आज कल अधिकतर लोग अपनी बाइक और कार के अंदर ट्यूबलेस टायर का प्रयोग करना पसंद करते हैं। इन टायरों की सबसे बड़ी खास बात तो यह होती है कि इसके पंचक्र होने का खतरा कम होता है। और यह जल्दी खराब भी नहीं होते हैं। ट्यूबलेस टायर के अंदर टयूब और टायर दोनों एक साथ ही जुड़े होते हैं। उनको अलग नहीं किया जा सकता है। जबकि साधारण टायर के अंदर टयूब को अलग से डाला जाता है। यही इन दोनों टायरों के अंदर सबसे बड़ा अंतर है। भले ही ट्यूबलेस टायर अच्छे हैं लेकिन अभी भी अधिकतर लोग ट्यूबलेस टायर का प्रयोग नहीं करते हैं। और बाइक कम्पनियां भी ट्यूबलेस टायर बाइक के साथ इंस्टॉल करके कम ही देती हैं। इसकी वजह यह भी हो सकती है कि ट्यूबलेस टायर का महंगा होना।
इस लेख के अंदर हम विस्तार से ट्यूबलेस टायर के फायदे और ट्यूबलेस टायर के नुकसान के बारे मे विस्तार से चर्चा करेंगे । यह लेख आपको यह निर्णय लेने मे मदद करेगा कि आपकी बाइक के अंदर ट्यूबलेस टायर अच्छे रहेंगे या फिर साधारण टायर ।
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ट्यूबलेस टायर का संक्षिप्त इतिहास
ट्यूबलेस टायर के पेटेंट के लिए कई सारे आवेदन किये गए थे ।किलेन टायर ने 1928 में पेटेंट के लिए आवेदन किया था।गुडइयर टायर की सहायक कंपनी विंगफुट कॉर्प को 1944 में दक्षिण अफ्रीका में पेटेंट दिया गया था। हालांकि तकनीकी समस्याओं के चलते उस समय इसका उत्पादन सीमित मात्रा के अंदर था। फ्रैंक हर्जेघ ने 1946 में पेटेंट के लिए आवेदन किया और अंततः संयुक्त राज्य अमेरिका में 1952 के अंदर फ्रैंक हर्जेघ को इसका पेटेंट मिल गया और सन 1995 के अंदर टयूब लैस टायर गाडियों के अंदर यूज होने लगे थे।
एन 2006, शिमैनो और हचिंसन ने सड़क साइकिल के लिए एक ट्यूबलेस सिस्टम की शुरुआत की थी।
ट्यूबलेस टायर के फायदे
ट्यूबलेस टायर के कई सारे फायदे हैं। जिनकी वजह से आजकल ट्यूबलेस टायरों को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। आमतौर पर अब जो कार और बाइक के नए मोडल आ रहे हैं। उनके अंदर कम्पनी भी ट्यूबलेस टायर का प्रयोग कर रही है। और इसके अलावा कस्टमर भी अब ट्यूबलेस टायर को ज्यादा पसंद करने करने लगे हैं।
Tubeless tyre के लाभ लिक्विड सीलेंट
लिक्विड सीलेंट का भी काफी बड़ा फायदा है। कार और बाइक के ट्यूबलेस टायर के अंदर लिक्विड सीलेंट भरा जाता है। इस वजह से जब कोई कांटा या कील ट्यूबलेस टायर के अंदर बैठ भी जाता है तो लिक्विड सीलेंट की मदद से एयर के संपर्क मे आकर वह छेद अपने आप ही ब्लॉक हो जाता है। और यदि आप लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा है। जबकि बिना टयूब लेस टायर के अंदर ऐसा नहीं होता है। यदि आपकी गाड़ी का टायर पंचर हो गया तो आपको पंचर निकलवानी ही पड़ेगी ।
Tubeless tyre के फायदे कोई घर्षण नहीं
आमतौर पर जब हम उच्च गति पर बाइक या कार को ड्राइव करते हैं तो टयूब टाइप टायर के अंदर टायर और टयूब के बीच घर्षण बढ़ जाता है। जिससे अंदर का तापमान बढ़ता है। और जिससे टयूब के फटने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। ट्यूबलेस टायर के अंदर ऐसा नहीं होता है। और आप यदि उच्च गति पर चल रहे हैं तो भी टायर फट नहीं सकता । क्योंकि उसके अंदर तापमान का नियंत्रण रहता है। यह भी ट्यूबलेस टायर का एक बड़ा फायदा है।
बेहतर दक्षता
आमतौर पर जब हम साधारण टायर का प्रयोग करते हैं तो उच्च गति पर हवा का दबाव हर जगह पर अलग अलग हो सकता है। ऐसी स्थिति के अंदर गाड़ी डगमगा सकती है। लेकिन ट्यूबलेस टायर के अंदर हवा का दबाव हर जगह पर समान होता है। इस वजह से उच्च गति पर गाड़ी बेहतर दक्षता रखती है।
बढ़िया fuel efficiency
आमतौर पर साधारण टायर और टयूब काफी वजनदार होते हैं। इसकी वजह से गाड़ी पर अनावश्यक लोड़ बढ़ता है। जिसका परिणाम यह होता है कि fuel efficiency कम हो जाती है। किंतु Tubeless tyres वजन मे हल्के होते हैं। जिससे गाड़ी के माइलेज पर असर पड़ता है। और बेहतर माइलेज मिलता है।
Tubeless tyre के फायदे टयूब रिलेटेड समस्याओं से छूटकारा
आम टायर के अंदर टयूब डाली जाती है। जिसकी कई सारी समस्याएं भी हो सकती हैं। जैसे टयूब कट जाती है तो टयूब को चेंज करना पड़ता है। यदि टायर के अंदर सही से टयूब नहीं डाली जाती है तो टयूब फट सकती है। और बहुत बार टयूब के अंदर लीकेज होने लगता है। जिसके परिणाम स्वरूप आपको नई टयूब डलवानी पड़ती है।Tubeless tyres के अंदर यह समस्या नहीं आती है।
Tubeless tyre के लाभ अधिक विश्वसनियता
आमतौर पर विश्वसनियता की बात करें तो इस मामले मे Tubeless tyres सबसे आगे है। आप यदि कहीं पर जा रहे हैं और आपकी कार बाइक के पंचर होने के चांस टयूब टाइप टायर के अंदर ज्यादा होते हैं। जबकि Tubeless tyres के पंचर होने के चांस कम होते हैं। इसके अलाव यदि यह पंचर हो भी जाता है तो आपकी कार या बाइक तुरन्त ही जवाब नहीं दे पाती है। तब तक आप आसानी से उसे पंचर की दुकान तक लेकर जा सकते हैं।
पंचर निकालने मे आसानी
यदि आप आम टायर का प्रयोग करते हैं तो पंचर निकालने मे काफी समस्याएं आती हैं। काफी झंझट भी होता है। पूरा टायर खोलना पड़ता है। और उसके बाद फिर उसे वापस जड़ना होता है। जिसमे आपके अधिक पैसे खर्च होते हैं। जबकि Tubeless tyres के अंदर आपको इस झंझट से मुक्ति मिल जाती है। आप बिना टायर खोले ही इसमे पंचर निकाल सकते हैं।
पंचर कोस्ट कम हो जाती है
टयूब टाइप टायर के अंदर टयूब होती है। जो एक Tubeless tyres की तुलना मे अधिक पंचर होती है। और आमतौर पर एक पंचर के हमारे यहां पर कम से कम 60 रूपये लगते हैं। यदि टयूब टायर 4 बार पंचर हो जाती है तो 200 रूपये खर्च हो जाते हैं। और इतने पैसे लगने के बाद उस टयूब की विश्वसनियता कम हो जाती है। उसका कोई भरोशा नहीं होता है। कोई भी पंचर कभी भी लीकेज हो सकती है।
दूर्घटना की संभावना कम
आम टायर के अंदर जब चलती गाड़ी के अंदर टायर फट जाता है तो गाड़ी या बाइक पलट सकती है। और एक बड़ी दूर्घटना हो सकती है। लेकिन Tubeless tyres के अंदर ऐसा नहीं होता है। इसमे टयूब फटने जैसा कुछ नहीं होता है। Tubeless tyres के अंदर कोई लीकेज हो भी जाता है तो हवा एकदम से नहीं निकल पाती है। जिसके परिणाम स्वरूप दूर्घटना होने की संभावना नहीं के बराबर होती है। पीछले दिनों एक इनोवा कार जब तेजी से दौड़ रही थी। तो उसकी टयूब फट गई और वह पल्ट गई । उसके अंदर बैठे 7 मे से 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 2 घम्भीर रूप से घायल हो गए । यदि उसी कार के अंदर Tubeless tyres होता तो 5 लोगों की जिंदगी बच सकती थी।
Log life
Tubeless tyres की सबसे बड़ी खास बात यह भी होती है कि यह लंबे समय तक चलता है। यदि आप चाहते हैं कि आपकी बाइक या कार का टायर लंबे समय तक चले तो आप Tubeless tyres का प्रयोग कर सकते हैं। यह जल्दी से खराब नहीं होता है। यह भी Tubeless tyres का फायदा है।
Tubeless tyres मे टयूब लगाना
Tubeless tyres के अंदर आप अलग से एक टयूब भी लगा सकते हैं। हालांकि यह कोई सूटेबल नहीं होता है। लेकिन जब आपको काम चलाना हो तो यह भी एक जुगाड़ है। वैसे जब टायर कट जाता है तो काम चलाने के लिए ऐसा कर सकते हैं। लेकिन आम टायर के कट जाने पर आपको टायर तुरन्त बदलना पड़ता है।
ट्यूबलेस टायर के नुकसान
जैसा की आपको पता होगा जिस चीज के फायदे होते हैं। उसके नुकसान भी होते हैं। तो इसी तरह से ट्यूबलेस टायर के नुकसान भी हैं। तो आइए जानते हैं।ट्यूबलेस टायर यूज करने के क्या क्या नुकसान होते हैं ?
Tubeless tyre के नुकसान इसे फिट करना आसान नहीं है
आम टायर को फिट करना जितना आसान है। टयूबलैस टायर को फिट करना काफी मुश्किल है। इसको हर कोई फिट नहीं कर सकता है। इसको फिट करने के लिए एक्सपर्ट की आवश्यकता होती है। और इसके एक्सपर्ट दूर दराज के ईलाके मे नहीं मिलते हैं जो ट्यूबलेस टायर के नुकसान बड़ा नुकसान है।
हर जगह पंचर निकालने की सुविधा नहीं
यदि आप अपनी बाइक या कार के अंदर Tubeless tyre का प्रयोग करते हैं और किसी वजह से यह पंचर हो जाता है तो हर जगह पर इसकी पंचर निकालने की सुविधा नहीं मिलती है। जो इसका बहुत बड़ा नुकसान है। शायद यह चीज आपको परेशान कर सकती है।
Tubeless tyre के नुकसान अधिक महंगा
Tubeless tyre का यह भी बड़ा नुकसान है। यदि इसको आम टायर से तुलना करें तो यह ज्यादा महंगा आता है। हालांकि इसमे आपको चिंता करने की कोई आवश्कता नहीं है। इसकी बहुत सी चीजें आपकी कीमत को आसानी से रिकवर कर देते हैं।
Conclusion
यदि हम Tubeless tyre के फायदे और नुकसान पर नजर डालें तो Tubeless tyre के फायदे अच्छे हैं जबकि कुछ ही नुकसान हैं। यदि पंचर की समस्या है तो आप पंचर का सामान अपने साथ रख सकते हैं। और कोस्ट बस आपको एक बार देनी पड़ेगी । उसके बाद रोज रोज के पंचर के झंझट से भी राहत मिलेगी । इसके अलावा बार बार आपको टायर खोलने की कोई आवश्यकता नहीं होगी । लेख के अंत मे हम तो आपको यही एडवाइज देना चाहेंगे कि आप जब भी अपनी कार या बाइक के अंदर टायर डलवाएं तो Tubeless tyre ही डलवाएं। Tubeless tyre के फायदे और नुकसान लेख आपको कैसा लगा
वर्तमान मे यदि आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि बहुत सारी बाइक इस तरह की आ चुकी हैं। जिनका टायर टयूबलेश होता है। कार के अंदर भी इस तरह के टायर का डिजाइन आ चुका है। इसका जो सबसे बड़ा फायदा जोकि मुझे लगा है , वह यह है , कि आप बिना हवा के भी इसको चला सकते हैं। इसके अंदर टयूब के कटने का खतरा काफी कम होता है। एक तरह से देखा जाए , तो यह आपके खर्चे को बचाने का काम करता है।बाकि आपको इसके क्या क्या नुकसान नजर आए । इसके बारे मे आप हमें बता सकते हैं।
सुंदर अशी माहिती दिली आहे..मला खुपचं छान वाटली..
Very good