गुरूड़ पुराण के अंदर कई सारी बाते बताई गई हैं। इस लेख के अंदर हम बात करने वाले हैंकि कैसे कर्म इंसान को कभी नहीं करने चाहिए । क्योंकि वे कर्म करने से इंसान नर्क के अंदर जाता है। और वहां पर भयंकर पीड़ा भोगनी पड़ती है। पापी आत्मा को वहां दंड़ित किया जाता है। जिससे आत्मा चीख पुकारती है। जहां पर देवता रहते हैं वह स्वर्ग होता है और जहां पर पाप करने वाली आत्माएं रहती हैं वह नर्क होता है। अच्छे कर्म करने वाले इंसान स्वर्ग का मजा लेते हैं और बुरे कर्म करने वाले इंसान नर्क की सजा भौगते हैं।
लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं होता है। तो दोस्तों आइए जानते हैं कुछ पाप कर्म के बारे मे ।
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1.सुसाइड करने पर नर्क की सजा मिलती है
यदि कोई व्यक्ति जानबूझ कर सुसाइड कर लेता है। तो उसे नर्क की सजा भोगनी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति की कोई गति नहीं होती है। वह अपनी उम्र पूरी होने तक भटकता ही रहता है। लेकिन जो लोग एक्सीडेंट वैगरह के अंदर मारे जाते हैं। उनको नर्क की सजा मिलना आवश्यक नहीं है।
2. दूसरों की संपति कभी नहीं हड़पें
गुरूड पुराण के अनुसार जो इंसान दूसरों की संपति को हड़प लेता है। उसे मरने के बाद नर्क के अंदर जाना पड़ता है। वहां पर उसकी आत्मा को यम के सेवक पीटते रहते हैं। और उसे भयंकर पीड़ा होती है।
3. जानवरों की हत्या करने वाले
जो इंसान अपने जीवनकाल के अंदर जानवरों की हत्या करता है। और उनका मांस खाता है। उसे नर्क की सजा भोगनी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति की आत्मा को खौलते पानी के अंदर डाला जाता है।
4. जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने वाले
यदि कोई इंसान कत्तर्व्य से मुंह मोड़ने वाले इंसान सदैव नर्क के अंदर जाते हैं। यदि कोई इंसान अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है तो वह नर्क के अंदर जाएगा ।
5. निर्दय इंसान जाते हैं नर्क में
जो इंसान अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके दूसरों पर रोब झाड़ता है। कमजोर लोगों पर अत्याचार करता है। और उनका इस्तेमाल करता है। यातनाएं देता है। ऐसे लोगो की आत्मा को नरक के अंदर ले जाकर पत्थरों से कुचला जाता है।
6. चोरी करने वाले व्यक्ति
जो व्यक्ति अपने जीवन काल के अंदर चोरी करता है। खास कर हीरे चांदी ज्वाहरात वैगरह की तो उसकी आत्मा को नर्क के अंदर जलाया जाता है। नरक की भंयकर आग के अंदर उसे तपाया जाता है।
7. अपने साथी को धोखा देने पर नर्क की सजा मिलती है
जो पति अपनी पत्नी को या पत्नी अपने पति को धोखा देती है।ऐसे इंसानकों भी नर्क की सजा भौगनी पड़ती है। ऐसे व्यक्ति की आत्माओं को रक्त मांस और राद से भरे कुए के अंदर डाला जाता है।
8. झूंठी गवाही देने वाले
जो इंसान अपने फायदे के लिए झूंठी गवाही देते हैं अपने फायदे के लिद दूसरों का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे लोगों की आत्मा को नर्क के अंदर यातना भौगनी पड़ती है।
9. ब्याज का धंधा करने वाले
जो इंसान अपने जीवनकाल के अंदर ब्याज का धंधा करते हैं और गरीब लोगों से कड़ा ब्याज वसूलते हैं ऐसे लोगों की आत्मा को नर्क के अंदर भेजा जाता है।
10. दूसरों के खेत और घर मे आग लगाने वाले
जो लोग दूसरों के गोदाम के अंदर आग लगा देते हैं। उनके खेत के अंदर आग लगा देते हैं। या घर मे आग लगा देते हैं। ऐसे लोग सदैव नर्क के अंदर जाते हैं।
11. मिठाई को बांट कर नहीं खाने वाले
जो लोग छुपकर मिठाई खाते हैं दूसरों को नहीं देते ऐसे लोगों की आत्मा को भी नर्क के अंदर ले जाकर तड़पाया जाता है।
12. दूसरों को मारने वाले
जो इंसान दूसरों की हत्या कर देते हैं जहर देकर या फांसी देकर । ऐसे इंसानों की आत्मा को नर्क मे लाकर जलाया जाता है।
13. अन्य गलत काम करने वाले
दूसरों के वस्त्र को चोरी करने वाले लोग धर्म कर्म मे विश्वास न करने वाले लोग दूसरे का भोजन छीनने वाले लोग सदैव नर्क के अंदर जाते हैं।
दोस्तों गुरूड़ पुराण के अंदर और भी बहुत से पाप कर्में के बारे मे दिया हुआ है। जैसे शराब पीने वाले ब्रहामण और पर स्त्री के साथ संबंध रखने वाले इंसान गौ हत्या करने वाले लोग भी नर्क के अंदर सजा पाते हैं। दोस्तों इंसान की मौत के बाद क्या होता है।
उस पर बहुत से लोग बिलिव नहीं कर पाते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह सब कुछ है ही नहीं । क्या आप जानते हैं कि आज से 3000 हजार साल पहले मोबाइल के बारे मे सोचना भी अविश्वसनिये था । इतने समय पहले कोई इंसान हवा मे उड़ने की सोच भी नहीं सकता था क्योंकि यह असंभव था । मतलब उनको इस पर विश्वास नहीं था ।
कहने का मतलब है इंसान धरती के रहस्यों को पूरा ना तो कभी जान सकता है और ना ही जान पायेगा । केवल कुछ चीजे जान लेने से ही हम खुद को धरती के निर्माता समझने की गलती कर रहे हैं।
आप किसी भी धर्म ग्रंथ को उठाते हैं तो आपको दो चीजें तो अवश्य ही मिल जाएंगी । एक आत्मा अमर है और दूसरा स्वर्ग नर्क । झूंठी चीजे ज्यादा समय तक नहीं चलती हैं सत्य हमेशा टिका रहता है।