जब भी हमारे दिमाग के अंदर बाजार का नाम आता है तो हमारे दिमाग के अंदर यह चित्र उभर कर आता है। कि शेयर बाजार एक ऐसी जगह होगी जहां पर कई सारी दुकाने होंगी । और लोग खरीद दारी करते होंगे । लेकिन शेयर बाजार आम बाजार से अलग होता है।
शेयर बाजार के अंदर ऐसा कुछ नहीं होता है। इसमे सारा काम कम्प्यूटर के माध्यम से होता है। शेयर खरीदने और बेचने वाले अपने ब्रोकर के माध्यम से शेयर को खरीदता और बेचता है।
शेयर बाजार के अंदर कई सारी कम्पनियां होती हैं और उनके शेयरों के भाव के अंदर उतार चढ़ाव होता रहता है। उसी आधार पर ही पैसा भी कमाते हैं।और कुछ लोगों को इसमे नुकसान भी होता है। लेकिन कमाने वाले अच्छा पैसा भी कमा लेते हैं। शेयर एक अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है हिस्सा । इस लेख के अंदर हम आपको शेयर बाजार क्या होता है ? और यह कैसे काम करता है ? इसकी पूरी जानकारी देने की कोशिश करेंगे ।
Table of Contents
What is the stock market?
शेयर बाजार क्या होता है ?
बाजार के अंदर हर कम्पनी का एक हिस्सा होता है। जिसको कम्पनी का शेयर कहा जाता है।इसको उदाहरण से समझते हैं मानलो एक कम्पनी ने बाजार के अंदर 100 लाख के शेयर जारी किये और और कोई व्यक्ति उस कम्पनी के 50 लाख शेयर खरीद लेता है। तो वह 50 प्रतिशत हिस्से का मालिक हो जाएगा । । शेयरों का मूल्य कम होता रहता है। पूरे शेयर बाजार पर नियत्रंण बनाए रखने का काम भारतिए करती है।
Why is not every company listed in the stock market?
हर कम्पनी शेयर बाजार मे लिस्टेड क्यों नहीं होती है ?
शेयर बाजार के अंदर किसी कम्पनी के लिस्टेड होने के लिए कई सारे कड़े नियमों का पालन करना होता है। कम्पनी का हिस्सा 25 करोड़ से उपर का होना चाहिए । कम्पनी के सारे रिकोर्ड होने चाहिए । कम्पनी की पूंजी 10 करोड़ से उपर होनी चाहिए ।
इसके अलावा कम्पनी की अपनी हर गतिविधि की जानकारी एक्सचेंज को देनी होती है। उस जानकारी मे कुछ जानकारी ऐसी होती है जो निवेशकों के हित से जुड़ी रहती है। उसका मूल्यांकन किया जाता है। यदि कोई कम्पनी नियमों का पालन नहीं करती है। तो उसको लिस्ट से हटाने का काम SEBI करती है।
What are the advantages that a company receives on being listed on a stock exchange
आपके दिमाग के अंदर भी यह आता होगा कि कम्पनी का stock exchange मे लिस्ट होने का क्या फायदा है ? और बिना फायदे का कोई काम नहीं होता है। आपके सोचने का तरीका सही है। stock exchange मे लिस्टेड होने का कम्पनी को ग्रेट फायदा मिलता है।
- इसमे कम्पनी जब कर्ज प्राप्त करती है तो उसको लाभ मिलता है।
- कम्पनी इस तरीके से अधिक धन जुटा सकती हैं।
- यह कम्पनी के प्रोफाइल को बढिया बनाते हैं।
- स्टॉक एक्सचेंज मे जुड़े होने पर बाजार के निर्माताओं और व्यापारियों को अधिक आकर्षित करती है।
- इसको कम्पनी के एक विज्ञापन के रूप मे देखा जाता है।
How many types of stock are there?शेयर कितने प्रकार के होते हैं ?
शेयर को मोस्ट रूप से 3 प्रकार के अंदर बांटा जा सकता है। आइए जानते हैं शेयर के वो तीन प्रकार
Common shares
यह शेयर जैसा की नाम से स्पष्ट है । इसको कोई भी खरीद सकता है। और इसको कभी भी बेच सकता है। आमतौर काफी छोटे निवेशक इस प्रकार के शेयर के अंदर पैसा लगाते हैं।
Bonus shares
यह भी एक खास प्रकार का शेयर होता है। यदि कोई कम्पनी अच्छा मुनाफा कमाती है। तो वह अपने कुछ निवेश कर्ताओं को कुछ लाभ देना चाहती है। यदि वह अपने निवेशकों को शेयर देती है तो उसको बोनस शेयर कहा जाता है।
preferred share
यह खास प्रकार का शेयर होता है। जिसको खरीदने का अधिकार कम्पनी कुछ खास लोगों को ही देती है। यह शेयर कम्पनी तब जारी करती है जब कम्पनी को कुछ पैसों की आवश्यकता होती है। इसकी मदद से कम्पनी पैसे जुटा पाती है।
How is the stock bought?शेयर कैसे खरीदा जाता है ?
दोस्तों यदि आप शेयर खरीदना चाहते हैं तो आप अपने स्मार्ट फोन का उपयोग कर सकते हैं। कई सारे ब्रोकर हैं। जैसे Angel Broking , Sharekhan’ की मदद से आप शेयर खरीद सकते हैं। इनको आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। उसके बाद इन पर डिमेंट अकाउंट बनाकर शेयर खरीद सकते हैं।
What is trading?
ट्रेडिंग क्या होता है ?
ट्रेडिंग शब्द का प्रयोग आमतौर पर स्टॉक मार्केट के अंदर सबसे ज्यादा होता है। इसका अर्थ होता है। व्यापार । और जब हम किन्हीं चीजों के भाव नीचे जाने पर खरीद लेते हैं और भाव उपर आने पर बेच देते हैं तो उसको ही ट्रेडिंग कहा जाता है। स्टॉक मार्केट के अंदर भी कुछ ऐसा ही होता है। जब शेयरों के भाव कम होते हैं तो इन्वेस्टर इनको खरीद लेते हैं और फिर जब शेयरों के भाव बढ़ जाते हैं तो उनको बेच देते हैं इसकी को treading कहा जाता है।
intra day treading
इसमे एक दिन के अंदर ही स्टॉक को खरीदना और बेचना होता है। इन्वेस्टर इसमे कुछ पैसे लगाकर कम भाव के अंदर शेयर खरीद लेता है। उसके बाद जब भाव बढ़ जाते हैं तो शेयर बेच देता है।
scalper treading
यह ट्रेडिंग बड़े निवेशकों के हित मे होती है। जब बड़े निवेशक बहुत सारा पैसा शेयर मार्केट के अंदर इन्वेस्ट कर देते हैं। उसके बाद जैसे ही भाव बढ़ जाते हैं तो तुरन्त ही अपने शेयरों को बेच देते हैं। इसमे फायदा तभी मिलता है। जब इन्वेस्ट की गई रकम बहुत अधिक हो ।
इस ट्रेडिंग को मिनटों के अंदर ही पूरा करना होता है।
swing treading
यह लम्बे समय तक चलती है। यह ट्रेडिंग लम्बे समय तक की होती है। निवेस्क पैसे निवेश करने के बाद सही भाव नहीं मिलने पर शेयर को स्टॉक कर लेता है। और उसके बाद महिने तक सही भाव का इंतजार करता है।