वह हमारे आंसुओं मे
एक दोस्त की तरह शामिल नहीं होता ।
——————–
क्या नाम दे हम भी ,
इस वक्त की बेवफाई को ,
और जीवन की तन्हाई को ।
——————–
हम अकेले जिंदा थे तूफानों के कहर मे ,
एक दिन कुछ भी नहीं बचेगा जनाब,
इस वक्त के शहर मे ।
——————–
जब वक्त खामोश हो जाता है ,
तो यह बड़ा तूफान का संकेत है ।
——————–
वक्त कहां सुधरता है ,
इसके आगे तो लोग सुधरते हैं।
v——————–
वक्त के दिये जख्मों का नाम है जिदंगी ,
दुखों के साथ मिटने वाली एक शाम है जिदंगी ।
——————–
जीना तो कोई नहीं चाहता है तेरे बिना ,
मगर वक्त जीना सीखा देता है।
——————–
हमारी खातिर जरा कुछ वक्त उधार लेकर आओ ,
और कुछ नहीं चाहिए ,
बस एक पल के लिए अपना संसार लेकर ओओ ।
——————–
अनजाने वक्त का सफर है यह जिदंगी ,
कुछ नहीं रखा है यहां ,
करले बंदे खुदा से बदंगी ।
——————–
बेमतलब बरसात भी नहीं होती है ,
अगर वक्त मे मिलना ही नहीं लिखा
तो यह मुलाकात भी नहीं होती ।
——————–
अंधेरे मे कभी उजास नहीं होता ,
वक्त किसी का खास नहीं होता ।
——————–
जब तेरे संग हम होते थे ,
तो वक्त को भूल जाते थे ,
एक वह वक्त था जब तेरे
संग हाथ मिलाकर स्कूल जाते थे ।
——————–
आसमान मे छाई घटाएं हैं ,
वक्त ने भी फैलाई आज
हमारे लिए बाहें हैं।
——————–
कुछ लोगो का वक़्त बुरा चल रहा है,
तो कुछ लोगों का इश्क अधूरा चल रहा है ,
मगर आपके आ जाने से ,
हमारा तो काम पूरा चल रहा है।
——————–
दुश्मनों से भी नफरत हम किया नहीं करते ,
अगर वक्त बुरा हो तो हद से ज्यादा पिया नहीं करते ।
——————–
वक्त ने हमे उलझाया है ,
अपनों ने कभी ना हमें
हद से ज्यादा चाहया है।
——————–
गिने जाते थे हम भी कभी शरीफों में।
वक्त ने बुराई लिखदी ,
बस हमारे नसीबों मे ।
——————–
वक्त के आगे यूं कोई ठहरा नहीं ,
जख्म देकर जख्म को क्या देखते हो
यह इतना भी गहरा नहीं ।
——————–
वक्त ने दिया जख्म ,
आज वो नासूर हो गया ,
चांद से प्यार दोस्त भी
बुरे वक्त मे दूर हो गया ।
——————–
बुरा वक्त जनाब बड़ा निराला है ,
एक हाथ मे बोतल है ,
तो दूसरे हाथ मे शराब का प्याला है।
——————–
तुम्हारे बिना वक्त को हम गुजरने नहीं देंगे ,
कोशिश करलो कितनी भी तुम ,
हम तुझे सुधरने नहीं देंगे ।
——————–
वक्त के कर्जदार हो तुम ,
कैसे छोड़कर चली जाउं मैं तुझे ,
आखिर मेरे संसार हो तुम ।
——————–
बुरे वक्त मे सारे रूष्ट हो जाते हैं ,
कितना भी समझाओ उनको ,
कोई असर नहीं पड़ता जो दुष्ट हो जाते हैं।
——————–
वक्त पर करलेना किसी की चाहत की कद्र ,
वरना पूरी जिदंगी पछताना पड़ेगा ,
फिर जो बेवफा होगा उसे भी चाहना पड़ेगा ।
——————–
फूल गुलाब के उनके दर पर रख गए हम ,
मना उनको वक्त पर ,
पर नहीं माने ,कहते कहते थक गए हम ।
——————–
वक्त तो वार करता है ,
मगर कभी कभी यह भी प्यार करता है ,
इसका कोई भरोशा नहीं ,
कब यह वार करता है और कब इकरार करता है।
——————–
फूल बिखरादिये वक्त ने हमारे अंगों मे ,
आखिर कौन जीत पाया है वक्त की जंगों मे ।
——————–
दर्द की रात किसे कहते हैं तुम क्या जानो।
वक्त की बरसात किसे कहते हैं तुम क्या जानो ।
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वक्त ने धोखा देकर मुझे चौका दिया ,
फिर भी मैंने उसका शुक्रिया किया ,
क्योंकि उसने मुझे एक मौका दिया ।
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वक्त ने जिसको सिखाया है ,
आज वही है जो इस दुनिया पर छाया है।
——————–
वक्त ने जो हमे सिखाया है ,
वो किताबों ने हमे कभी नहीं बताया है।
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यह बुरे वक्त की रात नाम नहीं ले रही ढलने का ,
मगर वक्त हो चुका है सूरज निकलने का ।
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यह वक्त नहीं है प्यार मुहब्बत करने का ,
हम तो मुंह भी नहीं देखना चाहते हैं इस झरने का ।
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जब अपने ही बुरे हैं तो वक्त को क्या दोष दें ,
जब सपने ही अधूरे हैं तो खुद को क्यों कोसतें ।
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वक्त ने इस पूरे शहर को जला दिया ,
निकम्मा और आवारा उसे हमे कहला दिया ।
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खुद की ज़िन्दगी का हिसाब नही कराया जाता औरों से।
अगर चल रहा है वक्त बुरा ,
तो मत पुकार लेना दुश्मनों को कभी जोरो से ।
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ऐ वक्त जितना गम देना है देदे ,
आज तक हमने तेरे आगे न घुटने टेके ।
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जिस दिन वक्त ठहर जाएगा ,
इस धरती पर संकट गहर जाएगा ।
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वो वक्त सी थी जो गुजर गई,
वो हवाओं सी थी जो दिल मे उतर गई ।
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फासले तो कदमों के हैं पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम,
असल मे हमारी जिदंगी के एहसास हो तुम ।
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यह जमाना इंसाफ का नहीं है ,
यह जो वक्त है जो किसी के बाप का नहीं है।
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जिसको कभी वक्त ने संवारा था ,
आज उसी को वक्त ने पटरी से उतारा था।
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वक्त की मार ऐसी की चोट नहीं लगी कहीं ,
मगर मन ने तन्हाई बहुत सहीं ।
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आज इस नदी से नाव ने भी किनारा कर लिया ,
वक्त बुरा चल रहा है जनाब ,
इसलिए हमने भी बिना कुछ खाए यूं ही गुजारा कर लिया ।
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पूरा वक्त खर्च कर दिया पैसा कमाने मे ,
फिर भी कुछ नहीं मिला इस जमाने मे ।
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ऐ खुदा जिसके पास आपके लिए वक्त है ,
समझो वो आपका पक्का भगत है।
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वक्त अगर अच्छा हो तो दिल को राहत देता है ,
वक्त अगर बुरा हो तो आहत करता है।
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किसी को तोहफे मे वक्त की घड़ी नहीं देते हम ,
भले ही इतने बड़े दानी हैं ,
मगर किसी को सोने की लड़ी नहीं देते हम ।
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कैसे उलझ गई तुम वक्त के सवालों मे ,
कभी रहा करती थी सबके ख्वाबों ख्यालों मे ।
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ऐ वक्त कभी हमारा भी ख्याल कर लिया कर ,
क्यों दिल छोटा छोटा करता है ,
कभी तो इसको विशाल कर लिया कर ।
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इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है,
भरोशा जिसपर तुम करते हो वो झूठा जमाना है।
कोई मिटा नहीं पाया वक्त की लकीर को ,
लगता है नजर लग गई है इस तकदीर को ।
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सुनो ए वक्त बरबाद करने वालों ,
एक दिन तुम भी बरबाद हो जाओगे
दंगा फसाद करने वालों ।
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जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।
तब वक्त भी हमारे साथ होता है।
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हर वक्त दिल को सताए तेरी कमी ,
अगल कैसे करदें जानूं तुझे ,
तू तो है हमारे सांस सांस मे रमी ।
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जो समय पर चेत जाता है ,
वह वक्त की दीवार को भेद जाता है।
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किताबों से पुरानी यादों को खोज रहे हैं हम ,
काश बचपन का वक्त लौट आता सोच रहे हैं हम ।
——————–
वक़्त आने पर
जवाब देंगे
याद रखना हर
उस दुश्मनी का हिसाब देंगे ।
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हमारी जिदंगी मे बस तेरी कमी है ,
मगर तू तो किसी और के संग ,
बर्फ की तरह जमीं है।
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वक़्त के साथ वक़्त से ही लड़ रहें है,
फूलों का हाल देखो किस तरह से पड़ रहे हैं।
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मुर्दा श्मसान मे जलता रहा ,
इस बुरे वक्त मे मैं करवटें बदलता रहा ।
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मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो,
मौत भी ऐसी चाहते हैं जो शान की हो ,
इंसान वही है जिसकी कीमत जबान की हो ।
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क्यों लड़ता है वक्त हमसे ,
एक दिन यूं ही मर जाएंगे ,
और हमारी जिदंगी तेरे नाम कर जाएंगे ।
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जिदंगी मिलेगी तो फिर आएंगे ,
खुदा से ज्यादा और वक्त से पहले
किसी को न चाहेंगे ।
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वक्त से लड़ते लड़ते थक गए हैं ,
बुरा वक्त बुरा वक्त सुनकर अब हम पक गए हैं।
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घर से निकलते ही ,
कुछ दूर चलते ही ,
वक्त की यादों मे जलते ही
सब कुछ याद आ जाता है।
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सवाल तो हजार हैं तुम से मगर कोई जवाब नहीं ,
वक्त बुरा चल रहा है जनाब ,
वरना हमारे इरादे भी कोई खराब नहीं ।
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वक्त ने आपको हमसे दूर किया ,
आज वक्त ने हमें मशहूर किया ,
वक्त को हम क्या समझे दोस्त या दुश्मन ।
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बिछडते साथी का सहारा बन जाता है वक्त ,
मगर भी कभी नकारा बन जाता है वक्त ।
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पढ़लिया है हमने तेरे चेहरे की खामोशियों को ,
मगर तू चिंता मत कर वक्त बख्सेगा नहीं दोषियों को ।
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आगे बढ़ते रहे हम वक्त का दामन थाम कर ,
तू तो चली गई थी कभी हमें बदनाम कर ।
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आसमां से धरती कभी उबलती नहीं ,
जिदंगी की कहानी वक्त के साथ बदलती नहीं ।
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अगर तू हां कहदे तो दिल का बोझ हट जाए ,
सालों से हो रही हमारी खोज हट जाए ।
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वक्त ने मुझे क्या से क्या बना दिया,
अब इसने आपके बिना जीना सीखा दिया ।
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अपने वक्त से बड़ी कोई दौलत नहीं ,
वक्त अगर बुरा है तो जिदंगी मे कोई महौलत नहीं ।
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जिदंगी की हसरतें कुछ और हैं ,
मगर वक्त के सामने हमारे इरादे कमजोर हैं।
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बुरे वक्त ने मरने को मजबूर किया ,
न चाहते हुए भी हमने आपको हमसे दूर किया ।
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वक्त को ही फैसला करना है जीने और मरने का ,
तो कोई सवाल नहीं उठता डरने का ।
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जहां चिराग की जरूरत है ,
वहां वक्त का सूरज लेकर आई हूं ,
तू कितना भी दूर हमसे चला गया हो ,
मगर मे तेरे दिल और दिमाग मे छाई हूं ।
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कोई देख नहीं पाया वक्त की परछाई को ,
कोई कैसे पहचानेगा हमारे दिल मे छिपी तन्हाई को ।
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हमसे मिलकर लौटते वक्त ,
दिल नहीं पाओगे अपने सीने में ।
हमे भी शामिल करलो आप अपने
जीने मे ।
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वैसे तो हमारे दिल का नगिना है तू ,
मगर अच्छे वक्त की तरह
आती जाती हसीना है तू ।
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जिनके सूरज ढल जाते हैं ,
वो इंसान भी बे वक्त बदल जाते है ,
——————–
वक्त के साथ बदलना जरूरी है ,
मगर क्या करें हम जानते हैं ,
यह आदत बुरी है ,
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फिटकरी और मिश्री का रंग एक जैसा है ,
प्यार का खेल और जंग भी एक जैसा है ,
बुरे वक्त मे यह जीवन तो फेक जैसा है।
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मत दे कमिनी अब तू हमे दिलासा ,
वक्त ने कर दिया है तेरा खुलासा ।
——————–
वक्त पे शरहद पर मरने वाले इतिहास बन जाते हैं ,
जिदंगी को बीच राहों मे छोड़ करने मरने वाले
इस दिल के एहसास बन जाते हैं।
——————–
अगर उस वक्त को लुट लिया होता ,
तो जिदंगी का नजारा कुछ और होता ,
फिर साथ हो जाता तेरा और मेरा ,
और जिदंगी का इशारा कुछ और होता ।
——————–
अच्छे वक्त का इंतजार करके देखो ,
और किसी से प्यार करके देखो ,
दोनो एक जैसे हैं।
——————–
वक्त की धार तो चाकू से भी तेज है ,
इसलिए हमे बुरे वक्त से परहेज है ।
——————–
दिल के नाम से मशहूर हैं हम ,
पर वक्त के नशे मे चूर हैं हम ।
——————–
वक्त वक्त की बात होती है जनाब ,
कभी हम भी राजा हुआ करते थे ।
——————–
मेरे महबूब की प्यारी बातें ,
वक्त को सुंदर बनाती हैं ,
मगर जब महबूब ही ना हो अपना ,
तो यह दिल को बंजर बनाती हैं।
——————–
वक्त का हर पल तेरा हसीन हो ,
दुनिया मे कभी ना तेरी तौहीन हो ,
तेरा यार शराब का नहीं ,
तेरे होठों का शौकीन हो ।
——————–
वक्त का बदलना ,
और मौसम का बदलना ,
आम है।
——————–
औरों की मर्जी से कभी हम जिया नहीं करते,
और वेबफा वक्त से मुहब्बत हम किया नहीं करते ।
——————–
अफसोस नहीं है हमें बेवक्त तेरे जाने का ,
मगर तू मतलब नहीं समझ पाई हमारे चाहने का ।
——————–
परहेज करते हैं हम बुरे वक्त मे दिल लगाने से ,
कोई फायदा नहीं होता है किसी पत्थर को चाहने से ।
——————–
सदिया लग जाती हैं एक रिश्ता बनाने मे ,
पर कुछ पल लगते हैं जनाब बुरा वक्त आने मे ।
——————–
वक्त जैसा भी हो बीतता जरुर है,
अगर आदमी ठान ले वक्त से लड़ने का
तो जीतता जरूर है।
——————–
वक्त रहते अगर उनसे दिल की बात कहदी होती ,
तो वह भी आज इतने गम न सहती होती ।
——————–
दिल की प्यास नहीं बुझती पानी पीने से ,
मर जाना अच्छा है जनाब बुरे वक्त मे अकेले जीने से ।
——————–
रूकती नहीं जो कहीं पर भी ,
यह वक्त तो कुछ ऐसी रेल है ।
प्यार कुछ नहीं और यह तो
सारा नजरों का खेल है।
——————–
वक्त की हर घड़ी बुरी नहीं होती ,
अगर वो मान जाती तो हमारी मुहब्बत
भी वक्त की तरह अधूरी नहीं होती ।
——————–
बुरे वक्त में जो साथ दे वही सिकंदर होता है ,
मानते कहां हैं हम सब
वरना भगवान तो हमारे अंदर होता है।
——————–
बीच राहों मे रूक जाएं वो हवा नहीं हैं हम ,
कि करलें तुझ से वक्त की मुहब्बत इतने भी जवां नहीं हैं हम ।
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उनको तो कपड़े बदलने का शौक था
तो जिदंगी भर कपड़े बदलते रहे ,
हमे मगर मंजिल पाने का शौक था
तो हम हर वक्त चलते रहे ।
——————–
तुझे वक्त के साथ चलना पड़ेगा,
अगर मिली है यह जिदंगी
तो दुख की आग मे जलना पड़ेगा ।
——————–
बुरे वक्त मे नियत हर किसी की फिसल जाती है ,
जिदंगी वक्त की छांव है इसी तरह ढल जाती है।
——————–
कोई वक्त के साथ निखर जाता है ,
तो कोई वक्त के साथ बिखर जाता है ,
वक्त का पता नहीं यह किधर जाता है।
——————–
तेरे लिए आए हैं हम
वक्त के 7 समंदर पार करके ,
कमीनी हम थक चुके हैं अब
तेरा इंतजार करके ।
——————–
वक्त दिखाई नहीं देता ,
सच्चा प्यार तन्हाई नहीं देता ,
और रहम कभी कसाई नहीं देता ।
——————–
अगर जिंदगी में बुरा वक़्त ना आये,
तो अच्छे वक्त को कौन चाहेगा ,
अगर जिदंगी मे बेवफाई ना आए
तो अच्छे साथी को कौन चाहेगा ।
——————–
बहुत फर्क कर देता है वक्त ,
अपनों मे और परायों मे ,
वक्त उनका असली चेहरा दिखा
देता है जो जी रहे आपके साये मे ।
——————–
वक़्त सभी को मिलता है ज़िन्दगी बदलने
के लिए ,
पर कोई तैयार ही नहीं होता है जनाब
वक्त के साथ चलने के लिए ।
——————–
बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है,
झूठे दोस्तों की पहचान तो इस ,
बुरे वक्त ने कराई है।
——————–
वक्त से बड़ी कोई जेल नहीं
और कर्मों से बड़ा कोई खेल नहीं ।
——————–
समय से बड़ा गुरु है ,
समय सबसे बड़ा दानी ,
नहीं है उसका कोई सानी ।
——————–
वक्त बड़ा बलवान है ,
वक्त की बदौलत ही
कोई महान है ,
तो कोई परेशान है।
——————–
वक्त जब बुरा आता है ,
तो एहसास हो जाता है ,
मगर आजकल दोस्त जब बुरा
आता है तो दिल का खास हो जाता है।
——————–
कभी मायूस नहीं होते वक्त के साथ चलने वाले ,
वैसे तो बहुत देखें हैं हम सूरज के साथ ढलने वाले ।
——————–
जीवन एक परीक्षा है
और परीणाम आपके हाथ मे ,
बस थोड़ी मेहनत करले वक्त के
साथ मे ।
——————–
बुरे वक्त ने अपनो से दूर किया ,
पापी पेट ने बुरे कर्म करने को मजबूर किया।
——————–
अच्छा नहीं है हद से ज्यादा अपनापन दिखाना ,
अच्छा नहीं होता किसी कमजोर को सताना ,
सब कुछ बदल जाएगा एक दिन ,
यह है वक्त का फसाना ।
——————–
घमंड करते रहे थे कई रहीस अपनी
दौलत का ,
वक्त ने मिटा दिया सब कुछ
और रह गए मुंह लटका ।
——————–
किसी गरीब का मजाक ना उडाया करो ,
वक्त बुरा आपका भी आ सकता है ,
बेवजह किसी को ना सताया करो ।
——————–
वक्त नहीं लगता तकदीर को बदलने मे ,
मगर बहुत मेहनत करनी पड़ती है ,
इस वक्त के साथ चलने मे ।
——————–
बादल खामोश हैं ,
मगर इस बुरे वक्त के प्रहार से
इंसान अभी भी बेहोश हैं ।
——————–
वक्त की यारी तो हर कोई करता है ,
मगर ऐसा यार कहा मिलेगा ,
जो बुरे वक्त मे भी आपके साथ रहता है।
——————–
वक्त के साथ बादलों मे छुप गए वो ,
असली चेहरा नजर आया उनका ,
जब बारिशों मे धुप गए वो ।
——————–
आदमी कुछ नहीं बोलता है ,
मगर भेद सारे उसके वक्त खोलता है।
——————–
वह वक्त ही क्या जिसमे शराब ना हो ,
कि तू हमें छोड़कर चली जाए ,
कि हमारी किस्मत इतनी भी खराब ना हो ।
——————–
किसी के बुरे वक्त पर हंसना नहीं चाहिए ,
दूसरों के खिलाफ साजिश रचना नहीं चाहिए ,
जो रखता है बेवजह दुश्मनी ,
ऐसा दुश्मन कभी बचना नहीं चाहिए ।
——————–
रूक गई है जनाब वक्त की घड़ी ,
इसलिए आज वह आंगन मे पड़ी ।
——————–
अगर जीवन से वक्त को निकालदें
तो जीवन नहीं बचेगा ,
अगर जिदंगी से आपको निकालदें
तो जिदंगी नहीं सजेगी ।
——————–
वक्त नदी नालों को बदल देता है ,
वक्त हर सवालों को बदल देता है ,
वक्त जिदंगी के उजालों को बदल देता है।
——————–
बदल ले अपना रस्ता ,
यह वक्त का इशारा है ,
तुम क्या जानो बुरे वक्त का दर्द ,
उसके संग तो हमने जीवन गुजारा है।
——————–
वक़्त जब किसी की तरफ करवटें बदलता है,
तो दिलदार से दिल दार इंसान भी जलता है।
——————–
कुछ इस कदर खोये हैं तेरे ख्यालो में ,
वक्त का पता ही नहीं चला दिन के उजालों मे ।
——————–
कौन डूबेगा और कौन पार जाएगा ,
यह तो बस वक्त बताएगा ।
——————–
इस वक्त किताबों से तेरी यादों को खोज रहे हैं ,
मिलने आ जाएं तुमसे हम एक बार सोच रहे हैं।
——————–
ऐ वक्त हर किसी का दिल ना दुखाया कर ,
गैरों की जिदंगी तो तू हर बार बनाता है ,
कभी हमारी जिदंगी भी बनाया कर ।
——————–
बीते वक्त संग नजर आता है तेरा चेहरा ,
और दे जाता है जानम जख्म गहरा ।
——————–
दिल चाहता है हर वक्त तुझे देखता रहूं ,
मगर वक्त नहीं चाहता है कि मैं ,
इस कदर तेरी यादों मे भीगता रहूं ।
——————–
मालूम नहीं था हमें कि एक दिन वक्त बुरा आएगा ,
और तेरी यादों के साथ सब कुछ खत्म हो जाएगा ।
——————–
कहां मिलते हैं दिल से चाहने वाले ,
मगर बहुत मिलते हैं अच्छे वक्त
का महत्व बताने वाले ।
——————–
सारा वक्त मैंने अपनी जिदंगी का
तुझ पर बरबाद कर दिया ,
लात मारक चली गई तू मुझे ,
एक बार बतादें मैंने क्या ,
अपराध कर दिया ।
——————–
लगाली आदत हमने तुम से प्यार की ,
और अब घड़ी खत्म नहीं हो रही इंतजार की ।
——————–
जनाब ये वक़्त बुरा नहीं है,
बुरे तो हम हो गए।
वह तो हमारे बिना जी सकती है ,
पर अधूरे तो हम हो गए ।
——————–
खफा हम क्यों तुमसे होने लगे ,
वक्त नहीं है हमारे पास तुम्हारे लिए ,
सुनकर वो रोने लगे ।
——————–
वक्त नहीं देखता है अपना और पराया ,
इसलिए बुरे वक्त का नाम सुनकर
मैं घबराया ।
——————–
उड़ान चाहे कितनी भी उंची हो
मगर पैरों तले जमीं रखना ,
वक्त चाहे कितना भी बुरा आ जाए ,
मगर दिल मे बस हमीं रखना
——————–
बुरे वक्त मे आंसू बहाने के लिए ,
समंदर की तलास मे हैं ,
आज वो बस हमारे एहसास मे हैं।
——————–
हम शेर का शिकार करने वालों मे से नहीं हैं ,
मगर फिर भी बुरे वक्त मे डरने वालों मे से नहीं है।
——————–
कुछ लोग तो प्यार का शिकार करते हैं ,
मगर हम इस तरह के शिकार से ,
इंकार करते हैं।
——————–
अच्छा बीत गया है ,
तो बुरा भी बीत जाएगा ,
कोशिश करना मत छोड़ ए इंसान
एक दिन खुशी के गीत गाएगा ।
——————–
तेरी खूबसूरती तो वक्त के साथ ढल जाएगी ,
फिर दुनिया तुम से कैसे दिल लगाएगी ।
——————–
इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है,
बस कुछ लोगों ने इसकी हकीकत को पहचाना है।
——————–
दुनिया की नजरों मे बेचारा हूं मैं ,
क्योंकि वक्त का मारा हूं मैं ।
——————–
कभी नदी का किनारा बन जाता है ,
कभी टूटे दिल का सहारा बन जाता है ,
यह वक्त भी कभी कभ बेचारा बन जाता है।
——————–
उम्र बीत गई तेरी सजने और संवरने मे ,
अब कुछ ही वक्त बचा है जनाब दुनिया से गुजरने मे ।
——————–
कभी तो खुद के लिए भी ,
वक्त निकाल लिया कर ,
दूसरों की मुहब्बत की परवाह करता है ,
कभी अपने दिल मे क्या है ,
यह भी तो जान लिया कर ।
——————–
याद रखना वक्त कभी जंगल के शेरों का होता है ,
तो कभी यह लुटैरों का होता है ,
——————–
वक्त न तेरा है ,
न वक्त मेरा है ,
यह तो बस लुटैरा है।
——————–
वक़्त लगता है खुद को बनाने मे,
इसलिए बरबाद मत करो इसको ,
फालतू के फसाने मे ।
——————–
वक्त बुरा आया तो
लोगों के बात करने का ढंग बदल गया ,
वक्त बुरा आया तो आशिक का रंग
बदल गया ।
——————–
न गवाहों की जरूरत है ।
न अफवाहों की जरूरत है ।
बस सही वक्त की जरूरत है।
——————–
हम अच्छे वक्त की तलास मे थे ,
मगर पुराने दिन आज भी ,
हमारे एहसास मे थे ।
——————–
कहने को तो सब कुछ मिल जाता है इस संसार मे ,
मगर अच्छा वक्त मिलता नहीं बाजार मे ,
——————–
दुख के वक्त मे कोई हाल नहीं पूछता ,
और सुख के वक्त मे कोई सवाल नहीं पूछता ।
——————–
खुशी आई है तो गम भी आएगा ,
करले बंदे अपने वक्त का सही यूज ,
वरना बाद मे पछताएगा ।
——————–
बुरा वक्त बहुत रूलाता है ,
पर सीख हमें वही देकर जाता है।
——————–
तेरे हर बुरे कर्मों का हिसाब होगा ,
आने दे बुरे वक्त को ,
फिर ना कोई तेरे पास जवाब होगा ।
——————–
खून पसीना बहना पड़ता है ,
जिदंगी मे मंजिल पाने के लिए ,
बुरा वक्त भी कोई गैर नहीं ,
यह भी होता है हमे सीखाने के लिए ।
——————–
बुरे वक्त मे भी अपने प्रयास जारी रखना ,
मिलेगी मंजिल तुझे एक दिन बस ,
अपने उपर जिम्मेदारी रखना ,
——————–
गर्मी मे मिलती है ठंडे पानी से
नहाने पर राहत ।
समय आने पर पूरी हो जाती
बंदे की हर चाहत है,
——————–
वक्त वक्त की बात है जनाब ,
कल तक हम रंक थे आज राजा हैं ,
मगर तुम्हारे दिये जख्म दिल मे ,
आज भी ताजा हैं।
——————–
वक्त की घड़ी कभी नहीं थकती ,
दुनिया यूं ही किसी को आंखों पर कभी नहीं रखती ।
——————–
हर सवाल का जवाब समय बदल देता है ,
उसका कुछ नहीं हो सकता ,
जिसको समय छोड़ कर चल देता है।
——————–
वक्त के पास हर कर्मों का हिसाब है ,
चिंता मत कर मिलेगा तुझे हर एक जवाब है।
——————–
कभी गम, कभी खुशी
ये जिंदगी का खेल है ,
वक्त तो कभी ना
रूकने वाली रेल है।
——————–
जैसी करनी वैसी भरनी ,
यही है वक्त की जर्नी ।
——————–
हम अपनी बेगुनाही को साबित करेंगे कैसे ,
अब तो वक्त भी हमारे साथ नहीं है।
——————–
वक्त ने हमें जीना सीखाया और
तेरी मुहब्ब्त ने हमे पीना सिखाया ।
——————–
वक्त ने गधों को भी राजा बनाया है ,
यह वक्त ही है जिसने बड़े बड़ों को धूल चटाया है।
——————–
जब वक्त हमारे साथ नहीं होता ,
तो जीवन मे फिर वो बात नहीं होता ।
——————–
बुरे वक्त आने पर अपने भी पराये हो जाते हैं ,
दूर खुद के अपने ही साये हो जाते हैं।
——————–
इस वक्त ने कैसे कैसे दिन दिखाये हैं ,
जिदंगी को नरक से भी बदतर बनाए हैं।
——————–
बुरे वक्त का भी महत्व होता है जनाब ,
क्योंकि यही रखता है अपनो और परायों का हिसाब ।
——————–
जिदंगी मे बुरा वक्त कभी आएगा नहीं ,
अगर तू किसी को सताएगा नहीं ।
——————–
लोग तो वक्त की यारी करते हैं ,
लेकिन हम बुरे वक्त से लड़ने की तैयारी करते है।
——————–
मजा ही मजा है तेरे संग जीने मे ,
मगर क्या करें दिल नहीं है वक्त तेरे सीने मे ।
——————–
कोई दूर तुम से होना चाहेगा नहीं ,
तेरे जैसे प्यार को वक्त के साथ ,
कोई खोना चाहेगा नहीं ।
——————–
दिल है की मानता नहीं ,
वक्त है कि हमारे दिल की ,
बात जानता नहीं ।
——————–
——————–
कम ही होते हैं वक्त के संग लड़कर जीतने वाले ,
मगर जो भी होते हैं , होते हैं निराले ।
——————–
वक्त तो कबाड़ को भी अनमोल बना देता है ,
कठोर से कठोर पत्थर मे भी होल बना देता है।
——————–
मरेंगे तो तेरे साथ मरेंगे ,
जीएंगे तो तेरे साथ जिएंगे ,
भले ही वक्त पर नहीं जाना आपने हमें ,
आजा मिलकर दोनों एक साथ
जहर पीऐंगे ।
——————–
तू साथ है तो वक्त साथ नहीं ,
जिस दिन वक्त साथ होगा ,
उस दिन तू साथ नहीं होगी ।
——————–
जिनकी हम अच्छी सूरत नहीं समझते।
उनको हर वक्त सफाई देने की जरूरत नहीं समझते ।
——————–
जो खामोश होकर भी खेल कर जाता है ,
जो अनमेल का भी ले कर जाता है ,
उसका नाम ही वक्त है।
——————–
जब चलता है वक्त का डंडा ,
फिर कोई काम नहीं आता है फंडा ।
——————–
तेरी जादुगरी आंखों ने मेरे वक्त को चुराया है ,
दिल की दुनिया मे हमने शनम तुझे बसाया है।
——————–
अब हमें तेरी आदत से हो गई है ,
वक्त चाहे जैसा भी हो ,
मगर जिदंगी तेरे संग इबादत सी हो गई है।
——————–
आदमी को गधा
और गधे को आदमी
बना देना वक्त का काम है।
——————–
कुछ भी कर लेना ,
मगर वक्त से सौदा मत करना ,
कि हवाओं मे उड़ने लगों
कभी इतना उंचा भी अपना ओहदा मत करना ।
——————–
मेरी नादानियों ने सब कुछ लुटाया है ,
आज बुरे वक्त को देखकर
यह दिल बहुत घबराया है।
——————–
थोडा वक्त जरा मेरे लिए भी रखा करो ,
सिरदर्द होने लगता है यार ,
इतना भी ना झका करो ।
——————–
जो टाइम पास करते हैं ,
तो समझों वो अपनी जिदंगी को नाश करते हैं।
——————–
ऐ वक्त तू बार बार रूलाता क्यों है ,
अगर दर्द देना है तो एक बार मे ही देदे ,
रूलाकर फिर हंसाता क्यों है।
——————–
बादलों की ओट से एक दिन सूरज निकलेगा जरूर ,
बुरे वक्त मे भी कोशिश जारी रख ,
एक दिन यह बदलेगा जरूर।
——————–
बहुत ही अजीब होता है यह वक्त का सफर ,
कहीं आसान है तो कहीं कठिन है जिदंगी की डगर ।
——————–
दवा अगर वक्त पर दी जाए ,
तो यह काम आती है ,
अगर कोशिश की जाए ,
तो जिदंगी की हर मुकाम आती है।
——————–
हद से ज्यादा ख्वाहिशें भी बुरी हैं ,
यह वक्त ही ऐसा चल रहा है जिसमे ,
खुद की जरूरतें भी अधूरी हैं।
——————–
अगर वक्त खत्म हो गया है ,
तो कोई दवा काम न आएगी ,
अगर सूरज डूब गया है तो
फिर कोई शाम न आएगी ।
——————–
यह ज़ालिम ज़माना है ,
जिदंगी और कुछ भी नहीं ,
बस वक्त का ताना बाना है।
——————–
जिदंगी बुरे वक्त मे कट रही है किश्तों मे ,
नहीं बचा है अब कुछ भी इन रिश्तों मे ।
——————–
वक्त को हम समेट नहीं सकते बांहों मे ,
यह तो रोड़ा अटकाता ही है राहों मे ।
——————–
आज भी तुझे पाने का दिल मे एक ख्याल है ,
बुरा वक्त भी क्या कमाल है।
——————–
ना नींद पूरी हुई, ना ख़्वाब पूरे हुए ,
वक्त ही ऐसा आ गया ,
कि अच्छे होकर भी हम बुरे हुए ।
——————–
अच्छा वक्त भी एक दिन
तेरा आएगा सब्र कर थोड़ा ,
अपनी पहचान ना भूल ,
चल अकड़ कर थोड़ा ।
——————–
वक्त ने दुनियादारी की पहचान दिलाई ,
वक्त ने ही टूटी जिदंगी मे फिर से जान दिलाई ।
——————–
वक्त अगर साथ है ,
तो मूठ्ठी मे करामात है।
——————–
महंगे तोहफे हम तुझे दे नहीं सकते ,
क्योंकि कब वक्त बदल जाए ,
यह कह नहीं सकते ।
——————–
हमे तो अच्छा वक्त पसंद है ,
आपकी मुहब्बत हमारे दिल मे
आज भी बंद है।
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वक्त जो सीखाता है ,
उसे कोई नहीं सीखा सकता ,
वक्त जो बताता है ,
उसे कोई नहीं बता सकता ।
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तेरी याद हमें बहुत आती है ,
मगर वक्त के साथ सब कुछ
धुंधली पड़ जाती है।
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वक्त नहीं है जिसके पास तेरे लिए ,
क्यों फिरता है तू उसके पास ,
यह उदास सा चेहरा लिए ।
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आज फिर तुझे मंज़िलो ने पुकारा है ,
आ गया है अब वक्त अच्छा तेरा ,
यही बस अब तेरा आखरी सहारा है।
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बुरे वक्त मे रस्तों की तलास कर रहे हैं हम ,
मगर कुछ लोग कहते हैं खुद का नाश कर रहे हैं हम ।
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इस बार वक्त कम मिला साथ बिताने को ,
फिर कभी जन्म लेंगे तेरे प्यार पाने को ।
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एक और शाम हो गई ,
एक और दिन ढल गया ।
तेरी मुहब्बत मे वक्त का
पता ही नहीं कब चल गया ।
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जिंदगी की किताब से तुमको हटा दिया है हमने ,
जो वक्त बिताया था तेरे साथ ,
उसकी यादों को मिटा दिया है हमने ।
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वो करीब ही ना आये इज़हार क्या करते ,
वो पहले से बेवफा थे तो एतबार क्या करते ,
मगर गए हम और रह गई खुली आंखें
इससे ज्यादा और इंतजार क्या करते ।
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वक्त कभी रूकता नहीं ,
वक्त कभी झुकता नहीं ,
जो वक्त से यारी करता है
वह कभी ठुकता नहीं ।
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वक्त जब बुरा होता है ,
तो हम भी बुरे हो जाते हैं ,
वक्त जब अच्छा होता है ,
तो हम भी पूरे हो जाते हैं।
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आंखों के परदों मे छुपा लिया तुमको ,
वक्त एक दिन ऐसा आया ,
कि हमारे दिल ने चाह लिया तुमको ।
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वक्त हद से ज्यादा हमें तंग मत किया कर ,
हम तो हार गए हैं ,
अब हमसे जंग मत किया कर ।
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वक्त वक्त की खुशी है जनाब ,
वरना तो यह सारा संसार दुखी है।
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वो मांगते हैं हमसे वक्त की मजबूरी मे ,
मगर प्राण हमारे अटक गए हैं जिदंगी की दूरी मे ।
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वक्त बदल गया ,
मगर आज भी हमारे पास ,
तेरे प्यार की निशानी है ,
तू भले जंहा भी रहे ,
मगर मेरे दिल की दोस्ती
तेरे संग बहुत पुरानी है।
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तेरे लिए तो हम इस धरती पर आए थे ,
पर तू वक्त से पहले चली गई ,
मगर आज तक हम नहीं जान पाए
तू कौनसी गली गई।
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वक्त के संग पत्थरों को पिघलते देखा है ,
जिनके बीच था कभी गहरा प्यार ,
उनको भी वक्त के राहों मे जलते देखा है।
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दिल है की मानता नहीं ,
वक्त है की हमारे ज्जबात पहचानता नहीं ।
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बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे ,
कितना भी भागलो खुशियों के पीछे ,
मगर अंत मे खुद को अकेला ही पाओगे ।
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दीपक का जलना भी वक्त की कहानी है ,
सीने मे मुहब्बत का पलना भी वक्त की कहानी है ,
तेरा और मेरा मिलना भी वक्त की कहानी है।
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दीपक जलने से पहले ही बुझ गया ,
वक्त चलने से पहले ही सुझ गया ।
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तेरे हकदार सिर्फ हम हैं ,
अच्छे वक्त के तरफदार हम हैं।
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ना तूफान का डर है ,
ना श्मसान का डर है ,
हमें तो बस वक्त के फरमान का डर है।
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जिदंगी का सफर सुहाना है ,
मगर बुरा वक्त इसमे एक फसाना है ,
करना है जो आज करले ,
कल तो दुनिया छोड़कर जाना है।
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कभी हंसते हैं , कभी रोते हैं ,
यह सारे खेल तो बस वक्त के होते हैं।
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वक्त तो सबक सिखाता है ,
वरना बुरा वक्त किसे भाता है।
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जो वक़्त पर नहीं चलता,
वो अक्सर बेकार हो जाता है,
जब दिल मे बस जाते हैं कुछ लोग
वह अपना संसार हो जाता है।
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इस जिदंगी का मजा लेना हो तो लिजिए ,
मगर किसी से वक्त की मुहब्बत मत किजिए ।
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वक़्त का आँचल पकड़ कर चलो,
अपने दिल को अच्छी तरह जकड़ कर चलो ।
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वक़्त हमें सब्र और सहनशीलता सिखाता है,
मगर यही वक्त एक दिन हमें मौत से मिलाता है।
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जिदंगी के हर मोड़ पर वक्त याद आएगा ,
कोशिश करले तू एक दिन तेरा मुकाम जरूर आएगा ।
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वक्त पर हम कभी चले नहीं ,
इसलिए मंजिल से कभी मिले नहीं ।
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बुरे वक्त की जनाब कोई दवा नहीं होती ,
जो दर्द मे दिल को सकून दे ऐसी कोई हवा नहीं होती ।
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वक्त अगर बुरा हो ,
तो जिदंगी के हर मोड़ पर गम मिलेंगे ,
कोशिश करलो हमें दिल से निकालनेगी ,
मगर फिर भी तेरे दिल मे हम मिलेंगे ।
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जब तक बुरे वक्त से लड़ते रहोगे ,
उपर की तरफ चढ़ते रहोगे ।
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वक्त को समझपाना किसी के बस की बात नहीं ,
जब हम ना रोये हों ऐसी कोई रात नहीं ।
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हर वक्त की धुन में ताल बदल जाता है,
बुरे वक्त मे दिलों का हाल बदल जाता है।
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कभी खुशी बनकर
तो कभी गम बनकर ,
यह वक्त आता है ,
कभी बेरहम बनकर ।
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वक्त की लहर मे डूब गए हैं हम ,
मौके तो बहुत मिले निकलने के लहरों से
पर पता नहीं कैसे चूक गए हैं हम ।
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कुछ लोग बुरे वक्त मे साथ देते हैं ,
तो कुछ लोग बस अभिशाप देते हैं।
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हमें भी वक्त की तरह हमेशा चलते रहना होगा ,
वक्त अगर दर्द देगा तो भी सहना होगा ।
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तू चाहती रहे मुझे हर हाल मे ,
प्यार नजर आता है तेरे हर सवाल मे ,
तू छोड़कर मत जाना हमें इस हाल मे ।
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चाहे कितनी भी दूरियां बढ़ जाए ,
चाहे वक्त कितना भी सर पर चढ़ जाए
पर हम नहीं हारेंगे ।
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वक़्त ने भी क्या पलटी मारी जनाब,
दर्द मिल गया बेहिसाब ।
मोहब्बत उनसे हुई तो रोज मिलते गए ,
आया अच्छा वक्त ,
तो चाहत के फूल खिलते गए ।
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वक्त ने बदल दी,
तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा,
अब नहीं बची है हमारे पास
जीने की कोई आसा ।
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वक्त से दोस्ती करके बहुत पछताए हैं ,
अब दर्द के बादल दिल पर छाये हैं।
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लगा कर हमें आदत अपनी इस
मोहब्बत की ,
जिम्मेदार तुम ही हो बुरे वक्त मे
आई इस नौबत की ।
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कभी हाथों में उसका हाथ था,
जिंदगी में उसका प्यारा सा साथ था,
बुरा वक्त ऐसा आया कि
न हाथ बचा न साथ बचा ।
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दिल है तो दिल की बात करो ,
अगर वक्त है तो अपनों का साथ करो ।
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वक्त पड़ा तो हमसे अपने ही मुँह मोड़ गए,
जिनको हम जान से प्यार थे ,
आज वे ही हमें बीच राहों मे छोड़ गए ।
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खुदा भी झुक जाता है
वक्त पर साथ देने वालों के लिए,
खुदा उनको सदा सलामत रखे ,
यह दो वर्ड ऐसे इंसानों के लिए ।
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खुदा की भी एक अदालत होती है ,
जंहा बेईमानों की मौत से भी बदतर हालत होती है।
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वक्त एक दिन अच्छा आएगा
मुझे यकीन था ,
इसलिए खूब शराब पीकर रंगीन था।
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कुछ पाना है तो कुछ खोना होगा यह दस्तूर जिदंगी का ,
बीते हुए पल लौटकर नहीं आते
यही सबसे बड़ा कसूर है जिन्दगी का।
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कभी रूकता नहीं है वक्त का पहिया ,
वक्त अगर बदल गया तो फिर कोई
काम नहीं आएगा भइया।
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ये वक्त ही था जिसने मुझे
बदनाम किया है,
और मौत से भी बदतर मेरा
इसने अंजाम किया ।
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अगर मैं तेरे साथ होता हूं ,
तो वक्त को भूल जाता हूं ,
क्योंकि तब मैं तेरी यादों
मे घूल जाता हूं ।
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वक्त तो दर्द देने वाला गुजर गया ,
और जख्म धीरे धीरे भर गया ।
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वक्त से पहले हम गुजर गए ,
हमारे जाने के बाद पता नहीं
कैसे वे सुधर गए ।
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यूं ही मुसाफिरों की तरह आते जाते रहेंगे ,
हम तो वक्त हैं जनाब ,
यूं ही सबको तड़पाते रहेंगे ।
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बीते वक्त को याद कर यूँ अश्क ना बहाया कर,
प्यार भी काफी दर्द देता है
इसलिए हमें हद से ज्यादा न चहाया कर ।
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मिलेगी मंजिल अगर अच्छा वक्त होगा ,
मेहनत से मत घबराया कर ,
अगर जीतना है तो बाधाओं से पत्थर बन
टकराया कर ।
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ज़मीन पर उनका नाम लिखते और मिटाते हैं,
इस वक्त हाले दिल क्या बयां करें ,
एक दिन यूं ही सबकुछ छोड़ जाते हैं।
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