दोस्तों सेंसर बोर्ड का नाम तो आपने सुना ही होगा । जब किसी फिल्म पर विवाद होता है तो सबसे पहले सेंसर बोर्ड का नाम सामने आता है। बहुत से लोग यह जानते भी हैं कि सेंसर बोर्ड क्या है ? लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनको नहीं पता कि सेंसर बोर्ड क्या है ? दोस्तों सेंसर बोर्ड को यह अधिकार है कि वह फिल्म पर प्रतिबंध लगवा सकता है। और वह फिल्म के अंदर से कुछ सीन को हटा सकता है। इसके अलावा वह फिल्म के अंदर कई बदलाव भी कर सकता है। फिल्म सेंसर बोर्ड की स्थापना सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत की गई थी। इससे पहले भारत के अंदर सेंसर बोर्ड नामक एक संस्था कार्य करती थी।
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फिल्म सेंसर बोर्ड क्या है?
Central Board of Film Certification जिसको (CBFC) भी कहा जाता है। यह भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।इसका काम है नई फिल्मों और टीवी पर दिखाई जाने वाले धारावाहिकों की समिक्षा करना । इसके प्रमाण पत्र के बाद ही उसे सर्वाजनिक रूप से दिखाया जा सकता है।यहां तक की सेंसर बोर्ड की अनुमती के बिना किसी विज्ञापन को भी टीवी पर नहीं दिखाया जा सकता है। यह जितने भी विज्ञापन आप टीवी पर देखते हैं वे सेंसर बोर्ड की अनुमती से ही दिखाए जाते हैं।
राजा हरिश्चंद्र जब सन 1913 के अंदर पहली फिल्म बनी थी तो भारतीय सिनेमाटोग्राफ अधिनियम पारित किया गया था और जो 1920 में लागू हुआ।सेंसर बोर्ड पहले मद्रास के पुलिस बल के अधीन था । लेकिन पहले क्षेत्रिय सेंसर बोर्ड स्वतंत्र थे । लेकिन बाद मे 1927 मे क्षेत्रिय सेंसर बोर्ड की स्वायतता को समाप्त कर1952 मे केंद्रिय फिल्म सेंसर बोर्ड की स्थापना की थी।
फिल्म सेंसर बोर्ड के प्रमाण पत्र
भारत का फिल्म सेंसर बोर्ड 4 प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करता है। उसके हिसाब से ही फिल्म का प्रदर्शन किया जाता है। पहले सेंसर बोर्ड के अंदर केवल दो ही categories थी । लेकिन सन 1983 के अंदर दो categories और जोड़ी गई हैं।
U (अप्रतिबंधित सार्वजनिक प्रदर्शनी)
यह प्रमाण पत्र उन फिल्मों के लिए केंद्रिय फिल्म सेंसर बोर्ड जारी करता है। जो सब लोग देख सकते हैं। जिनमे बच्चे भी शामिल होते हैं। मतलब एज का कोई बंधन नहीं होता है। यह रोमांचक और विज्ञान फेंटेसी से युक्त फिल्मे हो सकती हैं। इसके अलावा इनके अंदर कुछहिंसा भी होती है। लेकिन हिंसा लंबे समय तक नहीं चलनी चाहिए । व इनके अंदर यौन सीन भी होते हैं लेकिन वे काफी नोर्मल होते हैं।
U / A (12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए नहीं }
U / A फिल्म 12 वर्ष के बच्चों के लिए नहीं होती है। यदि बच्चे इनको देखना चाहते हैं तो उनके माता पिता के मार्गदर्शन के अंदर इनको देखा जाना चाहिए ।इन फिल्मों के अंदर लंबे हिंसा वाले सीन भी होते हैं और आम यौन सीन भी हो सकते हैं। इसके अलावा गंदी भाषा का भी प्रयोग किया जाता है।
A (अवयस्कों के लिए प्रतिबंधित)
ए प्रमाण पत्र सेंसर बोर्ड उन फिल्मों के लिए जारी करता है ।जोकि एक अवयस्क के लिए प्रतिबंधित होती हैं। इन फिल्मों के अंदर भारी हिंसी दिखाई जाती है। गलत शब्दों का प्रयोग किया जाता है। बहुत सारे गलत सीन भी होते हैं। हालांकि महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
s[कुछ विशेष व्यक्तियों के लिए प्रतिबंधित ]
एस प्रमाण पत्र फिल्म सेंसर बोर्ड कम ही जारी करता है।यह फिल्मे डॉक्टर या किसी वैज्ञानिक के लिए ही होती हैं।
फिल्म सेंसर बोर्ड से जुड़ी कुछ खास बातें
2004 से ही सेंसर बोर्ड के नियमों को अधिक सख्ती से लागू किया गया और ऐसे लोगों को गिरफतार भी किया गया जोकि सेंसर बोर्ड के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे ।
- किसी भी अपराध को उकसाने के द्रश्यों को चित्रित नहीं किया जा सकता है।
- बच्चों को बाल शोषण के किसी भी रूप में नहीं दिखाया जा सकता ।
- शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों का दुरुपयोग या उपहास दिखाना
- जानवरों के साथ क्रूरता, या दुर्व्यवहार दिखाना भी सही नहीं माना जाता है।
- प्रोत्साहित करने के लिए ग्लैमराइज़ करने वाले दृश्यों को नहीं दिखाया जा सकता है।
- तम्बाकू या धूम्रपान की खपत को प्रोत्साहित करने वाले द्रश्यों को नहीं दिखाया जा सकता ।
- महिलाओं को बदनाम और अपमानित करने वाले द्रश्यों को प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
- बलात्कार रेप आदि को उकसाने वाले द्रश्यों को नहीं दिखा सकते हैं।
- यौन विकृतियों को दिखाने वाले सीन्स को नहीं दिखाया जा सकेगा । यदि ऐसे अधिक सीन हैं तो उनको न्यून्तम कर दिया जाएगा ।
- राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले सीन्स को रोक देना ।
फिल्म सेंसर बोर्ड की स्थापना
फिल्म सेंसर बोर्ड के अंदर 25 सदस्य होते हैं। और एक अध्यक्ष होता है। जिसको सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता है। बोर्ड का मुख्यालय मुंबई में है। इसमें प्रत्येक में नौ क्षेत्रीय कार्यालय हैं
।
- वेंद्रम
- चेन्नई
- हैदराबाद
- बैंगलोर
- मुंबई
- कटक
- गुवाहाटी
- कोलकाता
- नई दिल्ली
सेंसर बोर्ड मे किसी भी फिल्म को पास या फैल करने के लिए पैनल होते हैं। आमतौर पर इनकी संख्या 3 है। सबसे पहला पैनल जिसको जांच समीति भी कहा जाता है। इसमे अध्यक्ष शामिल नहीं होता है। जो जांच समीति की रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंपता है। यदि पहला पैनल फिल्म को पास नहीं करता है तो दूसरे पैनल के पास फिल्म को भेजा जाता है। इसमे अध्यक्ष भी शामिल होता है।यदि फिल्म निर्माता इसके निर्णय से खुश नहीं है तो वह फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण से अपील कर सकता है। इसके अंदर सुप्रिम कोर्ट के रटायर्ड जज शामिल होते हैं। यदि फिल्म निर्मात तीसरे पैनल से भी संतुष्ट नहीं है तो वह हाई कोर्ट के अंदर भी अपील कर सकता है।
केंद्रिय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष की लिस्ट
No. | Name | From | To |
1 | sirvedant ,vedant singh, C S Aggarwal | 15 January 1951 | 14 June 1954 |
2 | B D Mirchandani | 15 June 1954 | 9 June 1955 |
3 | M D Bhatt | 10 June 1955 | 21 November 1959 |
4 | D L Kothari | 22 November 1959 | 24 March 1960 |
5 | B D Mirchandani | 25 March 1960 | 1 November 1960 |
6 | D L Kothari | 2 November 1960 | 22 April 1965 |
7 | B P Bhatt | 23 April 1965 | 22 April 1968 |
8 | R P Nayak | 31 April 1968 | 15 November 1969 |
9 | M V Desai | 12 December 1969 | 19 October 1970 |
10 | R Srinivasan | 20 October 1970 | 15 November 1971 |
11 | Virendra Vyas | 11 February 1972 | 30 June 1976 |
12 | K L Khandpur | 1 July 1976 | 31 January 1981 |
13 | Hrishikesh Mukherjee | 1 February 1981 | 10 August 1982 |
14 | Aparna Mohile | 11 August 1982 | 14 March 1983 |
15 | Sharad Upasani | 15 March 1983 | 9 May 1983 |
16 | Surresh Mathur | 10 May 1983 | 7 July 1983 |
17 | Vikram Singh | 8 July 1983 | 19 February 1989 |
18 | Moreshwar Vanmali | 20 February 1989 | 25 April 1990 |
19 | B P Singhal | 25 April 1990 | 1 April 1991 |
20 | Shakti Samanta | 1 April 1991 | 25 June 1998 |
21 | Asha Parekh | 25 June 1998 | 25 September 2001 |
22 | Vijay Anand | 26 September 2001 | 19 July 2002 |
23 | Arvind Trivedi | 20 July 2002 | 16 October 2003 |
24 | Anupam Kher | 16 October 2003 | 13 October 2004 |
25 | Sharmila Tagore | 13 October 2004 | 31 March 2011 |
26 | Leela Samson | 1 April 2011 | 16 January 2015 |
27 | Pahlaj Nihalani | 19 January 2015 | 11 August 2017 |
28 | Prasoon Joshi | 12 August 2017 | 30 december |
29 | Vedant Singh | 31 December 2017 |
फिल्म बोर्ड मे भी रिश्वत चलता है
यह कोई नई बात नहीं है। फिल्म बोर्ड के अंदर भी रिश्वत और दबाव चलता ही है। सीबीएफसी के एक सीईओ को तेजी से मंजूरी के लिए रिश्वत स्वीकार करने के लिए अगस्त 2014 में गिरफ्तार कर लिया गया था। जैसाकि भारत के अंदर आम रूप से होता आया है। इन राजनीतिक दबावों के चलते सेंसर बोर्ड के सदस्य अच्छे तरीके से काम नहीं कर पाते हैं। और इस वजह से उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है। 2002 में, फिल्म वॉर एंड पीस इसके अंदर कुछ परमाणु परिक्षण के द्रश्य थे और इस फिल्म के अंदर सेंसर बोर्ड ने 21 कटलगाने के लिए कहा गया था।
सन 2006 के अंदर हॉलीवुड फिल्म द दा विंची कोड को 7 राज्यों के अंदर प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने फिल्म पर से प्रतिबंध हटा लिया था।फिल्म सेंसर बोर्ड ने 2011अमेरिकी फिल्म द गर्ल विद द ड्रैगन टैटू मे पांच कट लगाने की मांग की थी। जिसमे बलात्कार के द्रश्य थे ।
फिल्म सेंसर बोर्ड के एक अध्यक्ष लीला सैमसन ने यह आरोप भी लगाया था कि फिल्मों के प्रमाण पत्र के लिए सताधिकारी पार्टी के लोग दबाव डालते हैं। इस वजह से उन्होंने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
2015 में, फिल्म चयम पूसिया विदु के अंदर फिल्म सेंसर बोर्ड ने चार कट लगाने की मांग की थी। हालांकि फिल्म के निर्माताओं ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और फिल्म प्रमाण पत्र के बिना ही रह गई। 2016 में फिल्म उडता पंजाब के अंदर फिल्म सेंसर बोर्ड ने 94 कट की सूची जारी की थी। लेकिन उसके बाद हाईकोर्ट ने इस फिल्म से प्रतिबंध हटा दिया और इसमे सिर्फ एक कट जारी किया । कोर्ट ने कहा कि यह फिल्म पंजाब राज्य को बदनाम करने के लिए नहीं है। वरन जनता को नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूक करने के लिए है।
दोस्तों अब तक आप समझ की चुके हैं कि फिल्म सेंसर बोर्ड क्या होता है ? और फिल्म सेंसर बोर्ड के अंदर कैसे काम होता है। यदि आप फिल्म सेंसर बोर्ड की वेबसाइट पर जाना चाहते हैं तो आप नीचे लिंक पर क्लिक कर जा सकते हैं। https://www.cbfcindia.gov.in/main/ फिल्म सेंसर बोर्ड क्या है? लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके बता