इस लेख के अंदर हम पवित्र आत्मा के बारे मे विस्तार से जानेंगे ।दोस्तों आपने सुना भी होगा कि इस दुनिया के अंदर दो प्रकार की आत्माएं होती हैं। एक पवित्र आत्मा और दूसरी भूत प्रेत । दोनों के अंदर जमीन आसमान का अंतर होता है।यह अंतर ठीक ऐसा ही होता हैं। जैसा कि अच्छे और बुरे इंसान के अंदर होता है। एक पवित्र आत्मा हमेशा अच्छा करने की सोचती है।लेकिन एक बुरी आत्मा हमेशा कुछ ना कुछ बुरा करने की सोचती है। यही मैन अंतर होता है पवित्र और बुरी आत्माओं के अंदर ।
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पवित्र आत्मा वास्तव मे क्या है?
What is the Holy Spirit really?
दोस्तों हिंदु धर्म के अनुसार इंसान की मौत के बाद उसकी आत्मा शरीर छ़ोड़ देती है। और उसके बाद आत्मा की उसके कर्म के अनुसार गति होती है। यदि किसी इंसान की मरने से पहले कोई इच्छा शेष रह जाती है। और वह अच्छा इंसान है तो वह एक अच्छी आत्मा या पितर बन जाता है। लेकिन बुरे लोग भूत प्रेत की योनी के अंदर चले जाते हैं। वैसे पितर भी आत्मा के रूप मे अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करते हैं। उनको मोक्ष नहीं मिलता है। उनका समय पूरा होने के बाद दुबारा जन्म लेते हैं।
क्या पवित्र आत्मा इंसानों की मदद करती हैं ?
Does the Holy Spirit help humans?
पवित्र आत्माएं इंसानों की मदद करती हैं। जिन इंसानों के पास यह आत्माएं होती हैं। उन पर बुरी ताकतों का प्रभाव नहीं पड़ता है। एक पवित्र आत्मा हर इंसान की मदद करती है। आपने भी देखा होगा कि हम लोग अपने पितरों को भोग लगाते हैं। और उसके बदले पितर हमारी मदद करते हैं। लेकिन प्रेत आत्माएं ऐसा नहीं करती हैं। काफी दिनों पहले मेरे एक नाना की मौत हो गई। और वह प्रेत बन गया इस वजह से उनका मन अपने आप बुरा करने की सोचने लगा । उसने खुद कहा कि वह बुरा करने से अपने आप को रोक नहीं सकता ।
हिंदु धर्म के अनुसार इंसानों की पवित्र आत्माएं कहां पर रहती हैं ?
According to Hindu religion, where do the holy souls of humans live?
हिंदु धर्म के अनुसार से धरती के सबसे पास मे पितर लोक है। वहां पर सारी पवित्र आत्माएं रहती हैं। और जब उनको धरती पर आने की आवश्यकता होती है तो धरती पर आ जाती हैं। और अपने प्रसाद वैगरह का भोग करके वापस चली जाती हैं।
पवित्र आत्माओं के अंदर भी संवेग होते हैं
There are also felling inside the holy spirits
गुरूड़ पुराण के अनुसार एक पवित्र आत्मा भी इंसानों के समान ही दुख सुख और भूख प्यास का अनुभव करती है। इस बात का एक सबूत भी मेरे पास है। हमारे घर के अंदर भी एक पवित्र आत्मा रहती है। एक बार उसने खुद हमे भूखे होने की बात कही थी ।
पवित्र आत्माओं को गुस्सा भी आता है
pure Spirit also gets angry
यदि पवित्र आत्माएं संतुष्ट नहीं हो पाती हैं। मतलब उनका अर्पण वैगरह ठीक ढंग से नहीं किया जाता है तो वे गुस्सा हो जाती हैं और इस स्थिति के अंदर निर्बलता का अनुभव करती हैं। और अपने प्रियजनों का अनिष्ट भी कर सकती हैं। लेकिन यदि वे प्रसन्न हैं तो अपने प्रियजनों का कल्याण करते हैं।
पितर लोक के अंदर कितने साल तक रहती हैं आत्माएं ?
How many years do souls live in
पितर लोक के अंदर आत्माएं 150 साल या 200 साल तक रहती हैं। उसके बाद उनका जैसा ही समय पूरा होता है। उस आत्मा की कोई अन्य गति हो जाती है।
श्राद्ध और पितर लोक के बारे मे खास बातें
Special things about Shraddha and Patra Lok
पवित्र आत्माएं पितर लोक के अंदर सूक्ष्म शरीर के अंदर रहती हैं। यहां पर एक दिन दिया जाने वाला श्राद्ध वहां पर प्रति दिन मिलता हैं। वहां का एक दिन धरती के एक साल के बराबर होता है।
कितने प्रकार की होती हैं पवित्र आत्माएं
Types of pure soul
दोस्तों पवित्र आत्माएं दो प्रकार की होती हैं। एक दिव्य पवित्र आत्माएं और दूसरी मनुष्य पवित्र आत्माएं
दिव्य पवित्र आत्माओं के अंदर वे आत्माएं आती हैं जो देवगण हैं। जैसे यमराज भी एक दिव्य आत्मा है। यह निर्णय करती हैं कि इंसान की आत्मा कि क्या गति होगी । जब कि मनुष्य पवित्र आत्मा के अंदर पितर आते हैं जो हमारे मरे हुए पूर्वज होते हैं।