दोस्तों आपने भी ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के बारे मे सुना होगा । जिसको मेडिकल भाषा के अंदर ताकोत्सुबो कॉर्डिम्योपैथी भी कहा जाता है। यह सिंड्रोम मानसिक दिक्कतों के चलते पैदा होता है। ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम होने का सबसे ज्यादा खतरा पुरूषों की तुलना मे महिलाओं मे काफी अधिक होता है। इसकी वजह यह है कि महिलाएं पुरूषों की तुलना मे काफी कमजोर होती हैं। आइए जानते हैं ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के बारे में ।
वैसे दिल टूटने की घटना को लोग किसी भावनात्मक घटना से जोड़कर देखते हैं । लेकिन सचमुच लोग यह नहीं मानते हैं कि दिल टूटता है। लेकिन विज्ञान इस बात को मानता है कि दिल टूटता है।
क्या होता है ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम को दिमाग से जोडकर देखा जाता है। इसके अंदर सच मुच व्यक्ति के दिल को क्षति पहुंचती है। ऐसी दशा के अंदर व्यक्ति को यह लगता है कि सच मुच उसके हार्ट अटैक आ गया है। ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम केसी गम्भीर भावनात्मक चोट की वजह से पैदा हो सकता है। जैसे प्यार मे धोखा मिलने पर , किसी तरह की बड़ी द्रुर्घटना होने की वजह से ।
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के लक्षण
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के लक्षण भी हार्ट अटैक के समान ही होते हैं। जैसे सीने के अंदर दर्द , उखड़ी सांस , बाएं सीने के अंदर दर्द ,सांस फूलना इसका असर गर्मियों के अंदर बहुत ज्यादा होता है। और वैसे भी इसके लक्षण हार्ट अटैक के समान होते हैं। जिसकी वजह से रोगी के परिजन और डॉक्टर असंमजस मे पड़ जाते हैं। लेकिन पता लगने के बाद इसका उपचार भी आसानी से हो जाता है।
1. सीने मे दर्द रहता हो
- कमजोरी महसूस होती हो
- अनियमित धड़कन हो
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम पुरूषों की बजाय महिलाओं के अंदर अधिक होता है। यह 50 से 70 वर्ष की आयु के बीच होता है। महिलाओं के अंदर रजोनव्रति के बाद हार्मोन परिवर्तन होता है। और स्ट्रेस हार्मोन रिलेस होता है। इस वजह से भी ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम पैदा होता है।
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के उपचार
टूटे हुए दिल की मरमत की जा सकती है। डॉक्टरों ने ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम का उपचार भी तलास लिया है। वैज्ञानिकों ने ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के 100 लोगों का अध्ययन किया और पाया कि यह भावनात्मक और तनावपूर्ण घटनाओं की वजह से होता है। उसके बाद उन मरीजों को हर्ट से जुड़ी हुई दवाई दी गई। उसके बाद मरीजों के अंदर सुधार देखा गया है। वर्तमान के अंदर ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम के उपचार के लिए दिशा निर्देश मौजूद नहीं है। इसलिए इसका उपचार दिल की बिमारी की तरह किया जाता है।
ब्रोकन हर्ट सिंड्रोम एक बार उपचार हो जाने के बाद दुबारा होने की संभावना अधिक होती है। क्योंकि इसे रोकने के लिए अतिरिक्त चिकित्सा पद्वति उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर इसको दुबारा होने से रोकने के लिए लम्बे समय तक दवाओं को लेने की सिफारिश करते हैं।इसका इलाज लम्बे समय तक किया जाना चाहिए।