भारत के अंदर वैसे तो कई सारी बदनाम गलियां हैं। जहां पर देह का धंधा होता है। इन्हीं के अंदर आता है। इलाहाबाद रेड लाइट एरिया । यहां के बारे यह कहा जाता है कि इलाहाबाद रेड लाइट ऐरिया कोई डेढ सो साल पुराना है।उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में मीरगंज या मीरगंज एक रेड-लाइट क्षेत्र है। यहां पर कई राज्यों से महिलाएं तस्करी करके लाई जाती हैं। इसके अलावा स्थानिए महिलाएं भी इसके अंदर काम करती हैं।पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और पड़ोसी देशों नेपाल और बांग्लादेश आदि राज्यों से महिलाओं की तस्करी होती है।
इलाहबाद रेडलाइट ऐरिया पुराने जमाने से ही है। पहले यहां पर महिलाएं गाने बजाने का काम करती थी। डांस वैगरह होता था। तब राजा महाराजाओं का जमाना था। यह राजा महाराजाओं और पैसे वाले लोग इन महिलाओं को पैसा दिया करते थे ।लेकिन समय के साथ राजा महाराजा तो रहे नहीं तो उनके द्वारा दिया जाने वाला पैसा भी खत्म हो गया ।और इलाहाबाद रेड लाइट एरिया के अंदर रहने वाली महिलाएं अपनी आजीविका कमाने के लिए इस धंधे के अंदर उतर गई। और उसके बाद तो यह इलाहाबाद रेड लाइअ एरिया के नाम से फेमस हो गया ।
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allahabad red light area address
allahabad रेड लाइट एरिया जीरो रोड़ बस स्टैंड से लगभग आधा किलोमिटर दूरी पर है। जब आप जीरो रोड़ बस स्टैंड पर उतरते हैं तो वहां पर पूछताछ करेंगे तो आपको लोग आसानी से allahabad red light area address के बारे मे बतादेंगे ।
इलाहाबाद रेड लाइट एरिया को shift करने के आदेश
मीरगंज रेडलाइट ऐरिया इलाहाबाद शहर के बीचो बीच स्थिति है। और यहां पर काफी बड़ा मार्केट है।यहां पर व्यापारी वर्ग सभ्य समाज की महिलाएं और छात्र आते हैं। रेडलाइट एरिया होने की वजह से इन सबको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। काफी बड़ा बाजार होने की वजह से यह आम लोगों की समस्या बन चुका है। जाहिर सी बात है। रेडलाइट एरिया होने की वजह से लोग और महिलाओं को शर्म महसूस होती है। और इस जगह से गुजरने वाली महिलाओं को भी लोग गलत नजर से देखते हैं। जबकि सारी महिलाएं एक जैसी नहीं होती है।
सुनील कुमार वर्मा नाम एक व्यक्ति ने इस संबध मे कोर्ट के अंदर एक याचिका दायर की थी। सुनील ने कहा था कि मीरगंज रेडलाइट एरिया परेशानी का सबब बन चुका है। अब यहां पर छोटे स्कूल के बच्चे भी पढ़ने आते हैं। उनके मन पर भी इन सबका गलत प्रभाव पड़ता है। इस संबंध मे सपा नेताओं ने भी मीरगंज रेडलाइट एरिया को अवैध घोषित किया था।मार्च सन 2016 के अंदर कोर्ट ने इलाहाबाद के डीएसपी को आदेश दिया कि मीरगंज रेडलाइट एरिया को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए ।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यहां पर कई बार नाबालिग लड़कियों के लाई जाने की खबर भी मिलती रही है। इसके अलावा पुलिस ने भी यहां पर कई बार रेड भी डाली है। सरकार के द्वारा दायर किये गए हलफनामे मे कहा गया है कि मीरगंज रेडलाइट एरिया कोई पंजिक्रत वैश्यालय नहीं है। सो इसको हटाया जाना चाहिए।
सुनील कुमार वर्मा ने कैसे हटाया मीरगंज रेडलाइट ऐरिया
https://www.bhaskar.com से हुई सनील कुमार की खास बातचीत के अंदर सुनील कुमार वर्मा को मीरगंज रेडलाइट एरिया को हटाने के लिए बहुत कुछ सहना पड़ा । यकीन मानिए खुद पुलिस भी इसके अंदर मिली हुई थी। और यह भी संभव है कि पुलिस को मीरगंज से तय शुदा रकम भी मिलती होगी । तभी तो कभी बहुत छोटा मीरगंज रेडलाइट एरिया धीरे धीरे एक बड़े रेडलाइट एरिया के अंदर बदल गया । सुनील ने बताया कि मीरगंज रेडलाइट एरिया को हटाने के लिए उन्हें बहुत कुछ सहा है। जब सुनील ने इस मुहिम को छेड़ा तो किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया । यहां तक की पत्नी भी उनको छोड़करमायके चली गई । और यार दोस्त भी उनका मजाक उड़ाते थे ।उनकी पत्नी ने तो यहां तक कह दिया कि वह अब कभी वापस नहीं आएगी । लेकिन उनके भाई ने उनका पूरा साथ दिया। और रही पुलिस की बात तो पुलिस कभी किसी का साथ देती भी नहीं है। और उससे उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।
नेहरू जी के जन्म दिन से शूरू किया आंदोलन
सुनील बताते हैं कि 14 नवम्बर को मीरगंज रेड लाइट एरिया को बंद करने का काम शूरू हुआ ।इसके लिए वे एक साल तक धरने पर बैठे रहे और मैंने प्रण लिया की इस इलाके को रेड लाइट एरिया से मुक्त करके ही रहूंगा ।उसके बाद हमने हस्ताक्षर अभियान चलाया और लोगों को इस अंदोलन से जोड़ा शूरू किया । जैसे जैसे समय निकला लोग इससे जुड़ते चले गए और उसके बाद ही कई राजनितिक पार्टियां भी इसके समर्थन के अंदर आ गई और कई समाजसेवी ने भी इसका समर्थन किया ।
हर्षिता माथुर ने सुनील को डाल दिया था जेल मे
पुलिस क्या करती है ? यह तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। पुलिस कितनी सक्रिय है यह कहानी आपको खुद सनील बता रहे हैं। यहां तक की पुलिस भी समाज सेवा के अंदर टांग अड़ाती है। जब सुनील एसडीएम हर्षिता माथुर को ज्ञापन देने के लिए गये तो सबूत के तौर उन्हें एक फोटो भी लेली थी। जिससे लेडी एसडीएम काफी भड़क गई और सुनील को जेल के अंदर डाल दिया । वहां पर उनकी खूब पीटाई हुई और उसके बाद धारा 151 लगाकर चालान कर दिया । उसके बाद उनके पिता ने उनकी जमानत ली और वे जेल से बाहर आ गए ।
पुलिस ने दिया 80 हजार महिने का ऑफर
यह तो सबको पहले से ही पता था कि पुलिस मीरगंज रेडलाइट एरिया वाले लोगों के साथ मिली हुई है। जब सुनील ने आंदोलन तेज कर दिया तो । पुलिसने पहले तो सुनील को बहुत समझाया और आंदोलन को वापस लेने की मांग की किंतु बात नहीं बनती देख पुलिस ने पहले तो 20 हजार रूपये महिना देने का कहा । उसके बाद 80 हजार रूपये देने की पेशकश की । किंतु सुनील नहीं माने और आंदोलन को वापस नहीं लिया ।
इस आंदोलन की वजह से मुझे जान से मारने तक की धमकी भी मिलती रही । लेकिन मैने हार नहीं मानी और कोर्ट के अंदर याचिका लगा दी 2 साल की सुनवाई होने के बाद 2 मई 2016 को मीरगंज रेडलाइट एरिया को पूरी तरह से सील कर दिया गया ।
अल्लाहाबाद नैनी रेड लाइट एरिया
बताया जाता है कि इलाहाबाद मीरगंज रेडलाइट एरिया बंद होने के बाद सारे वर्कर नैनी के अंदर चले गए हैं। लेकिन सही मायने मे यह सच नहीं है। स्थानिए लोगों की बात चीत के अनुसार वेश्याओं के पुनर्वास के लिए प्रशासन्न ने कोई भी कदम नहीं उठाए हैं। इस वजह से एक तरह से इलाहबाद रेडलाइट एरिया बंद हो चुका है।
मीरगंज रेड लाइट एरिया इलाहाबाद का अनुभव
ऑनलाइन एक वेबसाइट पर एक यूजर ने मीरगंज रेड लाइट एरिया इलाहाबाद का अनुभव बताया था। इस लेख के अंदर हम उस अनुभव का उल्लेख करना भी उचित समझते हैं।यह सितंबर 2012 था मैं एक परिवीक्षाधीन अधिकारी के रूप में एक बैंक में काम कर रहा था । और एसएसबी साक्षात्कार के लिए इलाहाबाद गया हुआ था। 5 दिन के परीक्षण के बाद भी इस बार मे साक्षात्कार को पास करने मे असफल रहा था। मैं वापस आने के लिए रेल्वे स्टेशन पर उदास बैठा था। इसके अलावा मेरे साथ मेरे कुछ साथी और भी थे जोकि इस साक्षात्कार को पास नहीं कर सके थे ।ITBP मे काम करने वाले मेरे एक साथी ने कहा कि चलो मीरगंज चलते हैं। वहां पर हम सब जब बंगाली महिलाओं के गर्म शरीर को देखेंगे तो खुश हो जाएंगे । हालांकि पीछले बेच वाले लोग भी वहां पर गए थे । लेकिन मैं बच गया था।
लेकिन अबकि बार मैं भी इन लोगों के साथ हो लिया । हम लोगों ने एक रिक्सा लिया और 40 रूपये देकर मीरगंज पहुंच गए । वहां पर हम सब लोग एक आभूषणों की दुकान पर रूके वहां पर एक 20 साल की लड़की जो काफी खूबसूरत थी खड़ी थी। मेरे एक साथी को यह पता चल गया कि वह धंधे वाली है। बस उसने एक उंगली उठाई जिसका मतलब 100 रूपये था। लेकिन लड़की ने 2 उंगली की जिसका मतलब 200 रूपये था। वह लड़की मुझे काफी पसंद आ गई तो मैंने मेरे साथी से कहा कि उस लड़की के साथ मैं जाना चाहता हूं । तब मेरा साथी सहमत हो गया ।
उसके बाद वह मुझे एक पुराने मकान के अंदर ले गई। उस मकान को दो हिस्सों के अंदर विभाजित किया गया था । उस मकान के अंदर एक पुरानी खाट पड़ी थी। लड़की पहले से ही तैयार थी। बस हम दोनों ने काम किया और मैं उससे बहुत खुश हो गया और उसे 100 रूपये अतिरिक्त दिये । जब मैं बाहर आया तो मेरे दोस्त पहले से ही वहीं खड़े थे । जब उन्होंने मुझसे पूछा कि इतनी देर कैसे लगा दी तो उनको देर का कारण समझाया । कुल मिलाकर मेरा एक्सपिरियंस काफी मजेदार रहा ।
उसके बाद हम फिर से वापस रेल्वे स्टेशन पर आ गए । तब मुझे होश आया कि मैंने एक लड़की को किस तरह से किया था। मैंने बार बार अपने मुंह के अंदर कुल्ला किया था। कुल मिलाकर सब ठीक ही रहा था।2013 में मुझे फिर से एसएसबी के लिए कॉल आया । इस बार भी मैं मीरगंज इलाके के अंदर गया था। इस बार भी काम किया । लेकिन इस बार का एक्सपिरियंस कोई मजेदार नहीं रहा । मैं जिस लड़की के साथ इस बार था। वह लड़की वास्तव मे मेरे साथ कोई सहयोग नहीं कर रही थी। बल्कि जल्दी से जल्दी सब कुछ कर लेने को कह रही इस वजह से मुझे ज्यादा अच्छा नहीं लगा ।इसके बाद मैंने खुद से वादा किया कि अब जिंदगी के अंदर दुबारा कभी भी ऐसी जगह पर नहीं जाउंगा । एक तो यहां पर आपको किसी भी तरह की बिमारी होने का खतरा बना रहता है। और दूसरा पुलिस की रेड कभी भी पड़ सकती है। और पुलिस की रेड पड़ने पर आपको बहुत अधिक मुश्बितों का सामना करना पड़ेगा ।इसके अलावा यदि पुलिस ने आपके घर वालों को फोन कर दिया तो आपकी मुश्बितें और अधिक बढ़ जाएंगी ।
अल्लाहाबाद नैनी रेड लाइट एरिया मे जो लोग जाना चाहते हैं
जो लोग नैनी रेडलाइट एरिया के अंदर जाना चाहते हैं उनको कुछ सावधानी भी बरतनी चाहिए ।
- वहां पर ज्यादा नगदी लेकर ना जाएं
- अधिकतम 500 रूपसे से ज्यादा जेब मे ना रखें
- मालिक महिला से दूर रहें तो बेहतर होगा
- कम से कम 3 लोगों के साथ ही जाएं
- वहां की गलियों का पूरा चक्कर लगाएं।
- 20 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों को ही चुने
मीरगंज के आस पास चलने वाले रेड लाइट के बारे मे अब कई यूजर यह भी लिखते हैं कि यहां पर हुए अंदोलन की वजह से अब एक तरह से यहां पर सब कुछ बंद सा होचुका है। और इसके अलावा बार बार पड़ने वाली रेड की वजह से यहां कोई भी कस्टमर आना पसंद नहीं करता है। कुल मिलाकर यह काम करने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं रह गई है।
मीरगंज ईलाके की तस्वीर बदलने मे प्रशासन ना काम
दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि कोई भी लड़की देह का धंधा नहीं करना चाहती है। लेकिन उसकी मजबूरी ही उसे यह सब करवाती है। यदि किसी लड़की के पास अच्छे पैसे हैं अच्छा कमाती है तो वह इस दलदल के अंदर फंसेगी भी नहीं । अक्टूबर 2017 को आई एक न्यूज के अनुसार इस क्षेत्र की तस्वीर को बदलने मे अभी थोड़ा वक्त लगेगा । पुलिस भी अब तो तेजी से कार्यवाही कर रही है। और जब भी कोई रैकेट की सूचना मिलती है। पुलिस छापा मारकर पकड़कर ले जाती है ।
मीरगंज रेड लाइट एरिया इलाहाबाद मे सरीफ लोगों का रहना मुश्किल
आपको बतादें की जहां पर यह सब धंधा चलता है। वहां पर आम इंसानों का रहना कठिन हो जाता है। सरीफ लोग यहां पर अपने परिवार के साथ काफी मुश्किल के अंदर रह रहे हैं। क्योंकि मीरगंज ईलाके अंदर दिन पर गाली गलौच होती रहती है। और शाम होते ही यहां पर मनचलों का एकत्रित होना शूरू हो जाता है। और यदि एक सभ्य महिला घर से निकलती है तो लोग उसको गलत नजरों से देखते हैं। जो लोग यहां पर परिवार के साथ रहते हैं। वे अपने घर के आगे फैमेली क्वाटर लगाकर रखते हैं ताकि कम से कम कोई उन्हें परेशान तो ना करे । अब धीरे धीरे लोग यहां से अलग जगह पर अपना ठीकाना तलास रहे हैं। यहां पर दुकान चलाने वाले लोग कहते हैं कि रेड लाइट एरिया के आस पास सरीफ लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। बहुत से लोग तो पहले ही घर छोड़कर जा चुके हैं। और कई लोग नए घर की तलास मे जुटे हैं।
इसके अलावा लोगों का यह भी कहना है कि उनको पुलिस भी परेशान करती है। इस वजह से भी उनको यहां पर रहना उचित नहीं लगता है।