भावेश पहले माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के अंदर नौकरी करते थे भला लाखों की नौकरी छोड़ क्यों कोई उस काम में किस्मत आजमाना चाहेगा जिस में सफलता के चांस कम हो लेकिन भावेश ने ऐसा kiya क्योंकि वह कुछ नया करके दिखाना चाहते थे उनके अंदर कुछ नया करने का जज्बा और जुनून था इसी वजह से घरवालों के लाख मना करने के बाद भी उन्होंने बिजनेस के अंदर कदम रखा और एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल कर लिया
कैसे सोचा ओला के बारे में
एक बार भावेश कहीं सफर पर जा रहे थे तब ड्राइवर ने उनसे ज्यादा पैसे मांगे पैसे नहीं देने पर कार को वहीं रोक दिया तब unko बस से यात्रा करनी पड़ी तभी से उन्होंने सोच लिया कि जो समस्या उनके सामने आई है वह अब किसी के सामने नहीं आएगी और इसका हल निकालने के लिए एक बड़ी कंपनी की शुरुआत का निर्णय लिया
दोस्तों ने उड़ाया मजाक
जब भावेश ने अपनी लाखों की नौकरी छोड़ी तो उनके घर वालों ने इसका कड़ा विरोध किया और उनके दोस्तों ने भी उनका इसमें साथ नहीं दिया तब unko को सब कुछ अकेला ही करना पड़ा
पहले घर वालों ने सोचा कि मैं एक ट्रेवल एजेंट का काम कर रहा हूं उन्हें समझाना काफी मुश्किल था लेकिन जब पहली फंडिंग आई तो उनको मुझ पर भरोसा हुआ नौकरी छोड़ने के बाद भावेश मुंबई आए और लुधियाना जाकर ओला कैब मैं पर काम करना शुरू कर दिया सन 2010 में ओला कैब की स्थापना की थी तब उन्होंने न दोस्तों का साथ मिला और नए घर वालों का लेकिन उन्होंने सब कुछ kar लिया था आज इस कंपनी का 400 करोड़ का टर्न ओवर है और मैं रोजाना 15 घंटे काम करते हैं
दोस्तों मेरा इस कहानी सुनाने का मकसद है कि यदि हम मनसे ठान लेते हैं कि हमें कुछ करके दिखाना है तो कोई भी ताकत हमें रोक नहीं सकती चाहे हमें किसी का भी साथ नहीं मिले लेकिन यदि हमें अपने आप पर विश्वास है खुद पर भरोसा है तो एक ना एक दिन सफलता मिल ही जाती है भावेश को ही देख लीजिए उन्होंने अपनी लाखों की नौकरी छोड़ कैसे बिजनेस में अपनी किस्मत आजमाई इसमें सफलता के चांसेस बहुत कम थे लेकिन वह अपने कठोर परिश्रम से आज करोड़ों की कंपनी के मालिक है तो दोस्तों अभी भी देर नहीं हुई है खड़ी कर लीजिए अपनी हकीकत की मंजिल बदल लीजिए अपने सपनों को हकीकत में